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Karauli news:बालाजी भक्त मंडल ने चढ़ाई मंदिरो में ध्वज पताका,जयकारों से गुंजा कस्बा

Karauli news :  टोडाभीम कस्बे में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विजयदशमी पर बालाजी भक्त मंडल एवं आमजन के सहयोग से कस्बे के मंदिरों में ध्वज पताका चढ़ाई गई .कार्यक्रम में कस्बे के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. 

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Karauli news:बालाजी भक्त मंडल ने चढ़ाई मंदिरो में ध्वज पताका,जयकारों से गुंजा कस्बा
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Ashish Chaturvedi|Updated: Oct 24, 2023, 12:07 PM IST

Karauli news : टोडाभीम कस्बे में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विजयदशमी पर बालाजी भक्त मंडल एवं आमजन के सहयोग से कस्बे के मंदिरों में ध्वज पताका चढ़ाई गई . कार्यक्रम का शुभारंभ गणेशगंज बाजार स्थित गणेश मंदिर पर पंडित के द्वारा मंत्र उच्चारण के साथ विधि विधान से पूजा अर्चना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई

जय श्री राम के नारों से गुजा कस्बा

 इस दौरान सैकड़ो लोग बैंड बाजा के साथ कस्बे के गली मोहल्ले में होकर निकले और कस्बे में स्थित सभी मंदिरों पर 61 ध्वज पताका चढ़ाई गई . इस दौरान जय श्री राम के जयकारों से समूचा कस्बा गुंजायमान हो उठा .कार्यक्रम में कस्बे के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया. 

दांते वाले भक्त मंडल के सदस्य श्यामलाल शर्मा ने बताया कि पिछले चार-पांच वर्षों से लगातार इसी तरह विजयदशमी पर कस्बे के सभी मंदिरों पर ध्वज पताका चढ़ाने का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है . जिसमें कस्बे के पुरुष युवा बच्चे सभी बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं और बैंड बाजा के साथ कस्बे में स्थित सभी मंदिरों पर बारी-बारी से ध्वजा पताका चढ़ाते है . इस दौरान भक्तों द्वारा लगाए जाने वाले जयकारों से समूचा कस्बा गुंजायमान हो उठता है.

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 इस मंदिर में 300 फीट ऊंचाई पर फहरता है पताका 
देश के अलग-अलग कोने में विजयदमी मनाई जाती है. वही  झालरापाटन स्थित अति प्राचीन सूर्य मंदिर पर विजया दशमी के मौके पर वर्षों पुरानी परंपरा के मुताबिक नई ध्वज पताका स्थापित की जाती है.ध्वज पताका को फहराने के लिए सुबह पहले विधि-विधान से पूजन किया जाता है.उसके बाद करीब 300 फीट ऊंचाई पर मंदिर शिखर तक चढ़कर धार्मिक ध्वज पताका को स्थापित किया जाता है.यह पताका अर्जुन सोनी नाम का व्यक्ति हर साल अपने हाथों से लगाता है.अर्जुन सोनी का कहना है कि वह यह कार्य किसी लाभ के लिए नहीं, बल्कि भगवान पद्मनाभ के आशीर्वाद के लिए करते हैं और जब तक जिंदा है तब तक प्रतिवर्ष ध्वज पताका फहराते रहेंगे.

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