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Rajasthan High Court: मदरसा बोर्ड चेयरमैन को पद से हटाने के आदेश पर रोक, कोर्ट ने सुनाया फैसला

Rajasthan High Court: हाजी महबूब दीवान चोपदार को हाई कोर्ट के फैसले के बाद बड़ी राहत मिली है. कोर्ट ने उन्हें राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन के पद से हटाने के आदेश पर रोक लगा दी है. 

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Mahesh Pareek|Updated: Apr 21, 2024, 12:08 PM IST

Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन को पद से हटाने के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. जस्टिस अवनीश झिंगन की एकलपीठ ने यह आदेश मदरसा बोर्ड के चेयरमैन हाजी महबूब दीवान चोपदार की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. 

3 साल के लिए चेयरमैन के पद पर किया गया था नियुक्त
याचिका में अधिवक्ता सुनील समदडिया ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने 25 जनवरी, 2023 को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमैन पद पर नियुक्त किया था. इस पद पर उसकी नियुक्ति अगले तीन साल के लिए की गई थी. इसके बावजूद अल्पसंख्यक विभाग ने गत 29 फरवरी को आदेश जारी कर याचिकाकर्ता की नियुक्ति को रद्द कर पद से हटा दिया.  याचिका में कहा गया कि विभाग ने याचिकाकर्ता को हटाने का न तो कोई कारण बताया और ना ही उसे सुनवाई का मौका दिया गया. याचिकाकर्ता को तीन साल का कार्यकाल पूरा किए बिना पद से हटाया नहीं जा सकता है. इसके बावजूद भी उसे नियुक्ति के 13 माह बाद ही हटा दिया गया.

राजस्थान हाईकोर्ट ने पद से हटाने के आदेश पर लगाया रोक
याचिका में कहा गया कि राजस्थान मदरसा बोर्ड अधिनियम, 2020 की धारा 7 के तहत बताई निर्योग्यता होने पर ही उसकी नियुक्ति को रद्द कर उसे पद से हटाया जा सकता है. याचिकाकर्ता धारा 7 के तहत किसी भी तरह नियुक्ति के लिए अपात्र नहीं हुआ है. इसलिए उसे तय अवधि से पहले हटाना अवैध है. जिसका विरोध करते हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कहा कि हम नियुक्ति दे सकते हैं तो हटाने का भी अधिकार है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को पद से हटाने के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगा दी है. 

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