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सवा करोड़ की लागत से बना हॉस्पिटल, पर इलाज के पड़े हैं लाले, लौट रहे मरीज

कानोता कस्बे में हाल ही में सवा करोड़ रुपए की लागत से पीएचसी भवन का निर्माण करवाया गया हैं.  लेकिन अस्पताल में डॉक्टर की कमी है. कस्बे के मरीजों को अस्पताल में पहुंचकर सरकार द्वारा दी जा रही नि:शुल्क उपचार सेवा नहीं ले पा रहे है. ऐसे में मरीजों को उल्टे पांव लौटना पड़ रहा हैं 

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अस्पताल में डॉक्टर की कमी.
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jul 10, 2022, 03:57 PM IST

Bassi: राजधानी जयपुर बस्सी उपखंड क्षेत्र में स्थित कानोता कस्बे में हाल ही में सवा करोड़ रुपए की लागत से पीएचसी भवन का निर्माण करवाया गया हैं.  लेकिन अस्पताल में डॉक्टर की कमी है. कस्बे के मरीजों को अस्पताल में पहुंचकर सरकार द्वारा दी जा रही नि:शुल्क उपचार सेवा नहीं ले पा रहे है. ऐसे में मरीजों को उल्टे पांव लौटना पड़ रहा हैं और निजी अस्पताल में पहुंचकर महंगे दाम खर्च कर इलाज करवाना पड़ रहा हैं.

अस्पताल में डॉक्टर तैनात नहीं होने के कारण मरीजों की ओपीडी भी सिमट कर रह गई हैं. अस्पताल में डॉक्टर की ड्यूटी लगाने के आदेश जारी भी हो गए लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी डॉक्टर की सीट खाली हैं. अब ग्रामीणों का इंतजार हैं कि अस्पताल में डॉक्टर तैनात हो तो सवा करोड़ रुपए खर्च करने का फायदा मिल सकें.

दो मंजिला भवन में बनाया गया 12 बैड का अस्पताल
कानोता कस्बे कि आम जनता को सरकारी सुविधा मुहिया करवाने के लिए करीब सवा करोड़ रुपए खर्चा कर दो मंजिला ईमारत बनाई गई हैं. भवन में कुल 15 कमरों का निर्माण किया गया हैं, जिसमें लेवर रूम, ओ. टी रूम, डीडीसी, स्टोर, मेल वार्ड, फीमेल वार्ड सहित डॉक्टर रूम, रजिस्ट्रेशन रूम सहित अन्य रूम शामिल है.

अस्पताल में सीबीसी जांच की जरूरत
सरकार के द्वारा सीएचसी और पीएचसी में दर्जनों जांच और उपचार निःशुल्क दिया जा रहा हैं. वर्तमान में कानोता पीएचसी में खून की और अन्य कुल 15 जांच की जा रही हैं, लेकिन मौसमी बीमारियों के दौरान खून की सबसे मुख्य जांच सीबीसी की जरूरत होती है लेकिन अस्पताल में मशीन होने के बाबजूद उसमे काम लिए जाना वाला केमिकल नहीं होने के कारण सीबीसी जांच नहीं हो पा रही हैं इसके लिए मरीजों को निजी लैब पर पैसे खर्च कर करवानी पड़ रही हैं.

अस्पताल में ये पद खाली और ये तैनात
कानोता पीएचसी पिछले दो महीने से डॉक्टर का पद खाली होने के कारण यहां कार्यरत फर्स्ट ग्रेड फार्मासिस्ट द्वारा मरीजों को दवा लिख रहे हैं. यहां डॉक्टर के अलावा सभी पदों पर स्टाप कार्यरत हैं जिसमे प्रथम ग्रेड मेल नर्स, सेकंड ग्रेड स्टाफ नर्स, अकाउंटेंट, एएनएम, लैब टेक्नीशियन, आशा सुपरवाइजर और फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय आदि शामिल हैं.

पिछले साथ दिन की ओपीडी
पीएचसी में डॉक्टर का पद खाली होने के बाबजूद भी फार्मासिस्ट और अन्य स्टाफ के द्वारा मरीजों का इलाज किया जा रहा है जिसके चलते यहां की ओपीडी दिनांक 1 जुलाई को 12 मरीज 2 जुलाई 58 मरीज, 3 जुलाई 10 रविवार की छुट्टी, 4 जुलाई 51 मरीज, 5 जुलाई 78 मरीज, 6 जुलाई 34 मरीज और 7 जुलाई को 54 मरीजों की ओपीडी रही.

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अस्पताल में डॉक्टर तैनात हो तो पुलिस को मिले सुविधा
कानोता पुलिस का कहना हैं कि कानोता पीएचसी में डॉक्टर नहीं होने के कारण हमें आरोपियों और मृतकों का मेडिकल और पोस्टमार्टम करवाने के लिए नायला सीएचसी, बस्सी सीएचसी, जामडोली जामडोली, एसएमएस अस्पताल, जेएनयू में भटकना पड़ता हैं जिससे हमारा समय और अन्य कार्य बाधित हो रहा हैं. अन्य अस्पताल में मेडिकल जांच और पोस्टमार्टम करवाने के लिए डॉक्टर मना कर देते हैं और संबन्धित पीएचसी और सीएचसी में करवाने के लिए बोलकर चक्कर लगावते हैं.

Reporter-Amit Yadav

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