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Rajasthan: चुनाव से पहले राजस्थान के नेताओं को चुनाव आयोग की चेतावनी, अब बयानबाजी पड़ेगी भारी

Rajasthan politics: राजस्थान में चुनावी बयार आने से पहले राजनैतिक सर्गर्मीयां बढ़ती जा रही है. इन राजनैतिक हलचलों के बीच जबानी बयानबाजियां भी तेज हो जाती है, इसी को ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने आने वाले राजस्थान चुनाव में राजनैतिक पार्टियों को चेतवनी जारी की है. 

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Rajasthan: चुनाव से पहले राजस्थान के नेताओं को चुनाव आयोग की चेतावनी, अब बयानबाजी पड़ेगी भारी
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Ashish Chauhan|Updated: May 19, 2023, 04:46 PM IST

Rajasthan politics: राजस्थान में चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी राजनैतिक दलों को हिदायत दी है.आयोग ने पत्र लिखकर निर्देश दिए है कि भाषणों में विशेष योग्यजनों के लिए अपमानजनक शब्दो का प्रयोग ना करें.विशेष योग्यजन आयुक्त उमा शंकर शर्मा ने स्वतः प्रसंज्ञान लिया था.पिछले दिनों बीजेपी के ओसिया से पूर्व MLA भैराराम सियोल ने भाषण में विवादित बोल बोले थे.

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अपमानित शब्दों का प्रयोग ना करे

राजस्थान में चुनाव से पहले नेताओं के जुबान पर राज्य निर्वाचन आयोग ने लगाम लगा दी है.निर्वाचन आयोग ने सभी राजनैतिक पार्टियों को पत्र लिखकर भाषण में विवादित बोल पर चेतावनी देते हुए निर्देश दिए है.  निर्वाचन आयोग ने कहा है कि सार्वजनिक मंच पर  किसी बी राजनैतिक दल का कोई बी नेता किसी भी जनप्रतिनिधि और नेता इस तरह के शब्दों का उपयोग कर दिव्यांगजनों का अपमान नहीं कर सकता है.यदि इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया गया तो दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई होगी.उमाशंकर शर्मा ने इस संबंध में निर्वाचन विभाग,सभी कलक्टर्स,एसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई के लिए निर्देश दिए थे.

पूर्व MLA भैराराम सियोल के थे विवादित बोल

दरअसल, पिछले दिनों बीजेपी के ओसियां से पूर्व MLA भैराराम सियोल ने राजनीतिक  मंच से कहा था कि अंधी,बहरी,लूली,लंगड़ी सरकार को उखाड़ फेंकना है.जिसके बाद दिव्यांगजन सत्येन्द्र राठौड,घमण्डाराम थोरी,ओसियां के दिव्यांगजनों ने विशेषयोग्यजन आयुक्त को शिकायत की थी,जिसके बाद आयुक्त ने स्वत संज्ञान लेते हुए विशेषयोग्यजन न्यायालय ने पूर्व MLA भैराराम सियोल को नोटिस थमाए थे.इसके अलावा निर्वाचन आयुक्त को खत लिखकर कार्रवाई के लिए कहा है.वहीं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता निदेशालय को जागरूकता के लिए कार्यक्रम चलाने के निर्देश दिए.

5 साल तक सजा मिल सकती है-

विशेषयोग्यजन आयुक्त उमाशंकर शर्मा का कहना है कि आरपीडब्लूडी एक्ट 2016 के अन्तर्गत सेक्शन 92 के तहत यदि किसी भी रूप में दिव्यांगों का अपमान किया जाता है कि तो दोषियों के विरूद्ध 6 महीने से लेकर 5 साल तक की सजा और 10 हजार से लेकर 5 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है.उमाशंकर शर्मा ने इस संबंध में इस एक्ट की पालना के लिए सभी जिला कलक्टर्स और पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर निर्देश दिए है.

केंद्र-राज्य सरकार का शब्दों में सम्मान
केंद्र सरकार ने विकलांगों के सम्मान में दिव्यांगजन और राज्य की गहलोत सरकार ने विशेष योग्यजन जैसे शब्दों को इस्तेमाल किया जा रहा है तो फिर उनका अपमान क्यो?इसलिए चुनाव से पहले लगाम के लिए सभी राजनैतिक पार्टियों को निर्देश दिए,ताकि नेताओं के बोल बिगड़े ना.

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