trendingNow/india/rajasthan/rajasthan11233418
Home >>जयपुर

विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा से मुलाकात कर, सिरोही जिले के विभिन्न मुद्दों पर की चर्चा

माउंट आबू के स्थानीय बाशिंदों के जर्जर भवनों की मरम्मत, रिनोवेशन, पुनर्निर्माण और नवनिर्माण की अनुमति मिलें.

Advertisement
 मुख्य सचिव ऊषा शर्मा से मिलते विधायक संयम लोढ़ा
Stop
Bharat Raj|Updated: Jun 26, 2022, 11:36 AM IST

Jaipur: सिरोही विधायक संयम लोढा ने जयपुर में मुख्य सचिव ऊषा शर्मा से सचिवालय में मुलाकात की.  विधायक लोढ़ा ने सिरोही जिले के बरलूट थाना में हत्या के आरोप में झूठा फंसाये गये लखमाराम देवासी एवं गेमाराम गरासिया के मामले में मुख्य सचिव से बात करते हुए, दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने और पीडितों को 10-10 लाख का मुआवजा देने की बात कही, इस पर मुख्य सचिव ने लोढा को उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया.
लोढा ने बताया कि लखमाराम देवासी अभी जमानत पर है और गेमाराम गरासिया अभी भी सिरोही कारागृह में बंद है, लोढा ने मुख्य सचिव से कहां कि अपराध में बिना लिप्तता के पुलिस द्वारा वर्षो जेल में बंद करने से दोनों नागरिकों के मूलभूत अधिकारों का गम्भीर हनन हुआ हैं. गेमाराम गरासिया हत्या के दिन बाली जेल में बंद था लेकिन उसे महीनों बाद एसओजी द्वारा इसमें फंसाया गया हैं.

लोढा ने मुख्य सचिव से कहा कि नागरिक अधिकारों के हनन के अनेक मामलों में सर्वोच्च न्यायालय ने पीडितों को आर्थिक मुआवजा दिलवाया हैं, पूर्व इसरो वैज्ञानिक नामबी नारायणन को 50 लाख रूपये मुआवजा दिया गया था, इस मामले में पुलिस की कार्यवाही संविधान के अनुच्छेद 21 व 22 का उल्लंघन है. सरकार का यह नैतिक दायित्व बनता है कि दो नौजवानों के चार साल की जिदंगी तबाह करने की वह जिम्मेदारी ले, यद्यपि मुआवजे का सीधा अभी तक कोई प्रावधान नहीं हैं, लेकिन राजस्थान सरकार अपने नागरिकों के हितों के प्रति सजग है, अत: राज्य सरकार इस संबंध में मुआवजा जारी करें.

राज्य सरकार के निर्णय के बावजूद माउंट आबू निवासी लाभ से वंचित

लोढ़ा ने मुख्य सचिव ऊषा शर्मा से मुलाकात के दौरान माउंट आबू के बिल्डिंग बायलॉज़ के नोटिफिकेशन को लेकर भी बात की. उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार जून 2009 में ईको सेंसेटिव जोन के निटिफिकेशन के अनुसार माउंट आबू का जोनल मास्टर और सब जोनल प्लान 2015 में ही लागू हो चुका है, मुख्यमंत्री के प्रयास से इसका बायलॉज 2019 में लागू हो चुका है साथ ही इसका एस टू ज़ोन की सीमा का निर्धारण भी 25 अप्रैल 2022 को हो गया हैं लेकीन, इसका गजट माउंट आबू नगर पालिका द्वारा अब तक नहीं निकलवाने से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही हैं.  जिससे माउंट आबू में भवन निर्माण और मरम्मत का कार्य नहीं हो पा रहें हैं. लोढा ने सीएस से कहा कि इसका नोटिफिकेशन हो जाने से मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार जोनल मास्टर प्लान के प्रावधानों के अनुसार, माउंट आबू के स्थानीय बाशिंदों के जर्जर भवनों की मरम्मत, रिनोवेशन, पुनर्निर्माण और नवनिर्माण की अनुमति मिल पाएगी. जिससे करीब 35 सालों से भवन निर्माण नहीं होने से बिखर चुके सामाजिक और आर्थिक ताने बाने को पुनर्जीवित करने का प्रयास शुरू हो सकेगा.

यह भी पढ़ें-बारां को 5 नई एम्बुलेंस की सौगात, ग्रामीण क्षेत्र को मिलेगी राहत

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कार्यकारी समिति गठित करने का दिया सुझाव

विधायक संयम लोढा ने सीएस से कहा कि माउंट आबू में पर्यटकों के आकर्षण को बढ़ाने के लिये, डवलपमेंट के प्रोजेक्ट को गति देने के लिए आबू विकास समिति के साथ एक कार्यकारी समिति मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की जाए, जिससे माउंट आबू में पर्यटकों के आकर्षण के लिये नियमित रूप से विकास कार्यों को आगे बढ़ाया जा सकें. साथ ही लोढा ने स्पोर्ट्स एडवेंचर गतिविधियां भी शुरू करने की बात कही, इस पर मुख्य सचिव ने माउंट आबू को पर्यटन नक्शे में उभारने के लिए और वहां के लोगों को सम्बल देने के लोढ़ा के सुझावों पर शीघ्र अमल का आश्वासन दिया.

 

अपने जिले की खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

Read More
{}{}