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Jaipur Nagar Nigam Heritage : तीन साल बाद 6 मार्च को होगी नगर निगम हैरिटेज की साधारण सभा बैठक

Jaipur Municipal Corporation Heritage : जयपुर नगर निगम हैरिटेज में तीन साल के बाद सदन बुलाया जाएगा. हाईकोर्ट के दखल के बाद मेयर मुनेश गुर्जर ने 6 मार्च को दोपहर 2.15 बजे साधारण सभा बुलाने का निर्णय किया है.

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नगर निगम हैरिटेज.
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Deepak Goyal|Updated: Feb 28, 2024, 07:59 PM IST

Jaipur Municipal Corporation Heritage News: जयपुर नगर निगम हैरिटेज में तीन साल के बाद सदन बुलाया जाएगा. हाईकोर्ट के दखल के बाद मेयर मुनेश गुर्जर ने 6 मार्च को दोपहर 2.15 बजे साधारण सभा बुलाने का निर्णय किया है.

हाईकोर्ट के दखल के बाद मेयर मुनेश गुर्जर ने लिया निर्णय 

नगर निगम हैरिटेज और बोर्ड का गठन होने के बाद ये मेयर मुनेश गुर्जर के कार्यकाल की दूसरी साधारण सभा होगी. इससे पहले फरवरी 2021 में साधारण सभा बुलाई गई थी. इस बैठक में इस बार मेयर मुनेश गुर्जर को बीजेपी के भी पार्षदों के साथ अपने ही कांग्रेसी पार्षदों का भी विरोध झेलना पड़ सकता है. इसे देखते हुए पार्षदों को खुश करने के लिए मेयर ने इसमें कुछ ऐसे प्रस्तावों को शामिल किया है, जिससे दोनों ही दलों के पार्षदों को संतुष्ट किया जा सके.

6 मार्च को दोपहर 2.15 बजे आहूत की जाएगी

पार्षदों के तमाम प्रदर्शन, हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद जयपुर नगर निगम हैरिटेज की साधारण सभा की बैठक नगर निगम ग्रेटर के सभासद भवन में छह मार्च को दोपहर 2.15 बजे आहूत की जाएगी. इस बोर्ड बैठक में इस बार मेयर मुनेश गुर्जर को बीजेपी के भी पार्षदों के साथ अपने ही कांग्रेसी पार्षदों का भी विरोध झेलना पड़ सकता है.

तीन साल बाद होने वाली इस साधारण सभा की बैठक में सात एजेंडों पर चर्चा होगी. असंतुष्ट पार्षदों की नाराजगी को देखते हुए उन्हे खुश करने के लिए मेयर ने इसमें कुछ ऐसे प्रस्तावों को शामिल किया है, जिससे दोनों ही दलों के पार्षदों को संतुष्ट किया जा सके. इसमें एक सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव पार्षदों को इलेक्ट्रिक व्हीकल उपलब्ध करवाना है.

ताकि वे अपने एरिया में तंग गलियों में उस व्हीकल के जरिए जाकर आमजन की परेशानी और मौके पर समस्या का अवलोकन कर सके. इसके लिए हर पार्षदों को इलेक्ट्रिक स्कूटर दिलाने की तैयारी है. इसके साथ ही मेयर ने एक प्रस्ताव बीजेपी की विचारधारा को ध्यान में रखते हुए रखा है.

उन्होंने नगर निगम हैरिटेज की ओर से संचालित 5 स्कूलों का रेनोवेशन करवाने और उनका नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम से करने का प्रस्ताव एजेंडा में शामिल करवाया है. साथ में नगर निगम हैरिटेज मुख्यालय का नाम भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय से रखने का प्रस्ताव रखा जाएगा.

इस बैठक में प्रस्ताव के जरिए मेयर स्थानीय बीजेपी विधायकों को भी साधने की तैयारी कर रही है. पिछले दिनों हवामहल विधायक बाल मुकुंदाचार्य ने अवैध मीट की दुकानों, बूचड़खानों को बंद करवाने के लिए शहर में जगह-जगह दौरे किए थे और विरोध जताया था. इसे देखते हुए मेयर मुनेश गुर्जर ने धार्मिक स्थलों, पर्यटन स्थलों, स्कूलों और सार्वजनिक पार्को के नजदीक चलने वाली अवैध मीट की दुकानों और बूचड़खानों को हटाने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन करने का प्रस्ताव एजेंडा में शामिल किया है.

तीन साल बाद होने वाली साधारण सभा की बैठक में पार्षद अपने क्षेत्र की समस्याओं को सदन में उठा सकेंगे. दरअसल आमजन को राहत देने और बेहतर काम करने के उदेश्य से पिछली कांग्रेस सरकार ने जयपुर नगर निगम के दो विभाजन करके बनाए नगर निगम हैरिटेज और ग्रेटर बनाए, लेकिन इनके बनने के बाद जयपुर में हालात सुधरने के बजाए और बिगड़ गए है.

नगर निगम हैरिटेज में स्थिति इतनी बुरी है कि पिछले 3 साल में सदन की एक बार ही बैठक बुलाई गई. बजट के लिए सिर्फ फरवरी 2021 में एक बार ही सत्र बुलाया गया. इस बार भी 2024-25 का शहरी सरकार का 1130 करोड का बजट बिना सदन में पारित करवाए राज्य सरकार को भेजा गया हैं, क्योंकि निकायों को 15 फरवरी तक बजट सत्र बुलाकर सदन में बजट को पास करवाकर 28 फरवरी तक अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भिजवाना था, लेकिन 15 फरवरी तक नगर निगम हैरिटेज में बजट बैठक बुलाई नहीं गई.

