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लंपी वायरस रोकथाम अभियान को लगा झटका, जिनके भरोसे रोकने की थी उम्मीद, वो निकले हड़ताल पर

Jhunjhunu: प्रदेश में एक तरफ लंपी वायरस फैल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पशुपालन विभाग के लंपी वायरस रोकथाम के अभियान को बड़ा झटका लगा है. दरअसल आज से पशु चिकित्साकर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी है.

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पशुपालन विभाग के अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर.
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Aug 29, 2022, 05:14 PM IST

Jhunjhunu: प्रदेश में एक तरफ लंपी वायरस फैल रहा है तो वहीं दूसरी तरफ पशुपालन विभाग के लंपी वायरस रोकथाम के अभियान को बड़ा झटका लगा है. दरअसल आज से पशु चिकित्साकर्मियों ने हड़ताल शुरू कर दी है. जिससे अब इस वायरस की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे अभियान को बड़ा झटका लगा है.

पशुपालन विभाग के अधिकारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर
पशुपालन विभाग के पशुधन सहायक, पशु चिकित्सा सहायक और सहायक सूचना अधिकारी अपनी 11 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए. राजस्थान पशु चिकित्सा कर्मचारी संघ के प्रदेशव्यापी आह्वान पर आंदोलनरत पशु चिकित्साकर्मियों ने संपूर्ण कार्यों का अनिश्चतकाल के लिए बहिष्कार कर दिया.

मुख्यमंत्री से मांगों पर उचित निर्णय करने की अपील
संघ के प्रदेश संयुक्त मंत्री ने बताया कि मार्च 2022 में चिकित्साकर्मियों ने मांगों को लेकर जयपुर में अनशन किया था. तब राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने सभी 11 मांगों पर सैद्धांतिक सहमति जताते हुए तीन माह में मांगों से संबंधित आदेश जारी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन चार माह बाद भी कोई सकारात्मक निर्णय नहीं किया गया. इससे नाराज होकर आंदोलन पर जाने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री से मांगों पर उचित निर्णय करने की अपील की है.

उन्होंने बताया कि तीन संवर्ग के कर्मचारी पदनाम परिवर्तन करने, ग्रेड पे 4200 करने, डिप्लोमा वेटरनरी काउंसिलंग की स्थापना करने व पशु चिकित्सा सहायक का हार्ड ड्यूटी अलाउंस बढ़ाने समेत 11 सूत्री मांगों को लेकर हड़ताल पर है. जब तक सरकार उनकी मांगों पर कोई उचित निर्णय नहीं लेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी.

ये भी पढ़ें- लंपी के कोहराम के बीच अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश पर पशुधन सहायक, गहलोत सरकार के सामने रखीं 11 सूत्रीय मांगें

संयुक्त निदेशक बोले-हड़ताली कर्मचारियों के उच्चाधिकारियों को नाम भेजे
विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. रामेश्वरसिंह का कहना है कि लम्पी संक्रमण के दौर में चिकित्साकर्मियों का हड़ताल पर जाना गलत है। हड़ताली कर्मचारियों के नाम उच्चाधिकारियों को भेजे जाएंगे। उनके निर्देश पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

Repoprter-Sandeep Kedia

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