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जयपुर नगर निगम हैरिटेज में भगवान गणपति का हुआ अनूठा नामकरण, क्या "ऋण हर्ता" दिलाएंगे कर्ज से मुक्ति ?

नगर निगम हैरिटेज में स्थापित गणेश जी का नामकरण भी यहां "ऋण हर्ता" गणेश किया गया हैं.

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जयपुर नगर निगम हैरिटेज में भगवान गणपति का हुआ अनूठा नामकरण, क्या "ऋण हर्ता" दिलाएंगे कर्ज से मुक्ति ?
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Deepak Goyal|Updated: Aug 31, 2022, 03:29 PM IST

Jaipur: राजस्थान में 165 करोड़ रुपये के कर्जे में डूबा जयपुर हैरिटेज नगर निगम अब भगवान श्रीगणेश की शरण में आ गया है. निगम की देनदारियां यहां कोई रोड़ा नहीं बने,  इसलिए गजानंद की यहां भक्ति की जा रही है. नगर निगम हैरिटेज में स्थापित गणेश जी का नामकरण भी यहां "ऋण हर्ता" गणेश किया गया हैं. जयपुर हैरिटेज की महापौर ने आराध्य को नमन कर उनसे इस कर्जे की मुक्ति और निगम की तरक्की की प्रार्थना की हैं.

ईश्वर के कई नाम है और उन्हें भक्त अपनी-अपनी श्रृद्धा से पुकारते हैं. जयपुर शहर में भी कई जगहों पर महादेव और गणपति को कई नाम से जानते है, तो कई जगहों पर उनका नामकरण भी खुद को उनसे जुड़ाव रखने के लिए करते हैं. लेकिन जयपुर नगर निगम हैरिटेज में भगवान गणपति का अनूठा नामकरण किया गया हैं.

यहां स्थापित गणेश जी को निगम ने "ऋण हर्ता" भगवान गणेश कहा गया हैं.  गणेश चतुर्थी से पूर्व नगर निगम हैरिटेज में प्रथम पुज्य विनायक की भक्ति आराधना जब की जा रही थी. तब भगवान गणेश का यह नाम जरूर चर्चा का विषय बना. गणेश चतुर्थी से पूर्व निगम में स्थापित गणपति प्रतिमा पर यहां 51 किलो दूध से अभिषेक किया गया. इसका प्रसाद लोगों में वितरित भी किया गया.

विधि-विधान से भगवान की यहां पूजा अर्चना की गई और "ऋण हर्ता" गणपति की जयकारें के नारे भी गूंजे.  हैरिटेज महापौर मुनेश गुर्जर ने यहां भगवान गणपति पर दुग्धाभिषेक कर उनसे निगम के विकास की प्रार्थना की. जब उनसे यहां भगवान गणपति के लिए  "ऋण हर्ता" नामकरण करने का कारण पूछा तो उनका भी कहना था कि निगम के कर्जे शुरू से रहे हैं. इसलिए वे भगवान गणपति से यहीं प्रार्थना कर रही है कि निगम को कर्जे से उबारे और निगम में और शहर  में शांति समृद्धि हो सके. हालांकि उनका कहना था कि नामकरण उन्होंने नहीं ब्लकि यहां के पुजारी ने किया हैं.

निगम महापौर मुनेश गुर्जर की माने तो निगम की आय बहुत कम है और खर्चे ज्यादा हैं. जिस वजह से कर्जे शुरू से रहे हैं. अब आय बढ़ाने पर भी फोकस किया जा रहा हैं. रेवेन्यू के संसाधनों पर ध्यान दिया जा रहा हैं.

हैरिटेज निगम पर इतना है कर्जा
हुडको से लोन 25 करोड़ 
ठेकेदारों की देनदारी 80 करोड़ (जनवरी 2021 से बकाया) 
कर्मचारियों का एरियर 40 करोड़ (2020 और 2021 का बकाया)
रिटायर्ड कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और पीएल 15 करोड़ 
अन्य भत्ते  करीब 5 करोड़
 
जानकारी के मुताबिक अकेले नगर निगम हैरिटेज पर हुडको से 25 करोड़ करोड़ रुपए का लोन हैं. जबकि ठेकेदारों की देनदारी करीब 80 करोड़ (जनवरी 2021 से बकाया) कर्मचारियों का एरियर 40 करोड़ (2020 और 2021 का बकाया)  रिटायर्ड कर्मचारियों की ग्रेच्युटी और पीएल 15 करोड़ अन्य भत्ता आदि 5 करोड़ का बकाया हैं.

जबकि कर्मचारियों का वेतन भुगतान हर महीने 7 करोड़ निगम की आय से किया जा रहा है. राज्य सरकार की ओर से महज 18 करोड़ ही मिल रहे हैं. इस वजह से निगम की आर्थिक सेहत पटरी पर नहीं आ पा रही हैं. हालांकि महापौर का कहना है कि गणपति से आराधाना के साथ ही हम अपने आर्थिक दशा सुधारने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. लेकिन गणपति का नामकरण महंत या पुजारी ने किया हैं. जब पुजारी से बातचीत की गई तो उन्होंने इसकी वजह यह बताई.

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जयपुर में दो निगम किए जाने के बाद पहली बार अस्तित्व में आए नगर निगम हैरिटेज की आर्थिक दशा शुरू से ही गड़बड़ाई हुई हैं. निगम ने इसे लेकर कोशिशें भी की हैं,  लेकिन सहीं प्लानिंग, वित्तीय प्रबंधन  का अभाव, कर्मचारियों की अधिकता, पुरानी देनदारियों समेत कई ऐसे कारण रहे है. जिससें निगम की आर्थिक तबीयत खराब रही हैं. बरहाल, अब भगवान गणपति से उम्मीद की जा रही है कि गणपति सुख-समृद्धि और रिद्धी-सिद्धी के दाता माने जाते हैं, अब वे हीं निगम के इस हालात का बेड़ा पार लगाएंगे.

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