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Jaipur News: नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें! ACB को मिले सबूत

Jaipur News: हाईकोर्ट के आदेश के बाद नगर निगम हेरिटेज मेयर की कुर्सी पर काबिज मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ गई है. दो लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में उनके पति सुशील गुर्जर को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी ने अपनी जांच में मुनेश के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाए हैं. इसके साथ ही एसीबी ने सरकार से मुनेश के खिलाफ अभियोजन की इजाजत मांगी है.

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Deepak Goyal|Updated: Jun 17, 2024, 12:57 PM IST

Rajasthan News: ईमानदारी व्यक्ति को निडर बनाती हैं....! ये वही लाइन है जो नगर निगम हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर के चैंबर में आने वाले सभी लोगों को प्रभावित करती थी, लेकिन एसीबी की जांच में ईमानदारी का ढोल पिटने वाली निगम हेरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर का भ्रष्टाचार का पूरा खेल सामने आ गया है. एसीबी ने अपनी जांच में नगर निगम हेरिटेज की महापौर मुनेश गुर्जर पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित माने गए हैं. पट्टे जारी करने की ऐवज में दो लाख रुपए की रिश्वत लेने के मामले में उनके पति सुशील गुर्जर को गिरफ्तार करने के बाद एसीबी ने अपनी जांच में मुनेश के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य पाए हैं. इसके साथ ही एसीबी ने राज्य सरकार से मुनेश के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति की इजाजत मांगी है. स्वायत्त शासन विभाग से अभियोजन स्वीकृति मिलने के बाद पति-पत्नी दोनों के खिलाफ एक साथ चालान पेश होगा.. 

एसीबी की जांच में माना महापौर मुनेश गुर्जर की थी मिलीभगत
एसीबी ने 4 अगस्त 2023 में हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के घर छापा मारकर उनके पति सुशील गुर्जर को दो लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था. आरोप था कि पट्टे जारी करवाने की एवज में दो दलालों के जरिए रिश्वत मांगी गई थी. एसीबी ने दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे को भी गिरफ्तार किया था. सुशील गुर्जर के घर से तलाशी में एसीबी के परिवादी के पट्टे की फाइल के अलावा 41 लाख रुपए मिले थे, जबकि दलाल नारायण सिंह के घर से भी 8.95 लाख रुपए मिले थे. दरअसल, 4 अगस्त को कार्रवाई के बाद तत्कालीन सरकार ने मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया था. उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाईकोर्ट के आदेश पर ही मुनेश को कुर्सी वापस मिली थी. अब सरकार चालान पेश करने की इजाजत देती है, तो यह कुर्सी फिर खतरे में पड़ सकती है. इस मामले पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि अभी तक मेरे पास पत्रावली नहीं आई है, जिस दिन मेरे टेबल पर पत्रावली आएगी, तुरंत दो घंटे में फाइल का सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा.

पति-पत्नी दोनों के खिलाफ होगा चालान पेश
दरअसल, 4 अगस्त 2023 को एसीबी ने मेयर मुनेश गुर्जर के आवास पर छापा मारा था. एसीबी ने रिश्वत लेने के मामले में मेयर मुनेश गुर्जर के पति सुशील गुर्जर और उसके साथ दो दलाल नारायण सिंह, अनिल दुबे को गिरफ्तार किया था, जहां उनकी जमानत भी हो गई. इसके बाद हुई एसीबी जांच में महापौर मुनेश गुर्जर की भूमिका सामने आई है. एसीबी ने नवम्बर 2023 में मुनेश के बयान लिए थे. जांच अधिकारी एएसपी राजेंद्र नैन की रिपोर्ट पर एसीबी ने पति के साथ पत्नी मुनेश के खिलाफ चालान पेश करने का निर्णय लिया है. चालान पेश करने के लिए एसीबी ने राज्य सरकार से इजाजत मांगी है. 

पहले भी दो बार किया जा चुका है निलंबित 
गौरतलब है कि एसीबी की कार्रवाई के बाद तत्कालीन गहलोत सरकार ने 5 अगस्त 2023 को मेयर मुनेश गुर्जर को मेयर और पार्षद पद से निलंबित कर दिया था, तत्कालीन सरकार ने निलंबन आदेश में कहा था कि मेयर मुनेश गुर्जर के घर पर परिवादी के पट्टे की फाइल एसीबी को मिलना और उनके पति का रिश्वत लेना इस मामले में मेयर की संलिप्तता दिखता है. इस दशा में राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2009 की धारा के अनुसार मेयर का कृत्य गंभीर है और उनके मेयर पद पर बने रहने से विचाराधीन जांच को प्रभावित करने की पूरी संभावना है, जिस वजह से मेयर मुनेश गुर्जर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया. 23 अगस्त को मुनेश को कोर्ट से राहत मिली और मुनेश महापौर की कुर्सी पर फिर बैठ गईं. 1 सितंबर को राज्य सरकार ने मुनेश गुर्जर को निलंबित करने का फैसला वापस ले लिया. 22 सितंबर को फिर मेयर मुनेश गुर्जर को निलंबित किया. दोबारा निलंबन के आदेश के खिलाफ मुनेश गुर्जर ने 26 सितंबर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. याचिका में मुनेश ने कोर्ट से कहा था कि सरकार ने एक बार फिर उन्हें कानून से विपरीत और तथ्यों से परे जाकर निलंबित किया है. उसके बाद फिर से हाईकोर्ट ने मेयर को राहत दी और 4 दिसंबर 2023 में फिर मुनेश गुर्जर ने मेयर की कुर्सी संभाली. 

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