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13 मई को हनुमान चालीसा की गूंज से सराबोर हो उठेगा जयपुर, जाने क्या वजह

जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट की पंद्रहवीं बरसी पर बीजेपी की ओर से शहर के 250 वार्डों में धरना प्रदर्शन के साथ ही हनुमान चालीसा पाठ किए जाएंगे.

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13 मई को हनुमान चालीसा की गूंज से सराबोर हो उठेगा जयपुर, जाने क्या  वजह
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Vishnu Sharma Jaipur|Updated: May 08, 2023, 10:48 PM IST

Jaipur News : जयपुर सीरियल बम ब्लास्ट की पंद्रहवीं बरसी पर बीजेपी की ओर से शहर के 250 वार्डों में धरना प्रदर्शन के साथ ही हनुमान चालीसा पाठ किए जाएंगे. इससे बीजेपी जन जागरण अभियान चलाएगी, जिसमें जनता को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जाएगा.

बीजेपी प्रदेश कार्यालय में सोमवार को भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरूण चतुर्वेदी ने प्रेसवार्ता में बम बलास्ट बरसी पर आयोजित कार्यक्रमों की जानकारी दी. इस मौके जयपुर सांसद रामचरण बोहरा सहित शहर जिला अध्यक्ष राघव शर्मा भी मौजूद थे. प्रेस कांफ्रेंस में जयपुर ब्लास्ट इंसाफ मांगे राजस्थान नाम से पोस्टर जारी करते हुए अभियान से जुडने के लिए मिस्ड कॅाल के लिए टोल फ्री नंबर जारी किया. इस मौके पर एक शॉर्ट फिल्म वीडियो का भी प्रदर्शन किया जाएगा. इसमें बम विस्फोट हादसे से लेकर अब तक की सम्पूर्ण जानकारी दी गई है. इसे जगह जगह लोगों को दिखाकर हकीकत से रूबरू कराया जाएगा. वीडियो में अब तक घटनाक्रम के साथ ही पीएम मोदी, अमित शाह के भाषण के अंश भी शामिल किए गए हैं . कर्नाटक चुनाव में प्रचार के दौरान मोदी ने जयपुर ब्लास्ट के आरोपियों के बारी होने का जिक्र करते हुए सरकार पर आरोप लगाया था. बीजेपी ने आरोपियों के बरी होने के मामले में सवाल खड़े किए हैं. इसके साथ ही शनिवार को प्रदेशभर में टिवटर पर हैश टैग के साथ एक अभियान चलाया जाएगा.

अरुण चतुर्वेदी ने बताया कि जयपुर के सभी 250 वार्डों में इस दिन धरना-प्रदर्शन के साथ हनुमान चालीसा का पाठ किया जाएगा. जारी किए गए मोबाइल नम्बर पर कोई भी मिस्ड कॉल देकर इस कार्यक्रम से जुड़ सकेगा. प्रदेश की गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जयपुर बम धमाकों के दौरान देश में पांच बडे बम धमाके हुए थे,जिसमें से समझौता एक्सप्रेस ,मालेगांव बम ब्लास्ट,हैदराबाद मक्का मस्जिद ब्लास्ट,अजमेर दरगाह बम ब्लास्ट मामले और जयपुर बम ब्लास्ट, इनमें से जयपुर बम ब्लास्ट के अलावा चारों मामलों में जांच एनआईए को सौंपी गई. वही जयपुर ब्लास्ट मामले में इंडियन मुजाहिदीन के आतंकियों को बचाने के लिए गहलोत सरकार ने एसआईटी का गठन कर उसे जांच सौंप दी,जिससे बम कांड से जुडे तथ्य सही से नहीं जुटाए गए जिसके चलते सभी आरोपी उच्च न्यायालय से बरी हो गए.

कांग्रेस की तुष्टिीकरण की मंशा साफ स्पष्ट होती है. न्यायालय में 48 पेशियां लगी, लेकिन सरकार की ओर से किसी भी तारीख पर मजबूत पैरवी के लिए वकील नहीं भेजे गए. वहीं जब बात अफजल गुरू को बचाने की आती है तो कांग्रेस रात 12 बजे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाती है. कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी आतंकियों के मामले में आगे आकर पैरवी करते हैं,जबकि अन्य मामलों में चुप्पी साध लेते हैं. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर भगवा आतंकवाद जैसे नारे देने का आरोप भी लगाया. अरूण चतुर्वेदी ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सभी दोषियों को बरी हुए एक माह से ज्यादा समय हो गया,लेकिन सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर नहीं की गई,जबकि भाजपा ने दो पीडित परिवारों के साथ जाकर एसएलपी दायर करने में सहयोग किया.

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