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भारता जोड़ो यात्रा से क्या साफ हो जाएगी राजस्थान की सियासी तस्वीर? सरकार रिपीट करने की तैयारी में जुटे सीएम गहलोत

Bharat Jodo Yatra in Rajasthan: राजस्थान में अब हर दिन के बढ़ने के साथ भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान के करीब पहुंचने वाली है. जब ये यात्रा राजस्थान में प्रवेश करे उस दौरान सीएम गहलोत किसी भी प्रकार कि चूक नहीं चाह रहे हैं. इसकी जिम्मेदारी उन्होंने अपने विश्वासपात्रों को सौंपी है. गहलोत इन दिनों राजस्थान में पिर से सरकार रिपीट हो इस दिशा में प्रयास रत हैं. हालांकि यह यात्रा राजस्थान की सियासत में निर्णायक साबित हो सकती है.  

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फाइल फोटो.
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Sushant Pareek|Updated: Nov 11, 2022, 02:46 PM IST

Bharat Jodo Yatra in Rajasthan: तीन से छह दिसंबर के बीच राजस्थान में आ रही कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान की सियासत के लिए निर्णायक साबित होने वाली है. इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी यह संदेश दे देंगे कि राजस्थान में कांग्रेस के भविष्य को लेकर क्या सोच रहे हैं, नेतृत्व किसके हाथ में रहेगा और आने वाले दिनों में कांग्रेस अशोक गहलोत और सचिन पायलट को किस तरह की भूमिका में देखना चाहती है. 

इस यात्रा के जरिए राहुल गांधी एक तीर से कई निशाने लगाने की कवायद में हैं. यात्रा का प्रवेश राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राज्य के गृह जिले झालावाड़ से होगा. उसके बाद अनुशासनहीनता के दायरे में आने वाले अशोक गहलोत के विश्वस्त साथियों ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के गृह जिले कोटा से होते हुए सचिन पायलट के गढ़ कहे जाने वाले पूर्वी राजस्थान के दौसा और फिर उसके बाद अलवर से होते हुए हरियाणा में जाएगी.

इस यात्रा से ठीक पहले राजस्थान कांग्रेस में बयानबाजी का दौर जारी है, लेकिन पार्टी आलाकमान ने ये तय कर लिया है कि यात्रा के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. अगर किसी भी तरह से कोई घटनाक्रम नजर आया तो पार्टी सख्त कदम उठाने से नहीं चूकेगी. इस यात्रा के जरिए अशोक गहलोत राजस्थान में अपने सबसे बड़े सपने सरकार रिपीट करवाने की दिशा में योजना बना रहे हैं. 

अपने विश्वस्त लोगों को अशोक गहलोत ने राजस्थान में यात्रा की कामयाबी के लिए तैयारियों में लगा दिया है कि शांति धारीवाल के साथ अनुशासनहीनता का नोटिस झेलने वाले धर्मेन्द्र राठौड़ इन दिनों झालावाड़ से लेकर अलवर तक यात्रा की तैयारियों में जुटे हैं. अशोक गहलोत का मानना है कि जिस तरह से राजस्थान सरकार की योजनाओं का डंका हिमाचल और गुजरात में सुनाई दे रहा है.

 राहुल गांधी ने जिस तरीके से अपने ट्वीट के जरिए राजस्थान सरकार के कामकाज पर मुहर लगायी है, राजस्थान में भी राहुल गांधी ये संकेत दे सकते हैं कि अगला चुनाव कांग्रेस किसके नेतृत्व में लड़ेगी और सरकार कैसे रिपीट होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा राजस्थान आ रही है, उसमें सभी मंत्री और पदाधिकारी शामिल रहेंगे. साथ ही आम जनता का भी जुड़ाव रहेगा. यह यात्रा राहुल गांधी देश की जनता के हितों के लिए निकाल रहे हैं. और जो मुद्दे राहुल गांधी उठा रहे हैं, उसका माहौल अब देश में दिखाई देने लगा है. केंद्र सरकार को झुकना पड़ेगा.

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा लगभग आधा सफर तय कर चुकी है. 3500 किलोमीटर की इस यात्रा में सैंकड़ों लोग उनके साथ पैदल चल रहे हैं. भारत जोड़ो यात्रा दिसंबर के पहले सप्ताह राजस्थान पहुंचेगी. इस दौरान राजस्थान में वर्तमान सरकार के 4 साल पूरे होंगे. इसी के चलते कांग्रेस का पूरा फोकस भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राजस्थान में अच्छा माहौल बनाए रखने पर है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के पास यात्रा को कामयाब बनाने की बड़ी जिम्मेदारी है. पीसीसी चीफ़ ने नसीहत देना शुरू कर दिया है.

यात्रा में झालावाड़ कोटा पर फ़ोकस के अलावा राजधानी जयपुर से सटे जिले कांग्रेस के परंपरागत गढ़ पर भी नजर है. इसलिए कांग्रेस के रणनीतिकारों ने यह प्लान बनाया है. जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, सीकर, अजमेर, दौसा, अलवर जैसी छह लोकसभा सीटें जुड़ी हुई हैं. 19 विधानसभा सीटें भी हैं. दूदू,अजमेर, चौमूं, सीकर, जमवारामगढ़ दौसा, बस्सी दौसा, बानसूर जयपुर ग्रामीण में आती हैं. राहुल गांधी के जयपुर आने पर राजस्थान की करीब 15-20 प्रतिशत सीटों पर असर होने की संभावना है. जयपुर संभाग के हिसाब से अलवर, सीकर, झुंझुनूं, दौसा जिलों की करीब 30 विधानसभा और चार लोकसभा सीटें और कवर होंगी.

बताया जा रहा है कि राहुल गांधी की यह यात्रा राजनीतिक दृष्टि से बड़ा संदेश देगी. राजस्थान में जब यात्रा गुजरेगी तब गहलोत और पायलट ही कई स्थानों पर लीड करते हुए नजर आएंगे. राहुल गांधी के नेतृत्व में भारत जोड़ो यात्रा की 21 दिनों में राजस्थान में करीब 500 किलोमीटर की यात्रा करेगी. यात्रा झालावाड़ से होकर कोटा जाएगी. जहां राहुल गांधी की प्रेस वार्ता होगी. सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर से जनसभा के बाद हरियाणा में प्रवेश कर जाएगी और उसके बाद दिल्ली, यूपी, अंबाला, पंजाब और जम्मू होते हुए श्रीनगर में जाकर संपन्न होगी.

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