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सरदारशहर उपचुनाव में BJP की हार पर वसुंधरा समर्थकों ने कहा- आगामी विधानसभा चुनाव की कमान हो राजे के हाथ

सरदारशहर उपचुनाव में मिली करारी हार पर वसुंधरा समर्थकों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है, कहा कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. पूनियां की घरेलू सरदारशहर सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी हार ने उस दावे की धज्जियां उड़ा दी है. 

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सरदारशहर उपचुनाव में BJP की  हार पर वसुंधरा समर्थकों ने कहा- आगामी विधानसभा चुनाव की कमान हो राजे के हाथ
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Dec 11, 2022, 11:00 AM IST

Kotputli, Jaipur News: एक ओर जहां पीएम मोदी के नेतृत्व में गुजरात विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली प्रचंड बहुमत की जीत देश भर के भाजपा कार्यकर्ताओं को उत्साहित कर देने वाली है. वहीं, दूसरी ओर सरदारशहर उपचुनाव में भाजपा की हार ने कार्यकर्ताओं को निराशा से भर दिया है. विगत विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी प्रदेशाध्यक्ष पूनियां के नेतृत्व में हुए 8 विधानसभा चुनावों में से भाजपा 6 चुनाव हार चुकी है. वहीं, आगामी विधानसभा चुनाव में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के रिपीट होने की सम्भावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. 

सरदारशहर उपचुनाव में मिली करारी हार पर वसुंधरा समर्थकों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. इस संबंध में प्रैस से बातचीत करते हुए वसुंधरा राजे समर्थक राजस्थान मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष व राजस्थान सेवानिवृत कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष पं. बृजमोहन शर्मा ने प्रैस को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. पूनियां की घरेलू सरदारशहर सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली करारी हार ने उस दावे की धज्जियां उड़ा दी है, जिसके बल बुते पर आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा जीत के सपने देख रही है.   

इस चुनाव में डॉ. पूनियां ना तो प्रचार के लिए सरदारशहर पहुंचे और ना ही अपने स्वजातिय 5 प्रतिशत वोट भी भाजपा को दिला पाएं, जबकि उनकी नियुक्ति जाट वोट बैंक को भाजपा की ओर करने के लिए हुई थी. पं. शर्मा ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अभी तक के उपचुनावों में भाजपा की एक के बाद एक जमानत जप्त, करारी हार के साथ-साथ तीसरे स्थान पर जाने जैसे निराशा जनक प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्हें अविलंब त्याग पत्र दे देना चाहिए. 

साथ ही, दिल्ली में बैठी आलाकमान को भी जल्द से जल्द राजस्थान भाजपा की कमान पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हाथों में सौंप देनी चाहिए, क्योंकि वे ही एकमात्र सर्वमान्य नेता है, जिनके नेतृत्व में भाजपा वर्ष 2013 के चुनाव परिणाम से भी अधिक प्रचंड बहुमत वाली गुजरात जैसी जीत दिला सकती है. राजे सरकार की कार्यकाल की जनकल्याणकारी योजनाएं व विकास कार्य के चलते प्रदेश की जनता राजे को ऐतिहासिक जीत देने के लिए तत्पर है. कांग्रेस शासन में आमजन व्यथित है. 

भाजपा जन आक्रोश यात्रा शुभारंभ में राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की उपस्थिति में कुर्सियों का खाली रह जाना भी प्रदेश नेतृत्व की कमजोरी को प्रमाणित करता है. राजस्थान के सेवानिवृत कर्मचारी सभी 200 विधानसभा सीटों में अपना जादुई असर रखते है. शर्मा ने उन्हीं के बल पर दावा किया कि प्रदेश में राजे को नेतृत्व सौंपा जाएं तो आने वाले चुनाव में भारी बहुमत से भाजपा की सरकार बन सकती है. इन्हीं जन भावना को ध्यान में रखते हुए जल्द ही भाजपा की कमान पूर्व मुख्यमंत्री को सौंपनी चाहिए.  

वहीं, वसुंधरा राजे समर्थक मंच युवा मोर्चा के प्रदेश संगठन मंत्री विकास डोई ने प्रैस को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह प्रदेश भाजपा के संगठन व नेतृत्व की कमजोरी एवं विफलता है, जिसके चलते भाजपा को राजस्थान में बार-बार हार का मुंह देखना पड़ रहा है. शीर्ष नेतृत्व को पूर्व सीएम वसुंधरा राजे जैसी जनआधार वाली नेता को ही चेहरा बनाना चाहिए, जिससे वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव का बिगुल बजाया जा सकती है. 

राजस्थान में आमजन की भावना का सम्मान करते हुए मरूधरा की एकमात्र सर्वमान्य नेता वसुंधरा राजे को कमान सौंपनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राजे को कमान सौंपे जाने के बाद ही राजस्थान में भाजपा का 180 से ऊपर सीटों का सपना साकार हो सकता है. उनके नेतृत्व में चुनाव होने के बाद कांग्रेस एक गाड़ी की सवारी वाली पार्टी रह जाएगी. 

Reporter- Amit Yadav 

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