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Rajasthan High Court: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता अमीन को राहत, कोर्ट ने स्वीकार की याचिका

Rajasthan News: राजस्थान लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता अमीन पठान को बड़ी राहत मिली है. राजकार्य में बाधा और मारपीट करने के प्रयास से जुड़े मामले में हाई कोर्ट ने अमीन पठान की जमानत याचिका स्वीकार कर ली है. 

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Rajasthan High Court
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Mahesh Pareek|Updated: Apr 03, 2024, 11:26 AM IST

Rajasthan High Court, Jaipur: राजस्थान हाईकोर्ट ने वन विभाग की टीम के साथ राजकार्य में बाधा और मारपीट करने के प्रयास से जुड़े मामले में न्यायिक अभिरक्षा में चल रहे कांग्रेस नेता अमीन पठान को जमानत पर रिहा करने की आदेश दिए हैं. जस्टिस प्रवीर भटनागर की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी अमीन पठान की जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए दिए. बता दें कि अमीन पठान को गत 17 मार्च को कोटा के अनंतपुरा थाना पुलिस ने वन विभाग के रेंजर की शिकायत पर गिरफ्तार किया था.

राजकार्य में बाधा डालने से जुड़ा है मामला
वन विभाग के रेंजर संजय नागर ने 16 मार्च को थाने में शिकायत दी थी, जिसमें कहा था कि वन विभाग की टीम, राजस्व विभाग और यूआईटी व पुलिस के साथ अनंतपुरा गांव में सीमांकन करने गई थी, जहां पर अमीन पठान का वन विभाग की जमीन पर फार्म हाउस बना हुआ है. इस फार्म हाउस का भी सर्वे किया गया और लाल निशान लगा दिए गए. यहां सीमांकन के बाद पत्थरगढ़ी करनी थी. इस दौरान अमीन पठान और उसकी पत्नी सहित एक दर्जन से अधिक लोग आए और उन्होंने गाली गलौज करनी शुरू कर दी. जब टीम ने उसका विरोध किया, तो उनसे हाथापाई करने की भी कोशिश की. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 17 मार्च को अमीन पठान को गिरफ्तार किया था. 

कांग्रेस नेता अमीन पठान को मिली जमानत
जमानत अर्जी में अधिवक्ता वीआर बाजवा ने कहा कि एफआईआर से स्पष्ट है कि टीम राजकार्य पूरा करने के बाद वापस लौट रही थी, तब घटना हुई है. ऐसे में राजकार्य में बाधा का मुकदमा नहीं बनता. इसके अलावा अन्य धाराएं जमानती प्रकृति की हैं. प्रकरण राजनीतिक द्वेषता के चलते दर्ज किया गया है. ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए. वहीं, सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि अमीन पठान पर डेढ़ दर्जन से अधिक मुकदमे लंबित हैं. ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जाए. इस पर बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जो मामले लंबित बताई जा रहे हैं, उनमें से अधिकांश में याचिकाकर्ता के खिलाफ कार्रवाई ड्रॉप हो चुकी है. दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत में जमानत अर्जी को स्वीकार कर लिया है.  

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