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Rajasthan Politics: सत्ता की हसरत में खत्म हुई प्रह्लाद गुंजल और धारीवाल की रार, दल के साथ बदल गया दिल..

Rajasthan Politics: राजस्थान सियासत में इन दिनों दो धुर विरोधियों की दोस्ती चर्चा में है,प्रह्लाद गुंजल और धारीवाल की रार खत्म हो गई है. अब दोस्ती की तस्वीरें सियासी गलियारों में चर्चा बटोर रही हैं.   

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सत्ता की हसरत में खत्म हुई रार.
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Mar 29, 2024, 10:37 AM IST

Rajasthan Politics: कोटा से राजनीति में एक दशक के दो धुर विरोधियों की नई-नई दोस्ती की तस्वीर सामने आई है.जहां कोटा उत्तर विधानसभा सीट पर कभी आमने सामने रहने वाले दो धुर विरोधी प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल एक साथ नजर आए.

असल जिंदगी की हकीकत उससे कहीं जुदा

दरअसल,भाजपा के पूर्व विधायक प्रह्लाद गुंजल हाल ही में भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे, जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रह्लाद गुंजल को कोटा बूंदी लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है,वहीं शांति धारीवाल जो वर्तमान में कोटा उत्तर से कांग्रेस विधायक है हाड़ौती की राजनीति में बड़ा नाम रखते हैं से मिलने कल देर शाम जब प्रह्लाद गुंजल विधायक शांति धारीवाल के नयापुरा स्तिथ आवास पर मिलने पहुंचे तो उनकी मुलाकात की तस्वीरों ने बता दिया की राजनीति में जो दिखाई देता है,असल जिंदगी की हकीकत उससे कहीं जुदा है.

कांग्रेस से शांति धारीवाल चुनावी मैदान में थे

सबसे पहली बार प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल का आमना सामना वर्ष 2013 में इस समय हुआ जब भाजपा ने कोटा उत्तर से प्रह्लाद गुंजल को प्रत्याशी बनाया और कांग्रेस से शांति धारीवाल चुनावी मैदान में थे.

ये वो समय था जब शांति धारीवाल की कोटा कांग्रेस में तूती बोलती थी लेकिन प्रह्लाद गुंजल ने 2013 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के शांति धारीवाल को करारी शिकस्त दी थी.

गुंजल को राजनीति के मैदान में औंधे मुंह पटका था

वहीं वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों में भी दोनो एक दूसरे के सामने चुनावी मैदान में थे,लेकिन इस बार नतीजा कुछ अलग था,इस बार शांति धारीवाल ने गुंजल को राजनीति के मैदान में औंधे मुंह पटक लिया था.

प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल आमने सामने थे

इतना ही नहीं इस बार वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में भी प्रह्लाद गुंजल और शांति धारीवाल आमने सामने थे,और इस बार भी भाजपा से प्रह्लाद गुंजल को धारीवाल के सामने पराजय का मुंह देखना पड़ा था.बस यहीं से दोनों में एक दूसरे के प्रति राजनैतिक द्वेषता व्यक्तिगत शत्रुता में परिवर्तित हो गई. दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी हो गए,,चुनाव दर चुनाव एक दूसरे के प्रति बयानबाजी का स्तर गिरता चला गया और दोनो एक दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने लगे.

प्रह्लाद गुंजल ने कई बार प्रेस कांफ्रेंस कर तत्कालीन UDH मंत्री शांति धारीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए,तो धारीवाल ने पलटवार में प्रह्लाद गुंजल को सार्वजनिक रूप से गुंडा तत्व कहकर संबोधित किया.

ट्रांसफर पोस्टिंग तक में दोनों की शत्रुता झलकने लगी

राजनीतिक प्रतिद्वंदता ने एक दूसरे को व्यक्तिगत दुश्मन बनाकर रख दिया.जिसके हाथ में जब जब सत्ता रही तब तब एक दूसरे के कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित करते रहे,,यहां तक की अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग तक में दोनों की शत्रुता झलकने लगी.

भाजपा को तिलांजलि दे दी और कांग्रेस ने शामिल हो गए

लेकिन जब वर्ष 2023 में विधानसभा चुनाव हारने के बाद प्रह्लाद गुंजल ने भीलवाड़ा,टोंक -सवाई माधोपुर कहीं से लोकसभा टिकट मांगा तो पार्टी ने उन्हें टिकिट नही दिया,तो दूसरी तरफ राजस्थान की सत्ता से हाल ही में बाहर हुई. कांग्रेस कोटा बूंदी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारने के लिए प्रत्याशी की तलाश में थी,ऐसे में भाजपा से असंतुष्ट चल रहे फायर ब्रांड नेता प्रह्लाद गुंजल की तरफ कांग्रेस ने हाथ बढ़ा दिया.प्रह्लाद गुंजल ने अपने विद्यार्थी परिषद काल की राजनीति को विराम दे दिया और भाजपा को तिलांजलि दे दी और कांग्रेस ने शामिल हो गए.

लेकिन भाजपा में 40 साल का राजनीतिक जीवन जी चुके प्रह्लाद गुंजल का कांग्रेस के हाथ से हाथ तो मिला लेकिन दिल से तबियत मिली या नही ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

Reporter- KK Sharma 

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