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Karauli News: टोडाभीम में बैंककर्मी किसानों के लिए बने प्रेरणा, कम जमीन से कमा रहे हैं लाखों रूपये, जानें कैसे

Karauli News: टोडाभीम में एक युवा किसान ने जैविक खेती अपना कर लाखों रूपये की कमाई कर रहा है और साथ ही किसानों को खेती के बारे में ट्रेनिंग दे रहा है ताकि किसानों को कम जगह में लाखों की आमदनी हो सके.     

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Karauli News: टोडाभीम में बैंककर्मी  किसानों के लिए बने प्रेरणा, कम जमीन से कमा रहे हैं लाखों रूपये, जानें कैसे
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Ashish Chaturvedi|Updated: Mar 27, 2023, 01:12 PM IST

Karauli News: टोडाभीम कस्बे के रंगलाल का पुरा निवासी एक युवा किसान वर्मी कम्पोष्ट से अच्छी पैदावार कर मुनाफा कमा रहे हैं वहीं किसानों को भी इसके उपयोग का संदेश दे रहे है .सरकारी सेवा में कार्यरत किसान आधुनिक दौर में जैविक तरीके से खाद तैयार कर जैविक खेती के माध्यम से शुद्ध एवं पौष्टिक अनाज फल सब्जियां पौधे उत्पन्न कर किसानों को अपना जीवन एवं अपना भविष्य बचाने का संदेश दे रहे हैं.

हम बात कर रहे हैं बैंकिंग सेवा में कार्यरत टोडाभीम कस्बे के रंगलाल का पुरा निवासी कुलवंत मीणा की जोकि बैंकिंग क्षेत्र में सेवा देने के साथ-साथ जैविक खेती के तरीके अपनाकर अन्य किसानों को भी जैविक खाद तैयार कर अपनी आय बढ़ाने का भी संदेश दे रहे हैं. कुलवंत मीणा अपने घर के पास फार्म हाउस पर जैविक खाद तैयार करते हैं तथा उसी खाद को अपने खेतों में खेती के लिए उपयोग करते हैं जिससे उन्हें अच्छी पैदावार तो होती ही है लेकिन एक अच्छी आए भी पैदा कर रहे हैं. इस कार्य में उनको उनके चाचा ,भाइयों सहित पूरे परिवार का सहयोग मिल रहा है जिससे वे अपने द्वारा तैयार किए गए जैविक खाद को मशीनों के माध्यम से कट्टो में पैकिंग कर अन्य किसान भाइयों को भी उपलब्ध करवा रहे हैं और अपनी आय बढ़ा रहे हैं . 

इसके लिए घर पर ही अपने परिवार की मदद से उनकी पैकिंग कर अन्य किसान भाइयों को भी उसका उपयोग करने की सलाह दे रहे हैं तथा उनके द्वारा जैविक तरीके से खेती करके गेहूं सरसों की फसल तैयार करने सहित सब्जियां एवं जैविक तरीके से घर पर ही पेड़ पौधे तैयार कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है . इसके साथ ही अपने परिवार सहित अन्य किसान भाइयों का भी रासायनिक खादों के उपयोग से हो रही गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए उन्हें जैविक खाद तैयार करने तथा जैविक खाद का उपयोग करने की भी सलाह दे रहे हैं.

कुलवंत मीणा का कहना है की रासायनिक खाद एवं अन्य पदार्थों का खेती में उपयोग करने से खेती की जमीन की उर्वरा शक्ति कमजोर तो हो ही रही है इसके साथ साथ किसान गंभीर बीमारियों को भी गले लगा रहे हैं रासायनिक पदार्थों के उपयोग से जमीन की उर्वरा शक्ति क्षीण होती जा रही है इसके लिए कुलवंत मीणा किसानो से जैविक खाद से खेती करने की भी सलाह दे रहे हैं उनका कहना है की जैविक खाद तैयार करने के लिए सरकार के द्वारा भी बहुत बड़े स्तर पर मुहिम छिड़ी हुई है और इसके लिए किसान भाइयों को सरकार के द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है जिसका वह लाभ लेकर जैविक तरीके से खाद तैयार कर अपने परिवार सहित अन्य लोगों का भी जीवन बचा सकते हैं.

जैविक खाद तैयार करने के तरीके और पद्धति की पड़ताल को लेकर जी राजस्थान की टीम भी युवा किसान कुलवंत मीणा के घर एवं फार्म हाउस पर पहुंची और उनके द्वारा किस तरीके से जैविक खाद तैयार करने तथा उसके तरीके प्रक्रिया की जानकारी हासिल की आइए आपको दिखाते हैं कि कैसे एक युवा किसान ने अपनी सरकारी सेवाओं को भी बदस्तूर जारी रखते हुए अपने परिवार का साथ लेकर जैविक खाद को तैयार करने और जैविक तरीके से खेती करके अपने परिवार की आय में वृद्धि की है .

