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विद्यार्थी ट्रेन में बैठकर करते है पढ़ाई, बोगियों बन रही आकर्षण का केंद्र

राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल इन दिनों विशेष चर्चा का विषय बना हुआ है. यह सरकारी स्कूल 'ट्रेन वाला स्कूल' के नाम से चर्चित हो गया है.

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बोगियों बन रही आकर्षण का केंद्र
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jul 13, 2022, 04:07 PM IST

Phulera: राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल इन दिनों विशेष चर्चा का विषय बना हुआ है. यह सरकारी स्कूल 'ट्रेन वाला स्कूल' के नाम से चर्चित हो गया है. इस सरकारी स्कूल ने अपनी विशेष डिजाइन, नवाचार और नामांकन बढ़ोतरी को लेकर स्कूल भवन को ही ट्रेन की डिजाइन में पेंट करवाकर अपनी अलग पहचान बनाई है. अब इस स्कूल की चर्चा जगह-जगह हो रही है. छात्रों के शैक्षिक स्तर के साथ स्कूल की व्यवस्थाओं को देखकर इस स्कूल की हर कोई सराहना कर रहा है.

आज का युग आधुनिक युग है, इस टेक्नोलॉजी के युग में सुविधाओं का विस्तार करते हुए विद्यालय भवन में एक अनोखा कलर करवाया गया है. यह ट्रेन वाला कलर सभी को आकर्षित कर रहा है. इस प्रकार के कलर से ऐसा लग रहा है कि मानों मलिकपुर विद्यालय के विद्यार्थी ट्रेन में बैठकर सफर कर रहे हैं और ट्रेन में बैठकर पढ़ाई करने का आनंद कुछ और ही है. 

विद्यार्थियों के अनुशासन और अध्यापकों के व्यवहार पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जो बहुत ही सराहनीय है. विद्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगने से यहां पर असामाजिक तत्व और अध्यापक और विद्यार्थियों की हरकतों पर नजर रखी जाती है. सरकारी स्कूलों की बदहाली व्यवस्था को लेकर अक्सर लोग निजी स्कूलों में बच्चों का दाखिला कराते हैं लेकिन इस स्कूल के प्रधानाचार्य की सोच ने कुछ ऐसा करने की ठानी थी. 

स्कूल में नामांकन भी बढ़ने लगा साथ ही बच्चों को ट्रेन वाले स्कूल में पढ़ने का मजा भी आने लगा, ऐसे में अभिभावक और स्थानीय लोग विद्यालय द्वारा कराया जा रहे नवाचार की तारीफ करते नहीं थक रहे. स्कूल में पहुंचते ही बच्चों को मानों ऐसा लगता है कि वह ट्रेन में बैठकर पढ़ाई कर रहे हैं ऐसे में उनमें ऊर्जा का संचार भी हो रहा है, जिसके चलते बच्चे स्कूल में अच्छी तालीम भी ले रहे है. इस सरकारी स्कूल भवन के ट्रेन वाला कलर होने से मलिकपुर ग्राम पंचायत का सरकारी विद्यालय एक अलग ही पहचान बना रहा है. 

यह सरकारी स्कूल ग्राम पंचायत में नहीं आसपास क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बना हुआ है. स्कूल परिवार स्टाफ और गांव के भामाशाह के सहयोग से स्कूल की तस्वीर बदली गई है. ग्रामीण क्षेत्र होने के चलते कई बच्चे ऐसे हैं जो ट्रेन में नहीं बैठ पाते या कभी उन्होंने ट्रेन नहीं देखी ऐसे में अब बच्चे रोज की शिक्षा की ट्रेन में सफर कर रहे हैं और अपना भविष्य लिख रहे हैं. एक शिक्षक के द्वारा बच्चों के भविष्य को संवारने को लेकर की गई इस पहल की हर तरफ सराहना हो रही है. 

नए जमाने के दौर को ध्यान में रखते हुए बच्चों की रुचि पढ़ाई में कैसे हो उसको ध्यान में रखते हुए इस स्कूल के प्रधानाचार्य ने जापान की लेखिका की कहानी से प्रेरित होकर इस विद्यालय भी इस प्रकार का रंग करवाया है. भामाशाह के सहयोग से सीसीटीवी कैमरे भी स्कूल में लग रहे हैं, जिससे हर समय स्कूल पर हो रही गतिविधियों पर पैनी नजर रहती है इससे स्कूल का अच्छा वातावरण और बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. इसी को लेकर प्रधानाचार्य ने नवाचार किए और इसी का नतीजा है कि इस ट्रेन वाली स्कूल में अब हर कोई अपने बच्चे का दाखिला कराना चाहता है. 

रेनवाल के मलिकपुर ग्राम पंचायत की सरकारी विद्यालय एक अलग ही पहचान बनाता हुआ नजर आ रहा है. इस विद्यालय में ट्रेन वाला कलर बहुत ही आकर्षक का केंद्र बना हुआ है. अब देखना यह है कि इस ट्रेन वाले कलर से स्थानीय विद्यालय के विद्यार्थियों को पढ़ाई में कितना कारगर साबित होता है और विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में किन ऊंचाइयों पर ले जाता है.

Reporter: Amit Yadav

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