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Dhanteras 2022: कब है धनतेरस,नरक चतुर्दशी पर करें दीपदान, जानिए पूजन का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि

Dhanteras 2022 Date: साल 2022 धनतेरस का त्योहार दो दिवसीय यानि 2 दिन होगा. देवताओं के प्रधान चिकित्सक भगवान धनवंतरि के जन्मोत्सव के रूप में यह पर्व मनाया जाता है.

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जानें कब है धनतेरस.
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Oct 21, 2022, 03:10 AM IST

Dhanteras 2022 Date: साल 2022 धनतेरस का त्योहार दो दिवसीय यानि 2 दिन होगा. देवताओं के प्रधान चिकित्सक भगवान धनवंतरि के जन्मोत्सव के रूप में यह पर्व मनाया जाता है. धनतेरस के दिन सोने, चांदी के आभूषण और धातु के बर्तन खरीदने की परंपरा है. शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि इससे घर में सुख समृद्धि बनी रहती है, संपन्नता आती है और माता महालक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

धनतेरस पर क्या खरीदें
श्रीगणेश और लक्ष्मी की चांदी या मिट्टी की मूर्तियां. मूर्ति की जगह चांदी का सिक्का भी खरीद सकते हैं जिस पर गणेश-लक्ष्मी चित्रित हों. इन पर केसर का तिलक करके पूजन करें और लाल या पीले कपड़े पर रख दें. दीपावली पूजन में भी इन सिक्कों या मूर्तियों का पूजन करें और फिर इन्हें अपनी तिजोरी में रख दें.

धर्म ग्रंथों के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi 2022) का पर्व मनाया जाता है. इस बार ये तिथि 23 अक्टूबर, रविवार को है. नरक चतुर्दशी को नरक चौदस, रूप चौदस और रूप चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन दीपक जलाकर अकाल मृत्यु से मुक्ति की कामना की जाती है. पुराणों के अनुसार, नरक चतुर्दशी पर यम तर्पण करने से कई तरह की परेशानियों से बचा जा सकता है. आगे जानिए ज्योर्तिविद पंडित दामोदर प्रसाद शर्मा और प्रधान संपादक पं.बंशीधर पंचाग द्वारा इस बार नरक चतुर्दशी पर कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं, इस दिन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि आदि…

धनतेरस  का शुभ मुहूर्त ( 22 अक्टूबर 2022 )

प्रात: 7:58 से 9:23 तक- शुभ का चौघड़िया

दिन: 12:11 से 1:36 तक- चर का चौघड़िया

दिन: 1:36 से सायं 4:24 तक- लाभ अमृत का चौघड़िया

धनतेरस निमित्त दीपदान समय

सायं 6:03 से 8:22 तक प्रदोष काल

नरक व रुप चतुर्दशी के मुहूर्त (  23 अक्टूबर 2022 )

प्रात: 7:59 से 9:23 तक- चर का चौघड़िया

दिन: 9:23 से 12:11 तक- लाभ अमृत का चौघड़िया

दिन: 1:35 से 2:59 तक- शुभ चौघड़िया

दीपदान नरक चतुर्दशी निमित्त मुहूर्त

सायं 6:04 से 8:21 तक प्रदोष काल

दीपावली पूजन के मुहूर्त (24 अक्टूबर 2022 दिन सोमवार)

प्रदोष काल-सायं 05:47 से 08:21 बजे तक

वृष लग्न- रात्रि 07:03 से 09:00 बजे तक

लाभ चौघड़िया-रात्रि 10:35 से 12:11 बजे तक

सिंह लग्न- रात्रि 1:33 से 3:49 बजे तक

सर्वश्रेष्ठ पूजन समय- रात्रि 7:15 से 7:28 बजे तक

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इसलिए करते हैं यमराज की पूजा 
धर्म ग्रंथों के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने वामन अवतार में बलि से तीन पग धरती मांगकर तीनों लोकों पर अधिकार कर लिया तब बलि ने उनसे प्रार्थना की- 'हे प्रभु! आपने कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से लेकर अमावस्या की अवधि में मेरा संपूर्ण राज्य नाप लिया, इसलिए जो व्यक्ति मेरे राज्य में चतुर्दशी पर यमराज के लिए दीपदान करे, उसे यम यातना नहीं होनी चाहिए. भगवान वामन ने बलि की ये प्रार्थना स्वीकार कर ली और तभी से कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी पर यमराज के निमित्त दीपदान करने की परंपरा चली आ रही है.

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