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जयपुर के दोनों RTO अव्वल ! राजस्व लक्ष्य का करीब 88 फीसदी राजस्व किया अर्जित

Jaipur news: परिवहन विभाग जो कि राज्य सरकार के टॉप 5 राजस्व अर्जन करने वाले विभागों में शामिल है, उसकी परफॉर्मेंस इस वित्त वर्ष में संतोषप्रद नजर आ रही है. अभी नवंबर तक के राजस्व लक्ष्य का करीब 88 फीसदी राजस्व ही अर्जित कर सका है. 

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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Dec 11, 2023, 08:55 PM IST

Jaipur news: परिवहन विभाग जो कि राज्य सरकार के टॉप 5 राजस्व अर्जन करने वाले विभागों में शामिल है, उसकी परफॉर्मेंस इस वित्त वर्ष में संतोषप्रद नजर आ रही है. हालांकि विभाग अभी नवंबर तक के राजस्व लक्ष्य का करीब 88 फीसदी राजस्व ही अर्जित कर सका है. 

7700 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य

राजस्थान का परिवहन विभाग राज्य सरकार के लिए राजस्व अर्जित करने वाले विभागों में शामिल है. परिवहन विभाग को इस वित्त वर्ष में राज्य सरकार ने 7700 करोड़ रुपए का राजस्व लक्ष्य दिया हुआ है. नवंबर माह तक की बात करें तो परिवहन विभाग को करीब 4437 करोड़ का लक्ष्य मिला हुआ है. विभाग की नवंबर माह तक की प्राप्ति रिपोर्ट में सामने आया है कि विभाग अब तक 3926.68 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त कर चुका है.यानी परिवहन विभाग ने अपने लक्ष्य का 88.50 फीसदी राजस्व प्राप्त कर लिया है.

राजस्व को ओटीटी बेस्ड रेवेन्यू 

 नवंबर तक की इस प्रगति को परिवहन विभाग के लिए संतोषप्रद माना जा सकता है. हालांकि इनमें कई आरटीओ की परफॉर्मेंस कमजोर चल रही है. विभाग ने राजस्व को दो हिस्सों में बांटा हुआ है. वाहनों के पंजीयन से प्राप्त राजस्व को ओटीटी बेस्ड रेवेन्यू जबकि अन्य स्रोतों से प्राप्त राजस्व, जिसमें वाहनों का चालान और अन्य राजस्व मिलता है, उसे नॉन ओटीटी बेस्ड रेवेन्यू में काउंट किया जाता है. परिवहन विभाग ने अब तक ओटीटी आधारित राजस्व 99.90 फीसदी प्राप्त कर लिया है, जबकि नॉन ओटीटी आधारित राजस्व में परफॉर्मेंस थोड़ी कमजोर है, जो कि 76.17 फीसदी रही है.

जानिए, कौन RTO आगे, कौन पीछे ?

- जयपुर RTO द्वितीय ने 108.56 फीसदी राजस्व अर्जित किया नंबर 1
- जयपुर RTO प्रथम ने 87.11 फीसदी राजस्व अर्जित किया, नंबर 2

- अजमेर RTO ने 80.76 फीसदी राजस्व, तीसरे स्थान पर
- भरतपुर RTO 76.94 फीसदी राजस्व के साथ चौथे स्थान पर

- सीकर 75.45 के साथ 5वें, बीकानेर 72.97 फीसदी के साथ छठे नंबर पर
- दौसा 71.76 के साथ 7वें, उदयपुर 71.50 के साथ 8वें नंबर पर

- अलवर RTO 70.81 के साथ 9वें, जोधपुर 69.64 के साथ 10वें पर
- पाली 63.68 के साथ 11वें, चित्तौड़गढ़ 62.04 के साथ 12वें पर

- कोटा RTO 61.39 फीसदी राजस्व के साथ 13वें स्थान पर
 

कार्यालयों की परफॉर्मेंस 

अब आरटीओ के अलावा यदि जिला स्तर के कार्यालयों की परफॉर्मेंस की बात की जाए तो इस मामले में परिवहन विभाग के कई जिले पीछे साबित हो रहे हैं. नॉन ओटीटी आधारित राजस्व में सीमाई जिले भिवाड़ी, पाली, चित्तौड़गढ़, श्रीगंगानगर, भीनमाल की भी स्थिति खराब है. यहां तक कि भरतपुर, कोटा, उदयपुर जैसे बड़े जिले भी पीछे चल रहे हैं.

ये हैं प्रदेश के टॉप 3 डीटीओ कार्यालय

- खेतड़ी डीटीओ 5.40 करोड़ टारगेट, 7.99 करोड़ अर्जन, नंबर 1 पर
- कोटपूतली डीटीओ 31.88 करोड़ टारगेट, 42.16 करोड़ अर्जन, नंबर 2 पर

- फलौदी डीटीओ 9.35 करोड़ टारगेट, 11.44 करोड़ अर्जन, नंबर 3 पर

ये हैं प्रदेश के फिसड्डी 3 डीटीओ कार्यालय

- पीपाड़शहर 24.51 करोड़ टारगेट, 4.83 करोड़ अर्जन, सबसे पीछे 57 नंबर पर

- सुमेरपुर 17.24 करोड़ टारगेट, 5.30 करोड़ अर्जन, 56वें नंबर पर
- सादुलशहर 4.67 करोड़ टारगेट, 1.71 करोड़ अर्जन, 55वें नंबर पर

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