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Jalore News: RTDC के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने EWS को लेकर केंद्र सरकार राजस्थान मॉडल लागू करें

Jalore : राजस्थान आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल की जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी संवैधानिक ठहराया है.

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Jalore News: RTDC के पूर्व अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने EWS को लेकर केंद्र सरकार राजस्थान मॉडल लागू करें
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Feb 14, 2024, 02:20 PM IST

Jalore News : एक दिवसीय जालोर दौरे पर आए आरटीडीसी के पूर्व चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ ने ईडब्ल्यूएस में सरलीकरण की मांग को लेकर प्रेस वार्ता की.

राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने की पहल की जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी संवैधानिक ठहराया है. ये पहल तो अच्छी थी परन्तु EWS में शामिल होने को लेकर जोड़ी गईं जटिल शर्तों से इसका फायदा बहुत कम लोगों तक पहुंच पा रहा है.

ईडब्ल्यूएस की प्रमुख शर्त जिसमें 5 एकड कृषि भूमि और एक निश्चित क्षेत्रफल से अधिक का मकान होने पर आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा. साथ ही अन्य वर्गों की तरह परीक्षार्थियों को आयु सीमा में कोई छूट नहीं दी गई है जिससे बड़ी संख्या में परीक्षार्थी इस लाभ के दायरे से बाहर हो रहे हैं इसलिए केन्द्र सरकार द्वारा भी राजस्थान मॉडल लागू करना चाहिए.

जबकि राजस्थान मे ईडब्ल्यूएस आरक्षण की शर्तों में छूट देते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले अचल संपत्ति की शर्त हटाई एवं बाद में परीक्षार्थियों को आयु सीमा और परीक्षा शुल्क में भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह लाभ देना शुरू किया गया.

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इससे राजस्थान में बड़ी संख्या में ईडब्ल्यूएस वर्ग में लाभार्थी शामिल हुए और उन्हें लाभ मिल सका। राठौड़ ने कहा 1998 से 2003 के कार्यकाल के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आर्थिक रूप से पिछड़ी सवर्ण जातियों के लिए 14 प्रतिशत आरक्षण का प्रस्ताव विधानसभा से पास कर केन्द्र सरकार को भेजकर सबसे पहले ईडब्ल्यूएस आरक्षण की पहल की थी.

उन्होंने कहा कि राजस्थान जैसे विशाल क्षेत्रफल वाले राज्य में 5 एकड कृषि की शर्त उचित प्रतीत नहीं होती है. केन्द्र सरकार के तमाम आयोगों की रिपोर्ट बता चुकी हैं कि राजस्थान जैसे राज्यों में 5-10 एकड़ कृषि भूमि वाले लघु एवं सीमान्त किसानों की आय प्रतिवर्ष 1 लाख रुपये से भी कम होती है.

जहां उपजाऊ जमीन नहीं है वहां तो ये और भी कम होती है. यहां पुश्तैनी घरों का आकार भी बड़ा होता ही है. ऐसे में उन्हें EWS आरक्षण से बाहर करना उचित प्रतीत नहीं होता है. यही कारण है कि UPSC, SSC समेत तमाम बड़ी परीक्षाओं में EWS वर्ग के अभ्यर्थियों की संख्या SC, ST और OBC कैटिगिरी से तीन गुना तक कम है.

आर्थिक पिछड़ा वर्ग भाजपा के पक्ष में अपेक्षाकृत ज्यादा रहा है इसके बावजूद भाजपा की सरकार द्वारा आर्थिक पिछड़ा वर्ग के साथ इस तरह का दोहरा बर्ताव उचित नहीं है. भाजपा इस वर्ग को वोट बैंक समझने की बजाय, उनकी उचित मांगों को पूरी करने का कार्य करे.

कार्यक्रम में भीनमाल विधायक डॉ समरजीत सिंह राठौड़, राव मोहनसिंह चितलवाना, नैनसिंह राजपुरोहित, सुरेंद्र दवे, तरुण सोलंकी, लोकेंद्र सिंह चितलवाना, लाल सिंह धानपुर, खेतसिंह मेड़तिया, योगेंद्र सिंह कुम्पावत,लालसिंह राजपुरोहित,हिन्दु सिंह दूठवा,कल्याण सिंह राठौड़, सुमेर सिंह धानपुर,गोविंद सिंह मंडलावत मौजूद रहे.

 इसके  अलावा गजेंद्र सिंह डोडियाली,भवर सिंह आवलोज,स्वरूप सिंह बिशनगढ़, दशरथ सिंह बालोत,विक्रम सिंह करनोत, महावीर सिंह दतिया,भोमाराम मेघवाल, दीपक थांवला,भीम सिंह राजावत,मोड़ सिंह कबावत,भागवत सिंह बालोत,ईस्वर सिंह बालावत समेत कई नेता मौजूद रहे.

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