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महिलाएं कभी नहीं तोड़ेंगी त्रिदेव के प्रतीक 'नारियल' को, अगर जान लेंगी यह बड़ी वजह

Jaipur: हिंदू धर्म में नारियल को शुभ माना जाता है. मंदिरों में नारियल चढ़ाने की मान्यता है. आज हम आपको नारियल से जुड़ी कुछ बातों के बारे में बताएंगे कि महिलाएं क्यों नारियल नहीं तोड़ती हैं, पूजा-पाठ में क्यों नारियल का इस्तेमाल होता है?

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नारियल चढ़ाने से दुख-दर्द का नाश होता
नारियल चढ़ाने से दुख-दर्द का नाश होता

विधि-विधान से लेकर सेहत-सुंदरता को निखारने और कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए नारियल का इस्तेमाल किया जाता है. मंदिरों में नारियल चढ़ाने की मान्यता है. पूजा सामग्री में भी नारियल का विशेष महत्व है. मान्यता है कि भगवान को नारियल चढ़ाने से दुख-दर्द का नाश होता है.

 

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नारियल का पौराणिक महत्व
नारियल का पौराणिक महत्व

मान्यता है कि विष्णु भगवान और मां लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष और कामधेनु को पृथ्वी पर ले आए थे. नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है. भगवान शिव को भी नारियल बहुत प्रिय है. नारियल पर बनी तीन आंखों की तुलना शिवजी के त्रिनेत्र से की जाती है इसलिए नारियल को शुभ माना जाता है.

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महिलाएं नारियल क्यों नहीं तोड़तीं?
महिलाएं नारियल क्यों नहीं तोड़तीं?

नारियल एक बीज फल है. महिलाएं बीज रूप में ही संतान को जन्म देती हैं. गर्भधारण करने की मनोकामना को पूरा करने में नारियल को सक्षम माना गया है. यही कारण है कि महिलाओं के लिए नारियल फोड़ना मना है. माना जाता है कि अगर महिलाएं नारियल तोड़ती हैं तो उनकी संतान को कष्ट होता है.

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नारियल का फूल खाने से संतान की प्रप्ति होती है
नारियल का फूल खाने से संतान की प्रप्ति होती है

नारियल का बीज संतान का रूप माना जाता है. सही विधि से नारियल के बीज के इस्तेमाल से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. नि:संतान दंपति को पुत्र की प्राप्ति होती है.

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घर के मंदिर में नारियल क्यों रखते हैं?
घर के मंदिर में नारियल क्यों रखते हैं?

नारियल को त्रिदेव का प्रतीक माना जाता है. पूजा में नारियल रखने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है. वास्तु शास्त्र में भी नारियल का महत्व है. शुभ कार्य को करने से पहले नारियल चढ़ाया जाता है.

 





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