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Rajasthan News: 12 करोड़ रुपये के नोटिस देकर अफसरों ने जमकर लूटी वाहवाही, लेकिन साल भर में एक फूटी कौड़ी भी नहीं वसूल सके इस विभाग ऑफिसर्स

Rajasthan News: 12 करोड़ रुपये के नोटिस देकर अफसरों ने वाहवाही तो जमकर लूटी लेकिन साल भर में एक फूटी कौड़ी भी विभाग के अफसर वसूल नहीं कर पाए, जानिए ये पूरा मामला क्या है?

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Kashiram Choudhary|Updated: Jul 30, 2024, 08:14 PM IST

Rajasthan News: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सरकार गठन के बाद से ही जीरो टॉलरेंस की नीति का स्पष्ट संदेश दिया हुआ है. लेकिन उन्हीं के विभाग के अफसर करोड़ों रुपए जुर्माना लगाने के बावजूद वसूली नहीं कर रहे हैं. ऐसे ही 2 मामलों में विभाग के अफसरों ने 2 खनन पट्टाधारकों की अनियमितता पर 12 करोड़ जुर्माना तो लगा दिया, लेकिन एक साल बाद भी एक रुपया वसूल नहीं किया है. 

खान विभाग ने 3 दिन पहले डूंगरपुर के 2 खानधारकों पर 19 करोड़ 68 लाख रुपए जुर्माना लगाने के नोटिस जारी किए हैं. खान विभाग के अफसरों ने मीडिया में वाहवाही भी बटोर ली है. लेकिन लगता नहीं कि वसूली हो सकेगी. ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि ऐसी ही वाहवाही पिछले साल जयपुर में करीब 12 करोड़ के नोटिस देकर भी वसूली गई थी. एक साल पूरा होने के बावजूद खान विभाग के अफसर 12 करोड़ तो दूर, एक फूटी कौड़ी भी नहीं वसूल सके हैं.

मामला जयपुर जिले के आसलपुर इलाके का है, जहां चेजा पत्थर की दो खानों को खान विभाग ने पिछले साल 8 अगस्त को नोटिस जारी किए थे. जयपुर के खनि अभियंता श्रीकृष्ण शर्मा ने 8 अगस्त 2023 को मौजी स्टोन क्रेशर वैशाली नगर और इमरान खान, वैशाली नगर नामक दो खनन पट्टाधारकों पर जुर्माना लगाया था. एक पर 5 करोड़ 59 लाख और दूसरे पर 6 करोड़ 76 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया था. चेजा पत्थर निकालने की इन दो खानों में खान विभाग ने बड़े स्तर पर अनियमितता पाई थी. फोरमैन ने रिपोर्ट में लिखा कि जिस जगह के लिए खनन पट्टा जारी किया गया था, वहां से पत्थर निकाला ही नहीं गया.

जानिए, क्यों लगा 2 कंपनियों पर 12 करोड़ जुर्माना ?

- 27 जून को खनि कार्यदेशक ने 2 खनन पट्टा क्षेत्र का निरीक्षण कर रिपोर्ट दी

- मौके पर खनन पट्टा क्षेत्र के बोर्ड या पिलर्स लगे नहीं पाए गए

- दोनों खनन क्षेत्र में एक भी खनन पिट नहीं पाया गया

- खनन पट्टा 307/1994 के कार्यालय रिकॉर्ड में जून 2023 तक भारी खनन बताया गया

- लेकिन मौके पर कोई खनन होता हुआ नहीं मिला

- इसके बावजूद 1.27 लाख मिलियन टन चेजा पत्थर के रवन्ने जारी कर दिए गए

- खनन पट्टा 75/1996 में पंजीयन से जून 2023 तक भारी खनन बताया गया

- मौके पर कोई खनन नहीं, लेकिन 1.53 लाख मिलियन टन के रवन्ने जारी

- विभाग ने माना दोनों पट्टों में चेजा पत्थर किसी अन्य जगह से निकाला गया

- इसके बाद खनन पट्टे के रवन्ने से उसका निगर्मन किया गया

- मौजी स्टोन क्रैशर पर 5.59 करोड़ और इमरान खान पर 6.76 करोड़ जुर्माना लगाया

नोटिस जारी करने के बाद होना तो यह चाहिए था कि खनन पट्टाधारकों के जवाब मिलने के तुरंत बाद ही खान विभाग जुर्माना वसूली के लिए डिमांड जारी करता. लेकिन इस मामले में एक साल बीतने के बावजूद भी अभी तक जुर्माना वसूली के डिमांड नोटिस जारी नहीं किए जा सके हैं. सूत्रों के मुताबिक खनन पट्टाधारकों ने फोरमैन की रिपोर्ट को गलत बताया है. विभाग ने इसके लिए दुबारा निरीक्षण कराया है. लेकिन विभाग के स्तर पर ढिलाई के चलते दोनों खनन पट्टाधारकों से जुर्माना वसूली की कार्रवाई नहीं हो सकी है, न ही दोनों खनन पट्टों में तुला यंत्र और ई-रवन्ना डिएक्टिवेट किए गए हैं. इन दिनों दोनों पट्टा क्षेत्रों में धड़ल्ले से खनन किया जा रहा है. जिससे कि यदि फिर से सर्वेक्षण किया जाए तो मौके पर खनन पिट मिल सकें और खनन होना साबित किया जा सके.

 

कौन हैं जिम्मेदार ?

- जब मौके पर खनन नहीं मिला तो जुर्माना वसूला जाना चाहिए था

- खनि अभियंता जयपुर श्रीकृष्ण शर्मा ने अगस्त 2023 में नोटिस जारी किए थे

- फरवरी 2024 तक पद पर रहने के बावजूद डिमांड नहीं निकाली

- अधीक्षण खनि अभियंता प्रतापचंद मीना, जयपुर ADM बीएस सोढा भी जिम्मेदार

- बीएस सोढा तो पिछले एक साल से इसी पद पर, लेकिन मॉनिटरिंग में ढिलाई

- मौजूदा खनि अभियंता श्याम कापड़ी, अधीक्षण खनि अभियंता एनएस शक्तावत की भी लापरवाही

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