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Jalore Dalit Student Death: ग्रामीणों ने की पत्थरबाजी, पुलिस ने किया हल्के बल का प्रयोग

Jalore Dalit Student Death: दलित छात्र का शव सुराणा गांव पहुंच गया है. परिजनों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है. ग्रामीण और परिजन विरोध कर रहे हैं.

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Jalore Dalit Student Death: ग्रामीणों ने की पत्थरबाजी, पुलिस ने किया हल्के बल का प्रयोग
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Aug 14, 2022, 05:38 PM IST

Jalore Dalit Student Death: दलित छात्र का शव सुराणा गांव पहुंच गया है. परिजनों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है. मौके पर ग्रामीणों व परिजनों की भारी भीड़ मौजूद है. वहीं कुछ बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश से माहौल बिगड़ गया है. जिसके बाद पुलिस ने हल्के बल का प्रयोग कर लोगों को अलग किया. ग्रामीण मौके पर पत्थर बाजी कर रहे हैं. फिलहाल भारी पुलिस जाब्ता तैनात है. जिले के बाहर से भी पुलिस अधिकारी और जाब्ता तैनाता है.

जालोर में दलित छात्र की हत्या का मामला तूल पकड़ चुका है. बारां से विधायक पानाचंद मेघवाल ने मामले को लेकर संवेदना जताई है. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से 50 लाख का मुआवजा और परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी देने की मांग की है.

दलित छात्र का शव सुराणा गांव पहुंच गया है. परिजनों और प्रशासन के अधिकारियों के बीच बातचीत जारी है. ग्रामीण और परिजन विरोध कर रहे हैं. प्रदर्शन एडीएम राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल, एसएसपी डॉ अनुकृति उज्जैनिया ,भीनमाल एसडीएम जवाहरराम चौधरी, सीओ जालोर हिम्मत सिंह सहित आस पास के थानों के थानाधिकारियों मय जाब्ता मौके पर मौजूद हैं.

बता दें कि राजस्थान के जालोर के एक स्कूल के अंदर छात्र के साथ मारपीट मामले को लेकर अंबेडकर सर्किल पर दलित शोषण मुक्ति मंच के द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. साथ ही दोषी शिक्षक और उसका साथ देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई. 

गौरतलब है कि राजस्थान के जालोर जिले में एक मासूम छात्र को स्कूल में मटके से पानी पीने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. टीचर ने मासूम छात्र को इतनी बेरहमी से पीटा कि उसकी जान चली गई. स्कूल में मटके से पानी पीने पर टीचर ने लड़के को बेरहमी से 20 जुलाई को पिटाई कर दी. उसके बाद युवक को गुजरात इलाज के लिए रेफर कर दिया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया. इस घटना के संबंध में स्थानीय थाना रायला में मामला दर्ज करवाया गया. वहीं जांच सीओ जालोर द्वारा की जा रही है.

इस घटना को लेकर प्रदेश भर में भारी आक्रोश है. दलित शोषण मुक्ति मंच के जिलाध्यक रमेश बैरवा ने बताया कि पिछले 10 वर्षों में दलित उत्पीड़न के मामलों में 45% की वृद्धि, दलित महिलाओं से बलात्कार के मामले में 162% की वृद्धि हुई, जिसमें पुलिस ने 42% मामलों में एफआईआर लगा दी. वहीं, एससी एसटी एक्ट में दर्ज 73 प्रकरणों में पुलिस ने एफआर लगाकर बंद कर दिया. वही बात की जाए तो दलित के मामलों की पेंडेंसी की दर 93% और सजा की दर मात्र 48% है. लगातार घटनाओं से दलित समाज भय के माहौल में जीने को मजबूर हो रहा है. 

Reporter- Dungar Singh

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