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Sawan 2024 : सावन 2024 में 5 सोमवार और 4 मंगला गौरी व्रत, इन दिन है सावन शिवरात्रि

Sawan 2024 : हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व है. सावन में भगवान शिव की आराधना से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती है, शिवभक्त पूरे साल भर सावन की प्रतीक्षा करते हैं, क्योंकि ये माह शिव शंकर को विशेष प्रिय है. सावन में की गयी पूजा से दुख -दर्द से मुक्ति मिलती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं. इस बार 22 जुलाई से सावन शुरु होंगे और 19 अगस्त 2024 तक रहेंगे, यानि की इस बार सावन 29 दिन के हैं. चलिए बताते हैं सावन 2024 के व्रत कब-कब होंगे और मंगला गौरी व्रत कब है.  

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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jun 21, 2024, 09:51 AM IST

Sawan 2024 : हिंदू धर्म में सावन का विशेष महत्व है. सावन में भगवान शिव की आराधना से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती है, शिवभक्त पूरे साल भर सावन की प्रतीक्षा करते हैं, क्योंकि ये माह शिव शंकर को विशेष प्रिय है. सावन में की गयी पूजा से दुख -दर्द से मुक्ति मिलती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं.

हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 22 जुलाई से सावन शुरु होंगे और 19 अगस्त 2024 तक रहेंगे, यानि की इस बार सावन 29 दिन के हैं. चलिए बताते हैं सावन 2024 के व्रत कब-कब होंगे और मंगला गौरी व्रत कब है.

सावन व्रत 2024 और मंगला गौरी व्रत 2024  (Sawan 2024 And Mangla Gauri Vrat 2024)

आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को हैं, जिसके अगले ही दिन 22 जुलाई से सावन शुरु हो रहे है जो 19 अगस्त तक चलेंगे. 
पहला सावन सोमवार व्रत तिथि : 22 जुलाई
दूसरा सावन सोमवार व्रत तिथि : 29 जुलाई
तीसरा सावन सोमवार व्रत तिथि : 5 अगस्त
चौथा सावन सोमवार व्रत  तिथि : 12 अगस्त
पांचवा सावन सोमवार व्रत तिथि : 19 अगस्त
 

इस बार सावन में 4 मंगला गौरी व्रत हैं. श्रावण मास के हर मंगलवार के दिन मां पार्वती की प्रसन्न करने के लिए मंगला गौरी व्रत रखा जाता है. 
पहला मंगला गौर व्रत : 23 जुलाई
दूसरा मंगला गौरी व्रत : 30 जुलाई
तीसरा मंगला गौरी व्रत : 6 अगस्त
चौथा मंगला गौरी व्रत : 13 अगस्त

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इस बार सावन शिवरात्रि 2 अगस्त 2024 को होगी. इस दिन भोलेनाथ के जलाभिषेक मात्र से हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है. आपको बता दें कि सावन में सृष्टि का पूरा संचार भगवान शिव देख रहें होते हैं. क्योंकि इस समय श्री विष्णु योग निद्रा में होते हैं. ऐसे में भोलेनाथ की सावन में की गयी पूजा विशेष रूप से फलीफूत होती है.

डिस्क्लेमर- ये लेख सामान्य जानकारी है, जिसकी ज़ी मीडिया पुष्टि नहीं करता है

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