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Rajasthan Political Crisis: शांति धारीवाल के साथ-साथ इन नेताओं पर गिर सकती है गाज, अनुशासनहीनता का मामला

  राजस्थान सरकार में दूसरे नंबर के पावरफुल मंत्री और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल इस समय राजस्थान की राजनीति में सबसे ज्यादा छाए हुए हैं.

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Rajasthan Political Crisis: शांति धारीवाल के साथ-साथ इन नेताओं पर गिर सकती है गाज, अनुशासनहीनता का मामला
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Prashant Jha|Updated: Sep 26, 2022, 04:59 PM IST

जयपुर:  राजस्थान सरकार में दूसरे नंबर के पावरफुल मंत्री और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल इस समय राजस्थान की राजनीति में सबसे ज्यादा छाए हुए हैं. नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए बुलाई गई विधायक दल की बैठक को बहिष्कार करने और मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थन में 92 विधायकों के इस्तीफे से पार्टी आलाकमान बेहद नाराज है. बगावत के एपिसेंटर बने हुए धारीवाल पर अब आलाकमान अनुशासनहीनता के आरोप में चाबुक चला सकता है. धारीवाल के साथ-साथ विधायकों पर भी अनुशासनहीनता के मामले में कार्रवाई हो सकती है., 

सूत्रों की मानें तो जिस तरह गहलोत समर्थक विधायकों ने बगावती रुख अपनाते हुए बैठक का बहिष्कार किया और विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी को इस्तीफे सौंपे हैं वह पार्टी की अनुशासनहीनता को दर्शाता है. मंत्री शांति धारीवाल, मंत्री महेश जोशी, प्रताप सिंह खचारियावास समेत अन्य नेताओं पर गाज गिर सकती है. हालांकि, अधिकारिक तौर पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है.  

गहलोत के हटाने से कांग्रेस को भारी नुकसान- धारीवाल

रविवार को जयपुर में मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर विधायकों का जमावड़ा लगा रहा. विधयाकों ने मुख्यमंत्री आवास पर नहीं पहुंचकर धारीवाल के घर पर बैठक करने लगे. इसमें शांति धारीवाल की भूमिका सबसे ज्यादा रही. शांति धारीवाल ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा था कि गहलोत के अलावा किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो कांग्रेस को भारी नुकसान हो सकता है.

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गहलोत के करीबी हैं धारीवाल

बता दें कि शांति धारीवाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से चहते समर्थकों में से एक हैं. खुद मुख्यमंत्री गहलोत भी कई बार धारीवाल को लेकर मंच से प्रशंसा कर चुके हैं. कई मंचों पर गहलोत ने तो यहां तक कह दिया है कि अगर राजस्थान में सरकार अगर फिर से आती है तो धारीवाल ही यूडीएच मंत्री होंगे.

समानांतर सरकार चलाने से आलाकमान खफा

वहीं, समानांतर सरकार चलाने के घटनाक्रम पर पार्टी आलाकमान काफी करीब से नजर बनाए हुए था. इस सियासी घटनाक्रम से आलाकमान खफा है.  प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे सोनिया गांधी के प्रतिनिधि के तौर पर विधायक दल की बैठक में पहुंचे थे, लेकिन गहलोत समर्थक विधायकों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया. 

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गहलोत से भी नाराज है पार्टी आलाकमान

प्रदेश प्रभारी अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगे. दोनों नेता दिल्ली में 10 जनपथ पर सोनिया गांधी के आवास पर मौजूद हैं और दोनों नेता सोनिया गांधी को राजस्थान की सियासी उठापटक की जानकारी दे रहे हैं.  वहीं राहुल गांधी भी केरल से राजस्थान में पॉलिटिकल ड्रामे पर नजर बनाए हुए हैं. राहुल गांधी कांग्रेस   महासिचव केसी वेणुगोपाल को दिल्ली भेजकर पूरी रिपोर्ट ले रहे हैं. सूत्रों की माने तो पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से भी नाराज है. क्योंकि अशोक गहलोत के सामने पार्टी में विधायकों ने बगावत शुरू कर दी और गहलोत चुपचाप देखते रहे. उन्होंने विधायकों को मनाने की कोई प्रयास नहीं किए.

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