टोडाभीम पालिका के वार्ड 19 के रंगलाल का पुरा निवासी बैंककर्मी कुलवंत मीना कस्बे के ऐसे किसान है जो निरंतर कृषि विभाग के द्वारा दी गई सलाह को मानकर अपनी आय दोगुनी करने में सफल हो रहे है . मीना के द्वारा खरीफ की फसल में देसी तरीके से वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग करके खेती की जा रही है. साथ ही रासायनिक खाद के अंधाधुंध इस्तेमाल से लगातार घट रही भूमि की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट व जैविक खाद के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित कर रहे है. वही दूसरी ओर सरकार किसानों को केंचुए की खाद बनाने के लिए अनुदान भी दे रही है. जिससे भूमि की उर्वर क्षमता को बढ़ाया जा सके.

घट रही भूमि की उत्पादन क्षमता 

पालिका क्षेत्र के रंगलाल का पुरा निवासी कुलवंत मीना का कहना है कि किसानों को वर्मी कम्पोष्ट तैयार कर अपनी आय बढ़ाने के तरीके अपनाने चाहिये . लेकिन आज इस आधुनिक दौर में किसान पैदावार बढ़ाने एवं फसलों को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का अंधाधुंध इस्तेमाल कर रहे हैं . जिससे आने वाली पीढ़ी के लिये घातक साबित हो सकते है . इनसे बचने के लिये कुलवंत मीना किसान भाइयों को जैविक खेती के लिये जागरूक कर रहे है . कुलवंत मीना किसानों को जागरूक करने के साथ साथ रासायनिक उर्वरकों के भूमि पर पड़ रहे दुष्प्रभावों, घटती भूमि की उर्वर क्षमता के बारे जानकारी देकर भी किसानों को जागरूक कर रहे हैं. कुलवंत मीना ने बताया कि रासायनिक उर्वरकों के उपयोग कर उगाए जा रहे अन्न एवं सब्जियों का मनुष्य के शरीर पर भी कुप्रभाव पड़ रहा है. इतना ही नहीं मिट्टी में जिंक एवं सल्फर की कमी हो रही है. इससे आज की युवा पीढ़ी की लंबाई पर असर पड़ रहा है.

केंचुआ खाद को दिया जा रहा बढ़ावा
कुलवंत मीना ने बताया कि भूमि की उर्वरक क्षमता को बढ़ाने के लिए वर्मी कम्पोस्ट योजना अंर्तगत केंचुआ खाद बनाए जाने पर सरकार भी जोर दे रही है. इसके लिए किसानों को अपने खेतों में केंचुआ खाद बनाने के लिए गड्ढा तैयार करने पर सरकार अनुदान दे रही है. इस योजना का लाभ लेने वाले किसानों को सात फीट लंबा, तीन फीट चौड़ा एवं एक फीट गहरा गड्ढा तैयार करना है. इसके बाद इस पर शेड डालना होगा. गड्ढा तैयार होने के बाद किसान को इसमें गोबर भरना होगा वही खाद बनाने के लिये सरकार द्वारा किसान को केंचुए भी दिए जाएंगे.

किसानों की फसल लागत होगी कम, बढ़ेगी आय
पालिका क्षेत्र के रंगलाल का पुरा निवासी कुलवंत मीना ने बताया उनके द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग करने से उनकी आय बढ़ने के साथ-साथ पैदावार भी बढ़ी हैं. उन्होंने बताया कि वर्मी कम्पोष्ट खाद बनाने से किसान की फसल में लागत कम आएगी. दरअसल यह खाद पूरी तरह जैविक होगी. इसका फसलों में प्रयोग करने से किसान को महंगा खाद एवं कीटनाशक खरीदने से मुक्ति मिलेगी. वहीं किसान इस खाद को बेचकर भी अपनी आय बढ़ा सकता है. इस योजना का लाभ एक साल में एक गांव से एक ही किसान को मिलेगा . अभी तक सिवाया गांव स्थित राजकीय कृषि बीज भंडार पर पहुंचकर इस योजना का लाभ लेने के लिए लगभग 37 किसानों ने आवेदन किया है . जल्द ही इन किसानों के खेतों में केंचुआ द्वारा खाद तैयार कराई जाएगी.

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