Shardiya Navratri 2023: देशभर में शारदीय नवरात्रि बड़ी ही धूमधाम से मनाए जा रहे हैं. तो वहीं छोटी काशी जयपुर में भी दुर्गा माता के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड रही है. आमेर स्थित शिला माता हो या राजा पार्क स्थित वैष्णो देवी माता मंदिर. वैष्णो देवी माता मंदिर के पुजारी ने बताया आज नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा-आराधना की जाती है. इनकी उपासना से सिद्धियों में निधियों को प्राप्त कर समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु-यश में वृद्धि होती है.
देवी कूष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है
देवी कूष्मांडा को अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है. कूष्मांडा का अर्थ है कुम्हड़े. मां को बलियों में कुम्हड़े की बलि सबसे ज्यादा प्रिय है. इसलिए इन्हें कूष्मांडा देवी कहा जाता है. कूष्मांडा देवी की आठ भुजाएं हैं, जिनमें कमंडल, धनुष-बाण, कमल पुष्प, शंख, चक्र, गदा और सभी सिद्धियों को देने वाली जपमाला है. मां के पास इन सभी चीजों के अलावा हाथ में अमृत कलश भी है. इनका वाहन सिंह है और इनकी भक्ति से आयु, यश और आरोग्य की वृद्धि होती है. मंदिर के महंत ने बताया सुबह मंगला आरती से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. मंदिर के पट खुलते ही मंगला आरती के समय बड़ी संख्या में भक्त और श्रद्धालु मौजूद रहे.
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इसी के साथ मंगला आरती के बाद भोग के समय मंदिर के पट बंद कर माता को भोग लगाया गया. भोग लगने के बाद नौ कन्याओं की पूजा कर उन्हें सबसे पहले प्रसाद ग्रहण करवाया, उसके बाद भक्त जनों को प्रसाद वितरित किया गया. मंदिर में आने वाले भक्तों ने बताया वह विशेष तौर पर चैत्र और शारदीय नवरात्रों में मां वैष्णो देवी मंदिर में देवी के दर्शन करने आते हैं, मां वैष्णो देवी से वह जो भी मनोकामना माँगते हैं वह उनकी पूरी होती है, इस कारण इस मंदिर का बड़ा ही महत्व है.
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