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Jodhpur: जोधपुर के किसान ने खेती में नवाचार कर पौधशाला से तीन वर्ष में 15 लाख कमाए, उद्यान विभाग में आप भी करवाएं पंजीयन

Jodhpur: नीचे जाता भूजल स्तर, कम होती जोत अब किसानों के लिए बड़ी चुनौती है. ऐसे में किसानों की आय कैसे बढ़े. इसको लेकर केंद्र और राज्य सरकार भी किसानों से खेती में नवाचार और बूंद-बूंद सिंचाई को लेकर उन्हें प्रोत्शाहन देने में लगी हैं. इस बीच पश्चिमी राजस्थान खासकर जोधपुर जिले के किसान अब सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर खेती में नवाचार को अपना कर अच्छी आमदनी ले रहे हैं.  

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Jodhpur: जोधपुर के किसान ने खेती में नवाचार कर पौधशाला से तीन वर्ष में 15 लाख कमाए, उद्यान विभाग में आप भी करवाएं पंजीयन
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Nov 27, 2022, 02:30 PM IST

Jodhpur:  कुछ ऐसा ही कर दिखाया जोधपुर जिले के पालड़ी राणावता गांव निवासी किसान सीताराम सेंगवा ने भी. जोधपुर जिले के भोपालगढ़ इलाके के गांव पालड़ी राणावता के प्रगतिशील किसान सीताराम सेगवां ने एक किसान समूह तैयार कर खेतीं में नवाचार अपनाकर खेतीं नगदी आय का लाभ प्राप्त किया.

प्रगतिशील किसान सीताराम सेगवां ने नाबार्ड वित्तीय सहायता और काजरी जोधपुर के साथ कृषि-उद्यान विभाग से पौधे तैयार करने,मशाला खेतीं की उन्नत तकनीकी से खेतीं आय का लाभ कैसे मिले. इसके लिए खेत में पौधशाला तैयार करवाई. कृषि- उद्यान विभाग से विभिन्न प्रकार की कृषि उन्नत तकनीकी का  लाभ लेते हुए सबसे पहले  खेत में चार हेक्टर मे ड्रिप इरीगेंशन सिस्टम को अपनाया ताकि खेतीं सिचांई जल की बचत हो.

 तीन वर्ष पहले केवल 12×8 मीटर की पौधशाला शैडनेट नार्बाड से वित्तीय सहायता से खेत मे एक किसान समूह तैयार कर स्थापित किया था. उद्यानिकी विभाग एवं काजरी से उन्नत तकनीक से पौधे तैयार करने की तकनीकी का प्रशिक्षण लेकर एक छोटी सी शुरआत की.

आज यह किसान विभिन्न प्रकार के फलदार,वांनिकी और सब्जियों की पौध तैयार कर रहा है, बल्कि पौधशाला से पिछले तीन वर्ष में इस नर्सरी से 15 लाख की आमदनी ली. काजरी से उन्नत तकनीकी से देशी खेजड़ी से कलम के माध्यम से थारशोभा खेजड़ी तैयार की. अब तक 15 लाख के पौधे किसान भाईयों में बिक्री किए. थारशोभा खेजड़ी की खासियत है कि इसमे कांटे नहीं होते हैं. 

दूसरे साल में ही अच्छी सांगरी का उत्पादन  होता है. पशुचारा (लूंग) का अच्छा उत्पादन मिलता हैं, यह तकनीक  काजरी से सीखने के बाद इसके साथ फलदार पौधों में नींबू गुंदा,आंवला,ताइवान पपीता,बेर, वांनिकी के तहत् पौधों में रोहिडा, शीशम ,नीम, अमलतास एवं सब्जी में टमाटर व गोभी के पौध तैयार कर रहा है.  

पौधशाला को उद्यान विभाग जोधपुर से रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया. पौधशाला के साथ-साथ खरीफ और रबी मे सभी फसलों बुवाई कर उत्पादन भी ले रहा है. काजरी एवं कृषि -आत्मा विभाग से प्रगतिशील किसान के रूप मे उसे पुरस्कार सम्मान भी मिला. अब यह किसान इलाके के दूसरे किसानों को भी खेती में नवाचार बागवानी अपनाने के लिए जगरुक्त कर रहा है, ताकि किसान परम्परगत खेती को छोड़ नवाचार अपना कर अच्छी आमदनी ले सकें. दूसरे किसान भी इस किसान से प्रेरित होकर खेती करने लगे हैं.

Reporter- Bhawani Bhati

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