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जैसलमेर के पर्यटन के लिए खुशखबरी, सैलानियों ने बढ़ाई रौनक, ऐतिहासिक स्थलों पर बनी है चहल पहल

विजयादशमी के बाद त्योहारों की दस्तक जैसलमेर के लिए खुशियों का संदेश लाई है. बड़ी संख्या में सैलानियों के आने से स्वर्ण वगरी में आने वाले दिनों में पर्यटकों की भारी भीड़ दिख रही है. 

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जैसलमेर के पर्यटन के लिए खुशखबरी, सैलानियों ने बढ़ाई रौनक, ऐतिहासिक स्थलों पर बनी है चहल पहल
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Shankar Dan|Updated: Oct 19, 2022, 05:43 PM IST

 Jaisalmer: विजयादशमी के बाद त्योहारों की दस्तक जैसलमेर के लिए खुशियों का संदेश लाई है. बड़ी संख्या में सैलानियों के आने से स्वर्ण वगरी में आने वाले दिनों में पर्यटकों की भारी भीड़ दिख रही है.  इसके साथ ही त्योहारों पर पर्यटकों की संख्या में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है जिससे जैसलमेर का पर्यटन सहित समूचा बाजार खुश है. सोनार दुर्ग सहित शहर के सभी दर्शनीय और ऐतिहासिक स्थलों के अलावा सम सेंड ड्यून्स पर सैलानियों की चहल-पहल दिन से रात तक बनी रहती है.

बता दें कि नवरात्रि का पर्व खत्म होते ही दशहरा से बंगाली सैलानी यहां आने शुरू हो गए थे. जैसलमेर में सुबह से सैलानियों की रौनक दर्शनीय स्थलों और सड़कों पर देखने को मिल जाती है. यह सिलसिला रात तक बना रहते है. इससे होटल्स, रिसोट्र्स, रेस्टोरेंट्स, चाय-नाश्ते के ठेलों और थड़ियों तक में व्यवसाय में भारी उछाल दिखता है.

अ ब तक करीब पांच हजार बंगाली सैलानी जैसलमेर भ्रमण पर आ चुके हैं और आने वाले करीब एक पखवाड़े तक यह संख्या 20 से 25 हजार तक पहुंचने की आशा है. एक अनुमान के मुताबिक बंगाली सैलानियों के जैसलमेर आगमन से पर्यटन व्यवसाय में करीब 30 करोड़ रुपए की धनवर्षा होगी.  पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता सहित आसपास के शहरों से ज्यादातर सैलानी जैसलमेर पहुंच रहे हैं. उनके आकर्षण का सबसे बड़ा केंद्र सोनार किला है.

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