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ऊर्जा क्षेत्र में सिरमौर बनेगा राजस्थान, अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को मिलेगी प्राथमिकता

राजस्थान को सौर ऊर्जा क्षेत्र में सिरमोर बनाए रखने के प्रयास जारी हैं. राजस्थान सरकार और ऊर्जा विभाग की ओर से कोल इंडिया लिमिटेड से एक महत्वपूर्ण एम ओ यू करने जा रही है.अब तक पारंपरिक उर्जा निर्माण से जुड़ा उत्पादन निगम पहली बार सौर ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखेगा. 

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ऊर्जा क्षेत्र में सिरमौर बनेगा राजस्थान, अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं को मिलेगी प्राथमिकता
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Ankit Tiwari|Updated: Oct 12, 2022, 06:29 PM IST

 Jaipur News: राजस्थान को सौर ऊर्जा क्षेत्र में सिरमोर बनाए रखने के प्रयास जारी हैं. राजस्थान सरकार और ऊर्जा विभाग की ओर से कोल इंडिया लिमिटेड से एक महत्वपूर्ण एम ओ यू करने जा रही है.अब तक पारंपरिक उर्जा निर्माण से जुड़ा उत्पादन निगम पहली बार सौर ऊर्जा क्षेत्र में कदम रखेगा. 

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बता दें कि बीकानेर के पूगल क्षेत्र में सौर ऊर्जा पार्क में 1190 मेगा वाट क्षमता का सौर ऊर्जा पार्क विकसित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी की मौजूदगी में एमओयू  साइन होंगे. इस सोलर पार्क का निर्माण उत्पादन निगम की ओर से किया जाएगा. जिसे कोल इंडिया लिमिटेड को हैंडओवर किया जाएगा. पूगल, बीकानेर में 2000 मेगावाट का सोलर पार्क  बनेगा. 

गौरतलब है कि राजस्थान सरकार कोयला आधारित परियोजनाओं के अलावा ऊर्जा उपलब्धता के लिए सौर ऊर्जा संभावनाओं पर जोर दे रही है. इसी कड़ी में यह एमओयू महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा. गुरुवार को होने वाले एमओयू में ऊर्जा विभाग और राजस्थान सरकार के आला अधिकारी मौजूद रहेंगे.

राजस्थान में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में डेढ़ लाख करोड़  के नए निवेश पर राजस्थान की गहलोत सरकार काम कर रही है. अक्षय ऊर्जा की नीतियों, चल रहे प्रोजेक्टों और मेगा सोलर पार्क संभावनाओं पर काम जारी है.

इस बारे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश को अक्षय ऊर्जा के उत्पादन में सिरमौर बनाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है. अक्षय ऊर्जा के विकास से जुड़ी परियोजनाओं को गति देने के लिए राज्य सरकार ने राजस्थान सौर ऊर्जा नीति-2019 और सोलर-विंड हाईब्रिड ऊर्जा नीति-2019 लागू की है. इससे प्रदेश में अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश और मेगा सोलर पार्क परियोजनाओं की स्थापना को बढ़ावा मिला है.

 वर्ष 2024-25 तक प्रदेश के लिए तय 30 हजार मेगावाट सौर ऊर्जा और 7500 मेगावाट विंड तथा हाइब्रिड एनर्जी उत्पादन के लक्ष्य को निर्धारित समय से पहले ही पूरा करने का प्रयास है. राजस्थान में 2.7 लाख मेगावाट सोलर और विंड एनर्जी उत्पादन की क्षमता है. इस एमओयू के बाद इसी वर्ष कुछ नए करार ओर होंगे.

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