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kartik Maas 2023: कार्तिक मास को क्यों कहा गया मोक्ष का द्वार, माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का क्या है कनेक्शन

Kartik Maas 2023: साल 2023 का कार्तिक माह (Kartik Maas 2023) 29 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28-29 अक्तूबर की मध्य रात्रि में लगने के कारण कार्तिक माह के पहले दिन गंगा स्नान करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी. हिंदू धर्म में कार्तिक मास में गंगा स्नान का बेहद खास महत्व है.

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kartik Maas 2023: कार्तिक मास को क्यों कहा गया मोक्ष का द्वार, माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय का क्या है कनेक्शन
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Anuj Kumar |Updated: Oct 29, 2023, 02:30 AM IST

Kartik Maas 2023: साल 2023 का कार्तिक माह (Kartik Maas 2023) 29 अक्टूबर से शुरू हो रहा है. इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा पर 27 नवंबर 2023 को होगा. ऐसे में जानेंगे की कार्तिक मास का हिंदू धर्म में क्या महत्व है और इस माह में गंगा स्नान करना बेहद खास क्यों माना गया है. 28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा चंद्रग्रहण के साये में बीता. साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 28-29 अक्तूबर की मध्य रात्रि में लगने के कारण कार्तिक माह के पहले दिन गंगा स्नान करनने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. 

चंद्रग्रहण के बाद करें गंगा स्नान (take bath after lunar eclipse 2023 ends)

हिंदू धर्म और शास्त्रों के अनुसार ग्रहण की समाप्ति होने पर स्नान अवश्य करना चाहिए. गंगा में स्नान, तालाब, कुएं या घरों में गंगाजल डालकर नहाने के बाद  पूजा घर में गंगाजल से शुद्ध कर ही भगवान की पूजा-आराधना कर सकते हैं. ग्रहण खत्म होने के बाद पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करें. ग्रहण के बाद दान भी काफी महत्व होता है. ऐसे में कार्तिक माह का आरंभ के दिन गंगा स्नान का बेहद खास महत्व है.

कार्तिक में गंगा स्नान का पुण्य (Importance of Ganga Snan in Kartik month)

कार्तिक मास को मोक्ष का द्वार कहा गया है. भगवान विष्णु का प्रिय माह कार्तिक मास आज से शुरू होने जा रहा हैं. हिंदू धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व है. यह भगवान विष्णु का प्रिय माह माना जाता हैं. यह चातुर्मास का अंतिम महीना होता है. ऐसे में Kartik Maas पर क्या करें क्या न करें जानना बेहद जरूरी है.

कार्तिक मास मोक्ष का द्वार (Kartik Maas 2023 Date)

 हिंदू धर्म में कहा गया है कि  पूरे कार्तिक माह में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर जो जातक गंगा स्नान करता है उसे धरती के सभी तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है. कार्तिक मास में दीपदान का भी विशेष महत्व बताया गया है. पद्म पुराण, नारद पुराण और स्कन्द पुराण में कार्तिम मास की विशेष  महिमा है. इस मास में किए गए पूजा, दान, धर्म -कर्म सीधे देवों तक पहुंचता है, इसलिए इसे मोक्ष का द्वार भी कहा गया है.

कार्तिक मास का पूरा माह तीज-त्योहारों भरा (Kartik Maas 2023 Festivals)

कार्तिक माह में कार्तिक स्नान के साथ त्योहारों का दौर शुरू हो जाएगा. त्योहारों में सबसे पहले 1 नवंबर को करवाचौथ, 5 नवंबर को अहोई अष्टमी, 9 को रंभा एकादशी व्रत, 10 को धनतेरस, 12 को नरक चतुर्दशी, 12 को दिवाली, 13 को गोवर्धन पूजा, 14 को भाई दूज, 17 नवंबर से 20 नवंबर, देवुत्थान एकादशी - 23 नवंबर, 2023,तुलसी विवाह - 24 नवंबर, 2023 होगी. इस तरह पूरे महीना तीज-त्योहारों के साथ बीतेगा.

ये भी पढ़ें- Kartik Maas 2023: कार्तिक मास कल से शुरू, मिलेगा स्नान का फल, दान-पुण्य और दीपदान का महत्व

कार्तिक मास में ही भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं और अपने भक्तों पर कृपा बरसाते हैं. इस मास में भगवान विष्णु पृथ्वी पर अपने भक्तों के बीच जल में निवास करते हैं. इसलिए कार्तिक माह में गंगा स्नान का विशेष महत्व है. इसके अलावा  स्कंद पुराण में वर्णित कथा के अनुसार भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय ने तारकासुर का वध भी इसी माह में किया था, जिसके कारण इसका नाम कार्तिक पड़ा.  इस मास में पवित्र नदियों में स्नान, दान, उपासना, हवन आदि करने से जातकों पर भगवान विष्णु संग माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बरसती है.

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