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Rangbhari Ekadashi 2023: रंगभरी एकादशी डेट को लेकर हैं कंफ्यूज ? तो जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त, हरिवासर व व्रत पारण का समय

Rangbhari Ekadashi 2023 Date: आखिर 02 या 03 मार्च 2023 कब रखें आमलकी एकादशी का व्रत. तो आइये जानते है कि आखिर कब मनाई जाएगी रंगभरी या आमलकी एकादशी. व्रत के साथ उसके पारण नियमों का ध्यान रखना भी जरूरी है. पूर्ण फल के लिए हरि वासन में पारण कभी न करें. 

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Rangbhari Ekadashi 2023:  रंगभरी एकादशी डेट को लेकर हैं कंफ्यूज ? तो जानें सही डेट, शुभ मुहूर्त, हरिवासर व व्रत पारण का समय
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Anuj Kumar |Updated: Mar 02, 2023, 11:13 AM IST

Rangbhari Ekadashi 2023 Date and Shubh Muhurat: फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी या रंगभरी एकादशी कहते है. ये दोनों के नाम अलग है लेकिन एकादशी पर्व और महत्व एक ही है. रंगभरी या आमलकी एकादशी महाशिवरात्रि और होली के बीच में  पड़ने वाला त्यौहार है. इस साल रंगभरी एकादशी को लेकर लोग कंफ्यूज नजर आ रहे है. कुछ लोग का मानना है कि 2 मार्च से प्रारंभ होगी रंगभरी एकादशी. लोगों के बीच संशय की स्थिति बन गई है.आखिर 02 या 03 मार्च 2023 कब रखें आमलकी एकादशी का  व्रत. तो आइये जानते है कि आखिर कब मनाई जाएगी रंगभरी या आमलकी एकादशी.

आमलकी या रंगभरी एकादशी का विशेष महत्व 

आमलकी या रंगभरी एकादशी का विशेष महत्व है. यह एकमात्र एकादशी है जिसका संबंध भगवान शंकर से है. इस दिन काशी विश्वनाथ वाराणसी में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा होती है. मान्यता है कि इसी दिन महादेव शंकर माता गौरा का गोना कराकर पहली बार काशी आए थे. इसी के उत्सव में रंगभरी एकादशी मनाई जाती है.

रंगभरी एकादशी पर बन रहे सौभाग्य व शोभन योग

रंगभरी एकादशी के दिन सौभाग्य व शोभन योग का शुभ संयोग बन रहा है. सौभाग्य योग 03 मार्च को शाम 06 बजकर 45 मिनट तक रहेगा. इसके बाद शोभन योग प्रारंभ होगा. मान्यता है कि शोभन व सौभाग्य योग में किए गए कार्य सफल होते हैं.

रंगभरी या आमलकी एकादशी कब है? (When Amalaki Ekadashi 2023 Date)

आमलकी एकादशी व्रत- 3 मार्च 2023 

02 मार्च 2023 को सुबह 06 बजकर 39 मिनट से एकादशी प्रारंभ होगी जो कि 03 मार्च को सुबह 09 बजकर 11 मिनट पर समाप्त होगी. हिंदू धर्म में व्रत उदया तिथि में मान्य होते हैं. ऐसे में पंचांग के अनुसार, रंगभरी या आमलकी एकादशी 03 मार्च 2023 को रखना शुभ रहेगा.

क्या है हरिवासर, एकादशी व्रत पारण के नियम

एकादशी व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं. एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना जरूरी होता है. अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गई हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है. द्वादशी तिथि का पहला चौथाई समय हरि वासर कहा जाता है. चूंकि व्रत का पारण हरि वासर में नहीं होता, इसलिए व्रती को पारण के लिए इसके खत्म होने का इंतजार करना होता है.

रंगभरी या आमलकी एकादशी 2023 व्रत का पारण कब करें? (When Rangbhari or Amalaki Ekadashi 2023 fast)

रंगभरी एकादशी व्रत का पारण 04 मार्च को किया जाएगा. व्रत खोलने का शुभ समय 04 मार्च को सुबह 06 बजकर 44 मिनट से सुबह 09 बजकर 03 मिनट तक है. एकादशी व्रत पारण के लिए सबसे अच्छा समय प्रात:काल है. व्रती को मध्यान्ह काल के दौरान व्रत खोलने से बचना चाहिए. यानी प्रात: सूर्योदय के बाद तीन-चार घंटों के भीतर व्रत खोल लेना चाहिए. बेहतर होगा कि इसे पंचांग में देखकर ही पारण का समय तय करें. ताकि आपको उत्तम फल की प्राप्ति मिले.

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