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Jaipur news: 67 साल से मथुरा का ये मुस्लिम परिवार बना रहा है रावण और मेघनाद के पुतले

Jaipur news: रावण और कुम्भकर्ण का पुतला मथुरा का मुस्लिम परिवार 67 साल से बनाता हुआ आ रहा है.ये उनके लिए सिर्फ बिजनेस नही है.बलिक पुतले बनाते समय इस बात का ख्याल रखा जाता है 

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Jaipur news: 67 साल से मथुरा का ये मुस्लिम परिवार बना रहा है रावण और मेघनाद के पुतले
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Oct 19, 2023, 04:37 PM IST

 

JAIPUR NEWS :धार्मिक सौहार्द्र की उम्दा मिसाल पेश करते हुए गुलाबीनगरी के आदर्श दशहरा मैदान में रावण और कुम्भकर्ण का पुतला मथुरा का मुस्लिम परिवार 67 साल से बनाता हुआ आ रहा है.ये उनके लिए सिर्फ बिजनेस नही है..बलिक पुतले बनाते समय इस बात का ख्याल रखा जाता है की दशहरा के दिन इस खास दिन हिंदू लोग रावण के पुतलों को देखकर वैसा ही महसूस करें जैसा की उन्होने उसके बारे में सुना और पढा है..दशहरे के दिन जब सैकड़ो हिंदू परिवार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतिक के रूप में इस पुतलों को जलते हुए देखते हैं तो उन्हे खुशी होती है।

25 सदस्य हर साल बनाते है पुतला
यह कहानी है मथुरा के उस मुस्लिम परिवार की जो ,जन्माष्टमी के दो दिन बाद जयपुर पहुंचकर गुलाबी नगरी के सबसे बडे़ रावण का पुतला बनाने में जुट जाता हैं .गंगा-जमुना तहजीब को मुस्लिम परिवार की पांच पीढ़् यू ही आगे बढा रही हैं. 

25 सदस्यों के इस दल में सबसे छोटा सदस्य 7 साल का मोहम्मद रजा कादरी और सबसे बडे सदस्य 68 साल के लक्खू भाई रावण वाले शामिल हैं. विजयदशमी पर आदर्श नगर के दशहरा मैदान में करीब 105 फीट के रावण और 95 फीट के कुम्भकर्ण के दहन को देखने के लिए ना केवल शहर से बल्कि दूर- दूर से लोग आते हैं. जिसे मुस्लिम परिवार 45 दिन की बड़ी मेहनत के बाद तैयार करता है.

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  पांच पीढ़ियां बना रही है 67 साल से रावण
मथुरा निवासी लखोभाई की पांच पीढ़ियां श्रीराम मंदिर प्रन्यास श्रीसनातन धर्मसभा आदर्श नगर के लिए रावण बना रही है. आज से 67 साल पहले लखोभाई के दादा नईम बक्स आतिशबाज यहां रावण बनाने आए थे. उसके बाद पिता सुबान बक्स, बडे भाई अबरार हुसैन रावण बनाते थे..उसके बाद से वे इस काम को अंजाम दे रहे हैं.

.इस बार उनकी देख रेख में उनके बेट पोते -पोती रावण का पुतला बनाने में जुटे हुए हैं.इस काम में परिवार की महिलाएं भी पीछे नहीं है.धर्म से ये परिवार मुसलमान है..मगर धर्म का बंधन उनके काम के कभी आड़े नहीं आया.....हर साल डेढ़ महीने तक दिन-रात मेहनत करके ये लोग  रावण और मेघनाद के पुतले का निर्माण करते हैं...मेहनताना बहुत ज्यादा नहीं मिलता, लेकिन इस काम को करने में जो खुशी मिलती है, वहीं खुशी इस परिवार को हर साल जयपुर खींच लाती है

खास है मुकुट 
विजयदशमी पर इस बार 105 फुट ऊंचे रावण और 95 फुट के कुम्भकर्ण के पुतले का निर्माण किया जा रहा है.इस बार रावण का 25 फीट ऊंचा मुकुट खास रहने वाला है. मुकुट में हीरे- मोती और रत्न जडे़ हुए नजर आएंगे..मथुरा से आए कारीगरों ने बताया की इस बार जो रावण और मेघनाथ के पुतले के लिए विशेष मुकुट बनाया गया है , ऐसा मुकुट आज तक किसी ने नहीं बनाया..

रावण के मुहं और आंख में मोम को इस प्रकार भरा जाएगा की जैसे ही पुतले में आग लगाई जाएगी तो वो गुस्से में दिखाई देगा. उसके मुहं से अंगारे बरसते हुए नजर आएंगे. इसी के साथ ही रावण के मुकुट को भी आकर्षक गोल्डन रंग दिया गया है जो दूर से ही दिखाई देगा.. और साथ ही रावण के मुकुट सहित पूरे पटल पर विशेष LED लाइट लगाई गई है जो आकर्षण का केंद्र बनेगी.

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. दोपहर में राम बारात का आयोजन श्री राम मंदिर से किया जाएगा, जो शहर के विभिन्न मार्गो से गुजरती हुई दशहरा मैदान पहुंचेगी और शाम के समय रावण दहन कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा... हर बार रावण और कुंभकरण के पुतलें अलग अलग तरीकों से डिजाइन किए जाते हैं जिससे शहर वासियों को कुछ नए होने का आभास नजर आए... इस बार विशेष आतिशबाजी भी की  जाएगी जो जयपुर शहर में आकर्षण का केंद्र बनेगी.

धर्म या मजहब बाधा नहीं

कोई भी धर्म या मजहब कभी भी किसी ऐसे कार्य में बाधा नहीं डालता है....जो की मानवीयता के लिए किया जा रहा हो...इस देश में इसी प्रकार के सामाजिक कार्यों से ही समाज में शांति आ सकती है....जिसमें कभी मुस्लिम हिन्दू पर्व के लिए पुतले बनाये और कभी हिन्दू जलसे के लिए ताजिये तैयार करें..

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