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फॉरेन ट्रिप पर हुआ प्यार का अहसास, ब्लैंक कॉल्स से बनी बात, डिज़नी वंडरलैंड जैसी प्रिंसेस दीया कुमारी की लव स्टोरी

Diya Kumari Love Story: दीया कुमारी भी अपनी लव लाइफ और शादी को किसी परियों की कहानी से कम नहीं समझती हैं. दीया कुमारी और नरेंद्र की दोस्ती, लव और शादी के रिश्ते को काफी उतार-चढ़ाव देखने पडे़. 

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फॉरेन ट्रिप पर हुआ प्यार का अहसास, ब्लैंक कॉल्स से बनी बात, डिज़नी वंडरलैंड जैसी प्रिंसेस दीया कुमारी की लव स्टोरी
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Sneha Aggarwal|Updated: May 16, 2024, 10:28 AM IST

Diya Kumari Love Story: कहते हैं ना प्यार और जंग में सब जायज है. यह पंक्ति राजकुमारी दीया कुमारी और नरेंद्र सिंह की लव स्टोरी के लिए बिल्कुल सटीक बैठती है. राजकुमारी दीया और नरेंद्र सिंह की प्रेम कहानी पूरी दुनिया में मशहूर है. जानकारी के अनुसार, दीया कुमारी भी अपनी लव लाइफ और शादी को किसी परियों की कहानी से कम नहीं समझती हैं. दीया कुमारी और नरेंद्र की दोस्ती, लव और शादी के रिश्ते को काफी उतार-चढ़ाव देखने पडे़. 

प्यार में पागल दीया कुमारी (Diya Kumari Love Story) ने नरेंद्र की एक आवाज सुनने के लिए सैकड़ों ब्लैंक कॉल्स किए और कई बार वह छिप-छिप कर नरेंद्र से कॉमन फ्रेंड के घर पर मिलती. वहीं, दीया ने समाज के विरोध जाकर अपने प्यार को शादी में तबदील किया. हालांकि दीया ने लव मैरीज होने के बावजूद भी उन्होंने नरेंद्र सिंह से कई सालों बाद तलाक ले लिया था. 

आइए आज हम दीया कुमारी की लव स्टोरी के कुछ अनोखे किस्सों के बारे में बात करते हैं: 

दीया के दिल को भायी नरेंद्र की सादगी 


दीया ने मीडिया में दिए गए इंटरव्यू में बताया कि जब वह 18 साल की थी तब पहली बार शिवाड़ के कोठड़ा में पहली बार नरेंद्र से मुलाकात हुई. वे पहली बार 1989 में मिले, जब उनके पिता को राजीव गांधी ने जयपुर से चुनाव लड़ने के लिए कहा था. वहीं, नरेंद्र के पिता ठा. बुध सिंह सवाई माधोपुर से थे, जो उनके पिता की कैंपेनिग में मदद करते थे. 

इस दौरान नरेंद्र सीए कर रहे थे और काम के अनुभव के लिए अक्सर एसएमएस म्यूजियम ट्रस्ट जॉइन आया करते थे. वहीं, दीया की मुलाकात नरेंद्र से हुई. दीया भी अकाउंट्स के काम से उनसे पैलेस में मिली और उन्हें नरेंद्र से बातें करके बहुत अच्छा लगा. उनकी सादगी और केयरिंग नेचर दीया के दिल को छू गया. 

छिप-छिप कर नरेंद्र से मिली दोस्त के घर 


वहीं, दीया का कहना है कि हां ये पहली नजर वाला प्यार नहीं था, लेकिन जब वह तीन महीने बाद वहां से चले गए तो दीया को लगा की नरेंद्र से फिर से मिलना चाहिए. ऐसे करते-करते वे अच्छे दोस्त बन गए और जब भी नरेंद्र जयपुर आते वह उनसे एक कॉमन फ्रेंड के घर पर मिलती. दीया ने बताया कि पहली बार प्यार का अहसास तब हुआ जब वह अपने माता-पिता के साथ विदेश यात्रा पर गई, उन्हें पहली बार लगा कि वह नरेंद्र के बिना नहीं रह सकती हैं.

वहीं, ये बात उन्होंने अपनी मां को बताई तो वह चौंक गई, क्योंकि वह हमेशा से चाहती थी मेरी शादी किसी शाही परिवार के लड़के से हो. उन्हें लगा कि दीया ये सब भूल जाएंगी, इसलिए उन्होंने इस बारे में पिता से बात नहीं की. इसके बाद नरेंद्र और दीया जयपुर से बाहर अक्सर दिल्ली में मिलने लगे. वहीं, जब नरेंद्र के पेरेंट्स को भी इस बारे में पता चला तो वे भी नाराज हुए. 

आवाज सुनने के लिए किए ब्लैंक कॉल्स


ये सब जानने के बाद दिया की मां दुखी रहने लगी इसलिए दीया ने 5-6 महीनों तक नरेंद्र से दूरी बना ली और बस उनकी आवाज सुनने के लिए ब्लैंक कॉल्स करने लगी. एक दिन दीया से रहा नहीं गया और उन्होंने नरेंद्र से फोन पर बात कर ली और माता-पिता को बिना बताए उन दोनों ने शादी कर ली.  6 सालों के साथ के बाद 1994 में आर्य समाज शादी कर ली और फिर कोर्ट में रजिस्ट्रेशन करवाया. 

शादी के 3 साल बाद हुआ रिसेप्शन 


वहीं, नवंबर 1996 में दीया ने अपनी मां को इस बारे में बता दिया और नरेन्द्र ने अपने पेरेंट्स को बताया. ये बात सुनकर नरेंद्र के पिता नाराज हो गए. उसके बाद 1997 में मां ने पिता को इस बारे में बताया जिससे वो बेहद खफा हुए, लेकिन फिर उन्होंने दीया और नरेंद्र के रिश्ते को अपना लिया और अगस्त 1997 में धूमधाम से दीया और नरेन्द्र की शादी और रिसेप्शन हुआ. 

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दीया को मिली किडनैपिंग की धमकियां


इधर, शादी की खबर सुनने के बाद दीया को किडनैपिंग और सुसाइड स्क्वाड भेजने की धमकियां मिलने लगी. इस शादी को लकेर समाज के ठेकेदारों ने एतराज जताया. मां और दीया की मां के आगे शर्त रखी कि यह शादी हुई तो इस्लाम अपनाना होगा. वहीं, दीया ने बताया कि उनके सब रिश्तेदारों को लगता था कि वह किसी राजा से शादी करेंगी लेकिन वह किसी अच्छे इंसान से शादी करनी चाहती थी, ओहदे से नहीं. 

बेटी के लिए पिता ने छोड़ा पद 


कहते है कि दीया के इस फैसले के बाद उनके पिता ब्रिगेडियर भवानी सिंह ने राजपूत सभा के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया था और उन्होंने समाज से दूरी बना ली थी, क्योंकि राजपूत समाज दीया के फैसले से नाराज था. 

धमकियों से नहीं डरी दीया कुमारी 


दीया ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनकी शादी का फैसला एक निजी फैसला है और उससे किसी दूसरे को फर्क नहीं पड़ना चाहिए. उन्होने कहा कि वे न तो समाज की धमकियों से डरी और न ही कमजोर पड़ी. उन्होंने बताया कि जब वो 16 साल की थी उनके लिए पहली बार किसी शाही परिवार से रिश्ता आया था, लेकिन पिता ने मना कर दिया था कि उनकी बेटी अभी छोटी है. 

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