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Rajasthan Weather: मानसून की एंट्री के साथ ही SDRF ने कसी कमर, पूरे प्रदेश में तैनात की गई टीमें

Rajasthan Weather Update: राजस्थान में मानसून की एंट्री हो चुकी है और आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर देखने को मिलेगा. जिसके चलते कई जगह पर बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न होगी. बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए और अन्य तरह ट्यूशन परिस्थितियों से निपटने के लिए राजस्थान SDRF पूरी तरह से तैयार है.

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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jun 29, 2024, 01:16 PM IST

Rajasthan Weather Update: राजस्थान में मानसून की एंट्री हो चुकी है और आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में तेज बारिश का दौर देखने को मिलेगा. जिसके चलते कई जगह पर बाढ़ की स्थिति भी उत्पन्न होगी. बाढ़ में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए और अन्य तरह ट्यूशन परिस्थितियों से निपटने के लिए राजस्थान SDRF पूरी तरह से तैयार है. मानसून को देखते हुए प्रदेश में अलग-अलग सेक्टर बनाकर 51 टीमें तैनात की गई हैं. प्रत्येक टीम कंपनी हैडक्वाटर और SDRF के सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम से जुड़ी हुई हैं. 

 

कंपनी कमांडर और कमांडेंट के निर्देशन में यह तमाम टीमें काम करेंगी. पूरे प्रदेश में SDRF की 51 टीमें तैनात की गई हैं. 550 सदस्यों और अधिकारियों को टीम में शामिल किया गया है. 90 नांव और अत्याधुनिक संसाधनों से युक्त टीमें तैनात की गई हैं. सेंट्रलाइज्ड SDRF कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है. मानसून सीजन में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर पूरे प्रदेश में एसडीआरएफ की कई टीमों द्वारा रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जाते हैं. राजस्थान में कई ऐसी जगह भी हैं जो सूखे एरिया हैं, लेकिन मानसून सीजन में अचानक से पानी आ जाने पर बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. 

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ऐसे तमाम इलाकों को चिन्हित करके एसडीआरएफ की अलग-अलग टीमों को तैनात किया गया है. पूरे प्रदेश में एसडीआरएफ की 51 टीमें तैनात की गई हैं, जिसमें अधिकारियों सहित कुल 550 सदस्यों को शामिल किया गया है. एसडीआरएफ की तमाम टीमों को कल 90 नांव प्रदान की गई है. इसके अलावा अलग-अलग क्षेत्र के अनुसार अलग-अलग तरह के उपकरण व संसाधन मुहैया कराए गए हैं. इसके अलावा प्रदेश के एसडीआरएफ के तमाम कंपनी हेड क्वाटर्स में रिज़र्व फोर्स रखी गई है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर मदद के लिए भेजा जाएगा.

एसडीआरएफ के तमाम ऑपरेशंस की मॉनिटरिंग और डायरेक्शन देने के लिए सेंट्रलाइज्ड एसडीआरएफ कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम के जरिए एसडीआरएफ आर्मी और एयरफोर्स से कोऑर्डिनेशन भी बनाए हुए हैं. आवश्यकता पड़ने पर उनके साथ मिलकर ऑपरेशन चलाने के लिए पूरी तरह से तैयार है. राजस्थान सरकार के आपदा राहत विभाग से भी एसडीआरएफ संपर्क में है और आपदा राहत विभाग के साथ मिलकर प्रदेश में कई जगह पर ट्रेनिंग भी एसडीआरएफ द्वारा की गई है, जिसकी लगातार प्रैक्टिस भी की जा रही है. 

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जैसलमेर और बाड़मेर में कई स्थान ऐसे हैं. जहां पर बारिश के बाद अचानक से जल भराव या तेजी से पानी बहने के चलते बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. ऐसे स्थान पर रेस्क्यू के साथ-साथ लोगों को वार्निंग देना भी जरूरी है. जिसे लेकर एसडीआरएफ स्थानीय लोगों को बारिश के वक्त सूखी नदी और नाले में अचानक पानी आने पर उसे पार न करने को लेकर भी जागरुक कर रही है. आपदा राहत विभाग की ओर से तमाम जिला कलेक्टर्स से संपर्क कर काफी वालंटियर भी बनाए गए हैं. जिसमें कई एक्स आर्मी पर्सन और एक्स नेवी पर्सन भी शामिल हैं. 

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इसके साथ ही कई स्थानीय लोगों को भी वालंटियर बनाया गया है, जो की काफी अनुभवी है और स्थानीय क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति से भली-भांति परिचित है. ऐसे तमाम लोग रेस्क्यू के दौरान टीम के लिए काफी मददगार साबित हो सकते हैं. मानसून के दौरान आने वाली आपदा से निपटने के लिए राजस्थान SDRF पूरी तरह से तैयार है. एसडीआरएफ की कोशिका यही है कि आपदा में फंसे सभी लोगों को सकुशल रेस्क्यू किया जा सके और तमाम एजेंसी के साथ बेहतर तालमेल बैठाते हुए सफल ऑपरेशन किया जा सके.

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