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Rajasthan Election : कांग्रेस ने टिकट के दावेदारों से मांगा धर्म और जाति का ब्यौरा, क्या हो सकते हैं इसके मायने...?

Rajasthan Election : प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने दावेदारों से आवेदन मांगना शुरू कर दिया है.  पार्टी ने इसके लिए एक प्रोफार्मा भी जारी किया है.  इस प्रोफार्मा में विधानसभा क्षेत्र के लिए दावेदारों से सामान्य ब्यौरे के साथ ही उनके धर्म और जाति के बारे में जानकारी मांगी गई है, तो पारिवारिक पृष्ठभूमि का विवरण भी पूछा है.   

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Rajasthan Election : कांग्रेस ने टिकट के दावेदारों से मांगा धर्म और जाति का ब्यौरा, क्या हो सकते हैं इसके मायने...?
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Shashi Mohan|Updated: Aug 21, 2023, 11:28 PM IST

Jaipur, Rajasthan Election : प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने दावेदारों से आवेदन मांगना शुरू कर दिया है.  पार्टी ने इसके लिए एक प्रोफार्मा भी जारी किया है.  इस प्रोफार्मा में विधानसभा क्षेत्र के लिए दावेदारों से सामान्य ब्यौरे के साथ ही उनके धर्म और जाति के बारे में जानकारी मांगी गई है, तो पारिवारिक पृष्ठभूमि का विवरण भी पूछा है.  इतना ही नहीं भविष्य में किसी भी संकट से बचने के लिए पार्टी ने दावेदार से आपराधिक मामलों के बारे में भी जानकारी मांगी है. 

राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर पिछले दिनों में कांग्रेस अलग–अलग सर्वे एजेंसियों के जरिए यह पता लगाने की कोशिश की है? कि किस विधानसभा में कौन सा प्रत्याशी पार्टी को जीत दिला सकता है? इस बीच पार्टी ने टिकट के लिए भी मंथन शुरू कर दिया है.  पार्टी ने योग्य प्रत्याशियों की तलाश के लिए अपने पुराने ढर्रे पर चलते हुए ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों के जरिए आवेदन मांगे हैं. 

ब्लॉक और जिला कांग्रेस को टिकट के दावेदारों से नाम मांगने के काम में लगाकर पार्टी अपने आपको लोकतंत्रिक और पारदर्शी बता रही है.  सोमवार से तीन दिन राजस्थान कांग्रेस की सभी 400 ब्लॉक कांग्रेस कमेटी इस काम में व्यस्त रहेंगी. 

दावेदारों से आवेदन तो मांगे 

कांग्रेस पार्टी ने टिकट के दावेदारों से आवेदन तो मांगे हैं, लेकिन इसके लिए पार्टी ने एक तयशुदा प्रोफार्मा भी जारी किया है.  इस प्रोफार्मा के जरिए पार्टी पहले ही प्रत्याशी की गंभीरता और उसकी स्थिति का आकलन कर लेना चाहती है.  कांग्रेस पार्टी ने इस प्रोफार्मा के जरिए दावेदारों से यह पूछा है कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा है या नहीं? अगर किसी के खिलाफ राजनीतिक मामले में मुकदमा दर्ज है, तो उसके बारे में भी जानकारी ली गई है.  

आर्थिक स्थिति जानने के लिए प्रोफेशन पूछा

इसके साथ ही प्रत्याशी की आर्थिक स्थिति जानने के लिए उससे प्रोफेशन के बारे में पूछा गया है.  साथ ही परिवारवाद को लेकर आम तौर पर चुप्प रहने वाली कांग्रेस पार्टी ने दावेदारों की पारिवारिक पृष्ठभूमि को लेकर भी अलग से कॉलम देकर जानकारी मांगी है.  इसके साथ महत्वपूर्ण बात यह है कि प्रत्याशी से उसका धर्म और जाति भी पूछी गई है.  जिससे जातिगत समीकरणों को भी विधानसभा क्षेत्र में देखा जा सके.  इस प्रोफार्मा के जरिए पार्टी ने अलग-अलग जातिगत वोटर्स की संख्या और कौन-कौन सी जातियां उस विधानसभा क्षेत्र में रहती हैं, इसकी जानकारी दावेदारों से मांगी है. 

हालंकि टिकट के दावेदारों से उनकी जीत का आधार पूछ जा रहा है, लेकिन खुद सीएम से लेकर प्रदेश प्रभारी तक कह चुके हैं कि टिकट का अधार सिर्फ जीतने की क्षमता ही होगी. भले ही जातिवाद को लेकर लोग सार्वजनिक जीवन में मुखर ना दिखे, लेकिन राजनीति में जातिगत आधार की जो अहमियत मानी जाती है, उसको कांग्रेस पार्टी भी इस चुनाव में नकारती नहीं दिखेगी. 

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