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गुजरात न्यायिक सेवा में राजस्थान की मयूरी जैन, सुनीता और आकांक्षा ने दिखाया करिश्मा

Gujarat Judicial Service: गुजरात हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से सिविल जज कैडर का शुक्रवार शाम परिणाम जारी किया गया है. इसमें बाड़मेर की मयूरी जैन ने जहां 11वीं रैंक हासिल की है. सोजत की सुनीता भाटी ने सामान्य वर्ग में 31वीं रैंक हासिल कर जज बनी हैं. वहीं, पुष्कर की आकांक्षा पारासर ने 26वीं रैंक हासिल की है.

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गुजरात न्यायिक सेवा में राजस्थान की मयूरी जैन, सुनीता और आकांक्षा ने दिखाया करिश्मा
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Oct 21, 2022, 08:37 PM IST

Jaipur: राजस्थान की बेटियों ने एक बार फिर से ज्यूडिशरी में सफलता का परचम लहराया है. प्रदेश की न्यायिक सेवा के बाद इस बार इन बेटियों ने गुजरात न्यायिक सेवा में भी सफलता हासिल की है. गुजरात हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से सिविल जज कैडर का शुक्रवार शाम परिणाम जारी किया गया है. इसमें बाड़मेर की मयूरी जैन ने जहां 11वीं रैंक हासिल की है. सोजत की सुनीता भाटी ने सामान्य वर्ग में 31वीं रैंक हासिल कर जज बनी हैं. वहीं, पुष्कर की आकांक्षा पारासर ने 26वीं रैंक हासिल की है.

दादा-चाचा वकील, मयूरी ने हासिल की 11 वीं रैंक

बाड़मेर निवासी वरिष्ठ एडवोकेट जैठमल जैन के घर में दिवाली से दो दिन पूर्व जमकर दिवाली मनाई जा रही है. घर पर बधाई देने वाले को मुंह मीठा कराया जा रहा है. जैठमल जैन की पोती मयूरी जैन ने गुजरात हाईकोर्ट की ओर से आयोजित की गयी सिविल जज कैडर में 11 वी रैंक हासिल की है. मूयरी के पिता राकेश जैन गुजरात में जीएसटी आफिसर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने अपने पिता के साथ रहकर ही इस परीक्षा की तैयारी की है.

मूयरी जैन सीएस टॉपर भी रही हैं. उनके दादा जैठमल तो वरिष्ठ अधिवक्ता हैं ही, चाचा मुकेश जैन भी अधिवक्ता हैं. अपनी पोती की सफलता पर दादा जेठमल जैन के साथ पुरा परिवार खुशियां मना रहा है. जैन परिवार की दो पीढ़िया वकालत से जुड़ी हैं, और अब तीसरी पीढ़ी की मयुरी ने न्यायिक सेवा में कदम रख लिया है.

अजमेर डीजे भाटी की बेटी सुनीता ने हासिल की 31वीं रैंक

पाली जिले के सोजत निवासी सुनीता भाटी ने कैरियर का पहला लक्ष्य ही जज बनने का बनाया था, और इस लक्ष्य के पीछे खड़े रहने वाले सुनीता के पिता मदनलाल भाटी हैं. राजस्थान की न्यायपालिका में जिला एवं सत्र न्यायाधीश मदनलाल भाटी वरिष्ठ जज हैं. राजस्थान हाईकोर्ट ने हाल ही में उनका नाम हाईकोर्ट जज के लिए भी भेजा है. अब भाटी की बेटी सुनीता भाटी भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए गुजरात में जज बन गई हैं. सोजत निवासी मदनलाल भाटी की बेटी ने अपनी पूरी तैयारी अपने पिता के साथ अजमेर में रहते हुए की है. फिलहाल भाटी अजमेर जिला न्यायालय में प्रिंसिपल डीजे है.

न्यायिक सेवा में चयन नहीं हो पाया था

सुनीता भाटी का राजस्थान की न्यायिक सेवा में चयन नहीं हो पाया था, साक्षात्कार में केवल 1 नंबर से चयन होने से रह गया था. इस असफलता को भी सुनीता ने एक चुनौती के तौर पर लिया और गुजरात न्यायिक सेवा के लिए प्रयास शुरू कर दिए. सुनीता भाटी इस सफलता को एक चुनौती के तौर पर लेती हैं. वो कहती हैं कि उन्हें अपने माता पिता और गुरुओं से कभी हार ना मानने की जो सीख मिली है, वो उनके लिए हर कदम पर साथ देती है. सुनीता के लिए न्यायिक सेवा में आना सपने का साकार होना है. लेकिन पिता मदनलाल भाटी और मां तारा भाटी के​ लिए ये अब तक उनकी ईमानदारी का प्रतिफल है. मदनलाल भाटी कहते है कि मुझे राजस्थान की न्यायपालिका ने बहुत सम्मान दिया है और अब तो बेटी भी इस क्षेत्र में आ गयी है तो जिम्मेदारी और भी बढ़ गई है.

पिता अस्पताल में टेक्नीशियन, बेटी बनी जज

अजमेर के जिला अस्पताल में टेक्नीशियन के पद पर कार्यरत महेश पारासर ने अपनी बेटी की सफलता के लिए लंबा संघर्ष किया है. शुक्रवार शाम को परिणाम जारी होने के बाद से ही महेश पारासर काफी भावुक हैं. उन्हे अब भी यकीन नहीं हो रहा है उनकी बेटी ने पहले ही प्रयास में ये सफलता हासिल कर ली है. आकांक्षा पारासर ने अपने पिता से अलग राह चुनते हुए न्यायिक सेवा में जाने का फैसला किया था. अब वो गुजरात की न्यायपालिका में जज बनेगी. गुजरात हाईकोर्ट की ओर से आयोजित हुई परीक्षा में ये दूसरा प्रयास में सफलता हासिल की है.  एनएलयू अहमदाबाद से एलएलबी 2019 करने के बाद जयपुर जगन्नाथ विश्वविद्यालय से एलएलएम की डीग्री हासिल की है.

सफलता की पहली सीढ़ी मां

आकांक्षा अपनी सफलता की पहली सीढ़ीअपनी मां कमलेश पाराशर को बताती हैं जो अजमेर के गुलाबबाड़ी सरकारी विद्यालय में टीचर हैं. कमलेश पारासर ने ही सबसे पहले बेटी के लिए ये सफर सोचा था. मां के मार्गदर्शन के बाद बेटी इस राह में आगे बढ़ती रहीं और पिता उनका हौसला बढ़ाते रहे. आकांक्षा ने 26वीं रैंक हासिल की है.

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