trendingNow/india/rajasthan/rajasthan11485511
Home >>जयपुर

योजनाओं के लिए बजट पूरा, लेकिन खर्च अधूरा, एक दर्जन विभाग खर्चा करने में 'फिसड्डी'

 राज्य में जन विकास की योजनाओं के लिए जारी बजट खर्च करने में करीब एक दर्जन विभाग ''फिसड्डी'' साबित हो रहे हैं.

Advertisement
योजनाओं के लिए बजट पूरा, लेकिन खर्च अधूरा, एक दर्जन विभाग खर्चा करने में 'फिसड्डी'
Stop
Vishnu Sharma Jaipur|Updated: Dec 14, 2022, 05:02 PM IST

जयपुर : राज्य में जन विकास की योजनाओं के लिए जारी बजट खर्च करने में करीब एक दर्जन विभाग ''फिसड्डी'' साबित हो रहे हैं. हालात यह है कि ये विभाग आवंटित बजट की 30 प्रतिशत राशि भी खर्च नहीं कर पाए हैं.इससे योजनाओं के समय पर पूरा होने के आशंका के साथ ही प्रदेश के विकास की गति पर भी असर पड़ने की संभावना है. ऐसे में अब राज्य की मुख्य सचिव उषा शर्मा काम और खर्च की गति बढ़ाने के लिए इन विभागों को प्रमुखों को "बूस्टर डोज'' देगी.

राज्य में आम जनता से जुड़ी योजनाओं के लिए केंद्र और राज्य सरकार भरपूर पैसा दे रही है, लेकिन अफसर इसे खर्च नहीं कर पा रहे हैं. योजनाओं के लिए आवंटित बजट खर्च करने में करीब एक दर्जन विभागों पर फिसड्डी का ठप्पा लग गया है. हालात यह है कि वित्तीय वर्ष के 9 महीने बीतने वाले हैं और योजनाओं पर बजट खर्च की गति कछुआ चाल है. योजनाओं पर करीब 75 प्रतिशत बजट राशि खर्च हो जानी चाहिए, लेकिन इनमें कई विभागों में दस प्रतिशत बजट राशि खर्च नहीं हो पाई है. इसको लेकर राज्य सरकार को चिंता है कि समय पर प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुए तो केंद्र सरकार से भी राशि नहीं मिल पाएगी, वहीं राज्य के अगले बजट में भी घोषणाओं पर असर पर पड़ सकता है.

केंद्र व राज्य स्पॉन्सर्ड है स्कीम्स
राज्य में योजनाओं पर खर्च करने में फिसड्डी विभागों की सूची में ग्रामीण विकास विभाग, पीएचइडी, कृषि, पीडब्ल्यूडी, पंचायती राज, पुलिस, वन, हॉर्टिकल्चर, विधि नागरिक उड्डयन और सहकारिता विभाग शामिल है. इन विभागों में केंद्रीय और राज्य की योजनाएं चल रही है. आधुनिकीकरण योजनाओं में शामिल स्कीम्स में 60 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र की और 40 प्रतिशत हिस्सेदारी होती है. वहीं कुछ योजनाओं में केंद्र की शतप्रतिशत भागीदारी होती है. इनके अलावा कुछ योजनाएं ऐसी हैं जिनमें सम्पूर्ण बजट राज्य सरकार का होता है. मुख्य सचिव की ओर से आयोजित समीक्षा बैठक में तीनों ही प्रकार की योजनाओं पर फोकस रखा गया है.

ये विभाग खर्च करने में हैं फिसड्डी 

प्लानिंग विभाग के अनुसार वर्ष 2022-23 के बजट में स्कीम्स में 30 सितम्बर 2022 तक 30 प्रतिशत से कम खर्च करने वाले एक दर्जन विभाग हैं. इनमें सबसे कम सहकारिता विभाग में 0.11 प्रतिशत ही खर्च हो पाया है, वहीं ग्रामीण विकास विभाग में 29.09 प्रतिशत खर्च हुआ है.

-ग्रामीण विकास विभाग 29.09 प्रतिशत, पीएचईडी 27.88 प्रतिशत, एग्रीकल्चर 26.62 प्रतिशत, पीडब्ल्यूडी में 23.60 प्रतिशत ही बजट खर्च हो पाया है

- इसी तरह पंचायतीराज में 22.22 प्रतिशत, वन विभाग में 20.94 प्रतिशत राशि खर्च हो पाई है

- पुलिस महकमें में 15.87 प्रतिशत, हॉर्टिकल्चर विभाग में 13.89 प्रतिशत, विधि विभाग में 13.25 प्रतिशत बजट ही काम में लिया गया

- इसी तरह आईडी एंड सी में 8.04 प्रतिशत, सिविल एविएशन में 3.32 प्रतिशत तथा सहकारिता में महज 0.11 प्रतिशत राशि ही खर्च हो पाई है.

- मुख्य सचिव उषा शर्मा इन विभागीय अधिकारयों से रूबरू होकर चर्चा करेंगी कि इन योजनाओं की गति कैसे बढ़ाई जाए.

- वहीं क्या उपाय किए जाएं जिससे समय पर योजनाएं पूरी हों पाए और आवंटित बजट भी निर्धारित समय तक पूरा हो सके.

Read More
{}{}