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Rajasthan Politics: राजेंद्र गुढ़ा ने फिर मारी पलटी,कहा-नहीं लड़ूंगा शिवसेना से चुनाव

Rajasthan Politics: शिव सेना शिंदे गुट के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने शिव सेना से चुनाव ना लड़ने की बात कही है. दरअसल राजेंद्र सिंह गुढ़ा इनदिनों झुंझुनूं विधानसभा के प्रस्तावित उप चुनाव की तैयारियों को लेकर झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में खासे सक्रिय है.

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Sandeep Kedia|Updated: Jun 17, 2024, 09:46 AM IST

Rajasthan Politics:राजस्थान के झुंझुनूं से इस वक्त की बड़ी खबर मिल रही है. पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल उनके एक बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि बसपा, कांग्रेस के बाद अब राजेंद्र सिंह गुढ़ा का शिव सेना से भी मोह भंग हो गया है. क्योंकि झुंझुनूं में आज ईदगाह पर मुस्लिम लोगों को ईद की बधाई देने पहुंचे राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा है कि वे शिव सेना से चुनाव नहीं लड़ेंगे. 

जी, हां शिव सेना शिंदे गुट के प्रदेश संयोजक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने शिव सेना से चुनाव ना लड़ने की बात कही है. दरअसल राजेंद्र सिंह गुढ़ा इनदिनों झुंझुनूं विधानसभा के प्रस्तावित उप चुनाव की तैयारियों को लेकर झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र में खासे सक्रिय है. 

इसी के चलते वे आज ईदगाह पहुंचे. यहां पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि 40 साल पहले झुंझुनूं जिला सीकर जिले से चार कदम आगे था. लेकिन अब 1000 कदम पीछे है. 

राजस्थान का सबसे बैकवर्ड जिला झुंझुनूं ही है. लोग नहर की बात करते है,लेकिन घरों की नलों में पानी तक नहीं पहुंचा पाए. रेलवे फाटकों पर जाम लगा रहता है. पुलिया नहीं बना पाए. खेल यूनिवर्सिटी आई हुई वापिस चली गई. जिस झुंझुनूं जिले की पहचान सैनिकों, किसानों, उद्योगपतियों और लोगों के हुनर के लिए होती थी. उस जिले को आखिरी पायदान पर लाकर छोड़ दिया. इसलिए झुंझुनूं के पुराने गौरव को वापिस दिलाने के लिए काम करेंगे. 

उन्होंने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि यह तय है कि मैं शिव सेना से चुनाव नहीं लड़ूंगा. रही बात असदुद्दीन ओवैसी की तो वे उनके मित्र है. हम आपस में मिलते रहते हैं. मैं असदुद्दीन ओवैसी का मान—सम्मान करता हूं. गुढ़ा के इस बयान के बाद कयास शुरू हो गए है कि गुढ़ा अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन, जिसे AIMIM के नाम भी जाना जाता है. उससे चुनाव लड़ सकते है. 

क्योंकि झुंझुनूं में मुस्लिम वोटर्स की अच्छी खासी तादाद है. बहरहाल, राजेंद्र सिंह गुढ़ा के इस बयान से एक बार फिर सियासी चर्चाओं में उफान आ गया है. साथ ही यह चर्चा भी शुरू हो गई है कि सबसे पहले लोक जन शक्ति पार्टी में, फिर बहुजन समाज पार्टी में, फिर कांग्रेस में, फिर शिव सेना के बाद अब क्या राजेंद्र सिंह गुढ़ा ओवैसी की पार्टी AIMIM में जाने वाले है.

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