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एम्स जोधपुर ने किया "वाक-आ-थांन" का आयोजन, "एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस" पर किया जागरूक

आमजनता को देश में बढ़ते "एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस " के संकट से अवगत कराने के लिए एम्स जोधपुर ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर रविवार को पैदल जागरूकता यात्रा "वाक-आ - थांन " का सफल आयोजन किया. 

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एम्स जोधपुर ने किया "वाक-आ-थांन" का आयोजन, "एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस" पर किया जागरूक
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Arun Harsh|Updated: Aug 14, 2022, 07:09 PM IST

Luni: आमजनता को देश में बढ़ते "एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस " के संकट से अवगत कराने के लिए एम्स जोधपुर ने आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पर रविवार को पैदल जागरूकता यात्रा "वाक-आ - थांन " का सफल आयोजन किया. 

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 यात्रा की शुरूआत एम्स ऑडिटोरियम से हुई.  यात्रा एम्स ऑडिटोरियम से शुरू होकर पाल रोड होते हुए अशोक उद्यान पर समाप्त हुई.  जहां एम्स के निर्देशक डॉ. संजीव मिश्रा ने अपने सम्बोधन में सभी चिकत्सकों और आमजनता से एंटीबायोटिक्स का सावधानी से उपयोग करने का  अनुरोध किया.  डॉ मिश्रा ने कहा, अगर हम लोग आज नहीं संभसते है तो आने वाले समय में हमारे पास संक्रामक रोगों से लड़ने के लिए एंटीबायोटिक्स नहीं बचेगी.  

 यात्रा के दौरान 150 से अधिक प्रतिभागियों ने सन्देश पत्रों का वितरण किया तथा एंटीबायोटिक्स दवाओं का सही प्रयोग करने के लिए नारे लगाए. एम्स अधिक्ष्क डॉ. गर्ग ने अशोक उद्यान पर मीडया सम्बोधन कर इस यात्रा का उद्देश्य समझाया. 
 इस यात्रा में एम्स के निर्देशक डॉ संजीव मिश्रा तथा एम्स के अधीक्षक डॉ महेंद्र कुमार गर्ग उपस्थित रहे.  एम्स के विभिन्न विभागों से प्रस्तुत चिकत्सको , मेडिकल विद्यार्थिओं और आमजनता ने भी इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.

क्या है  "एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस "
एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस उस स्थिति को कहते हैं जब बैक्टीरिया उन दवाइयों के प्रति अनुकूलित हो जाते हैं जो उन्हें मारने के लिए बनाई गई हैं. इसका मतलब है कि बैक्टीरिया मरते नहीं है और लगातार बढ़ते जाते हैं.

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