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Rajasthan News: क्या सीएम भजनलाल ने बचा लिए उजड़ने से 150 आशियाने? हाई कोर्ट ने दिया था आदेश...

Rajasthan News: जालौर जिले के ओडवाड़ा गांव में दो भाईयों के जमीनी विवाद पर हाईकोर्ट ने करीब 440 कच्चे-पक्के मकानों को तोड़ने के आदेश जारी किए थे. गुरुवार 16 मई को यहां 150 मकानों पर कार्रवाई की जा रही है. इस पूरे मामले पर आहोर विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात कर उन्हें पूरा मामला बताया जिसके बाद ओडवाड़ा ग्रामवासियों को राहत मिली.

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Aman Singh |Updated: May 16, 2024, 08:38 PM IST

Rajasthan News: राजस्थान में जालौर जिले के ओडवाड़ा गांव में दो भाईयों के पारिवारिक झगड़े के मामले में हाइकोर्ट ने बड़ी संख्या में हुए निर्माण को तोड़ने के आदेश पिछले साल ही दे दिए थे. मिली जानकारी के अनुसार जिस भूमि पर निर्माण हुए हैं. वह भूमि ओरण किस्म की भूमि हैं. हाईकोर्ट के सुनवाई के बाद ओरण भूमि पर बने मकान को अतिक्रमण मानते हुए हटाने के आदेश दिए गए थे. 

हाईकोर्ट की अनुपालना में जिला प्रशासन भी तैयारी में लग गया. मकानों को ध्वस्त करने की इस कार्रवाई के विरोध में यहां बड़ी संख्या में पुरुष एवं महिलाएं जुट गईं. इसके बाद पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठी भी चार्ज किया. पुलिस प्रशासन ने बल प्रयोग कर महिलाओं और लोगों को वहां से हटाया. इसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की. जब महिलाओं के मकानों पर बुलडोजर चला तो कई महिलाएं बिलख पड़ी तो कई बेहोश हो गईं. 

विधायक छगन राजपुरोहित ने सीएम भजनलाल से की मुलाकात

इस पूरे मामले को लेकर आहोर के विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने सीएम भजनलाल शर्मा से मुलाकात की. छगन सिंह राजपुरोहित ने मुख्यमंत्री से मिलकर ओडवाड़ा गांव को उजड़ने से रुकवाने का आग्रह किया. विधायक छगन सिंह ने सीएम भजनलाल शर्मा को पूरे मामले की जानकारी दी और ओडवाड़ा के मामले पर ज्ञापन सौंपा. 

सीएम भजनलाल शर्मा ने संवेदनशीलता दिखाई और इस विषय पर अधिकारियों से बात की. विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने कहा कि ओडवाड़ा ग्रामवासियों से मिलकर कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी. विधायक छगन सिंह राजपुरोहित ने कहा कि ओडवाड़ा ग्रामवासियों के हित में फैसला लाने का प्रयास रहेगा. 2021 से ओडवाड़ा गांव के हित में प्रयास किए और गांव को उजड़ने से रुकवाया भी था. 

3 साल पुराना है मामला

दरअसल इस पूरे मामले की शुरुआत 3 साल पहले हुई थी. ओडवाड़ा गांव के दो भाई मुकेश पुत्र मुल्लसिंह राजपुरोहित और महेंद्रसिंह पुत्र बाबूसिंह राजपुरोहित में जमीन के बंटवारे को लेकर विवाद हो गया था. विवाद होने के बाद दोनों भाई जमीनी मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गए. दोनों भाईयों के जमीन का नाप हुआ. जिसमें हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूरे ओडवाड़ा गांव की जमीन को ही ओरण भूमि बताया. 

ओरण भूमि पर बने हैं गांव 440 घर 

ओडवाड़ा गांव की करीब 440 घर ओरण भूमि पर बने हुए हैं. हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार ओडवाड़ा गांव के 440 घर ओरण भूमि में बने हैं. इसको लेकर पूर्व में कोर्ट के आदेश पर प्रशासन की ओर से पहले भी इन सभी घरों पर क्रॉस का निशान लगाकर चिन्हित किया गया था. मालिकों को घर खाली करने के नोटिस भी जारी किए गए थे. लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद फिर से 2 मई को तहसीलदार ने सभी को नोटिस जारी किए.

घर खाली करने के लिए दिया कल तक का समय

इन सभी मकानों के मालिकों को 14 मई तक मकान खाली करने को कहा गया था. जिन्हें तोड़ने के लिए आज प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. जानकारी के अुनसार प्रशासन ने ग्रामीणों को कल तक का समय देते हुए राहत दी गई. इस बीच लोगों को अपने घरों से सामान हटाने को कहा गया है. साथ ही बुलडोजर के जरिए मकानों की बाउंड्री तोड़ी गई.  

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