Home >>Jaisalmer

Jaisalmer: मां की हो चुकी थी मौत, फिर भी घंटों शव के पास बैठा रहा मासूम,बम के धमाके से गई थी ऊंटनी की जान

Jaisalmer News: भादरिया गांव से चार किलोमीटर दूर फिल्ड फायरिंग रेंज के पास एक ऊंटनी‌ और उसका बच्चा विचरण कर रहे थे. इस दौरान सैन्य अभ्यास के दौरान एक बम ऊंटनी के ऊपर आकर गिर गया.

Advertisement
Camel mother had died in bomb blast  ZeeRajasthan
Stop
Shankar Dan|Updated: Mar 21, 2024, 08:24 PM IST

Jaisalmer News: इंसानों की तरह की पशुओं में भी संवेदनाएं होती है.अंतर केवल इतना है कि इंसान मुंह से बोलकर संवेदना व्यक्त कर देते है, लेकिन पशु संवेदना जता नहीं पाता है. दुध पिते बच्चे के सिर से मां का साया उठ जाना कितना दर्द भरा होता है. ऐसा ही संवेदनाओं से भरा एक नजारा क्षेत्र के भादरिया गांव के पास स्थित ओरण में देखने को मिला, जब एक ऊंटनी फिल्ड फायरिंग रेंज में बम की चपेट में आने से मौत हो गई. जिसके दो-तीन दिन तक बच्चा मृत मां के इर्द-गिर्द चक्कर लगाता रहा और उसकी आंखों से आंसू टपकते रहे. यह देख हर किसी भी आंखें नम हो गई.

यह भी पढ़ें: Rajasthan High Court: आसाराम को महाराष्ट्र में इलाज की नहीं मिली इजाजत, सुरक्षा कारणों का दिया हवाला

जानकारी के अनुसार भादरिया गांव से चार किलोमीटर दूर फिल्ड फायरिंग रेंज के पास एक ऊंटनी‌ और उसका बच्चा विचरण कर रहे थे. इस दौरान सैन्य अभ्यास के दौरान एक बम ऊंटनी के ऊपर आकर गिर गया. जिससे ऊंटनी कि मोके पर ही दर्दनाक मौत हो गई. ऊंटनी का बच्चा लगातार दो तीन दिनों तक अपनी मृत मां के आसपास घूमता रहा और उसकी आंखों से आंसू टपकते रहे.

उठाने का करता रहा प्रयास
भादरिया गांव के पास बम कि चपेट में आकर मां का साया उठ जाने से परेशान ऊंटनी का बच्चा बिना कुछ खाए पीए अपनी मृत मां के पास दो‌ तीन दिनों तक बैठा रहा. कभी वह उसके चारों तरफ चक्कर लगाता तो कभी सिर से धक्के देकर उसे उठाने का प्रयास करता.आंखों से टपकते आंसूओं के साथ वह कई बार जोर-जोर से चिल्लाता भी. इस दौरान ओरण में घूमते चरवाहों ने उसे देखा तो उनकी आंखें भी नम हो गई और घटना पर दु:ख जताया.

बच्चे को ले जाया गया गोशाला
जगदंबा सेवा समिति ट्रस्ट के सचिव जुगलकिशोर आसेरा ने बताया कि ओरण में ऊंटनी की मौत पर उसके बच्चे के चिल्लाने, रोने की सूचना चरवाहों ने उन्हें दी. जिस पर गोशाला के कंवराजसिंह भाटी,तनेरावसिंह सहित अन्य कार्मिक मौके पर पहुंचे.उन्होंने ऊंटनी के बच्चे को गोशाला लाकर भर्ती किया और यहां उसकी देखरेख शुरू की.

यह भी पढ़ें:  Rajasthan- 4 विजिट के बाद भी नहीं सुधरे थे इन 73 चिकित्सा संस्थानों के हालात, अब कारण बताओ नोटिस पर देंगे जवाब

{}{}