ऐसे में नगर निगम हैरिटेज प्रशासन ने लगातार तीसरी बार भी सीधा राज्य सरकार को बजट अनुमोदन के लिए भेजा गया हैं. इसी तरह वित्तीय वर्ष 2022-23 में 879 करोड़ का बजट और 23-24 में 1082 करोड़ का बजट बिना बोर्ड की बैठक बिना चर्चा ही राज्य सरकार अनुमोदन के लिए राज्य सरकार को भेजा था.

इससे पहले नवंबर 2020 में बोर्ड बनने के बाद फरवरी 2021 में पहली बार नगर निगम हैरिटेज की साधारण सभा हुई. जिसमें साल 2021-22 का 784 करोड़ का बजट पेश किया गया था. इसके बाद से मेयर मुनेश गुर्जर ने एक भी बार भी बोर्ड बैठक नहीं की. कोविड और विधानसभा-लोकसभा का हवाला देकर तब से एक बार भी सदन की बैठक नहीं हुई.

 

साधारण सभा में ये प्रस्ताव रखने की तैयारी

- नगर निगम में अनुकंपा नियुक्तियों का स्थायीकरण करने का प्रस्ताव।।

- हैरिटेज निगम में बीट का पेमेंट करने और नए बीट के टेंडर करने का प्रस्ताव

- निगम पार्षदों को इलेक्ट्रिक गाड़ी उपलब्ध करवाने, ताकि वह हैरिटेज एरिया की छोटी गलियों में घूमकर लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुन सके और मौका निरीक्षण कर सके.

- धार्मिक स्थल, पयर्टन स्थल, विद्यालय और सार्वजनिक पार्क के पास संचालित अवैध बूचड़खाने या मीट की दुकानों को बंद करवाने के लिए टास्क फोर्स बनाने का प्रस्ताव.

- हैरिटेज निगम की ओर से संचालित स्कूलों की बिल्डिंगों का रेनोवेशन करवाकर उनका नाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय रखने का प्रस्ताव.

- सफाई कर्मचारियों का समानीकरण करके सफाई व्यवस्था को बेहतर बनाने और धार्मिक स्थलों के लिए टास्क फोर्स बनाने का प्रस्ताव.

- नगर निगम हैरिटेज मुख्यालय में सफाई कर्मचारियों के लिए एक डिस्पेंसरी और प्रधानमंत्री जनऔषधि केन्द्र खोलने का प्रस्ताव.

नगरपालिका एक्ट के मुताबिक तो एक साल में छह साधारण सभा की बैठक आहूत होनी चाहिए, लेकिन नगर निगम हैरिटेज में तीन साल में 18 बैठक की जगह सिर्फ एक बोर्ड बैठक आहूत की गई हैं. दरअसल कांग्रेस ने 10 नवंबर 2020 को तीन साल पहले निर्दलीयों के समर्थन से मुनेश गुर्जर को कांग्रेस विधायकों ने मेयर बनाया, लेकिन दो साल बाद विधायकों और मेयर के बीच अनबन शुरू हो गई.

कांग्रेस विधायकों में भी दो गुट हो गए. इसके बाद आदर्श नगर, सिविल लाइंस और किशनपोल विधानसभा क्षेत्र के पार्षद मेयर के खिलाफ हो गए. मेयर का चेहरा बदलने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया. ऐसे में अब मेयर मुनेश गुर्जर साधारण सभा बुलाती हैं तो मेयर को हटाने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने की भी चर्चा हैं. हालांकि ये अविश्वास प्रस्ताव साधारण सभा की बैठक में नहीं लाया जा सकता हैं.

इसके लिए प्रस्ताव वाले वाले पार्षदों को पूरी प्रकिया से गुजरना होगा. महापौर को हटाने सबसे पहले कलेक्टर (जिला निर्वाचन अधिकारी) को प्रस्ताव भेजना होगा. निगम के 100 वार्डों की संख्या के हिसाब से प्रस्ताव में तीन चौथाई करीब 75 पार्षदों के हस्ताक्षर होना जरूरी है. कलेक्टर सात दिन में साधारण सभा की बैठक बुलाएंगे.

निगम की साधारण सभा में प्रस्ताव पास होने के लिए तीन चौथाई यानी 100 पार्षदों के हिसाब से 75 पार्षदों के समर्थन की जरूरत होगी. कोरम पूरा होने की स्थिति में कलक्टर बैठक में मेयर को हटाने का प्रस्ताव रखेगा. जिसमें चार घंटे तक चर्चा का समय भी रहता हैं. यदि वोटिंग होती है और तीन चौथाई वोट मेयर को हटाने के पक्ष में डाले जाते है तो अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाएगा और साधारण सभा में यदि कोरम पूरा नहीं होता है.

उस स्थिति में महापौर को हटाने के लिए लाया यगा अविश्ववास प्रस्ताव अपने आप गिर जाएगा. हालांकि अविश्वास प्रस्ताव को लेकर निगम हैरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर ने कहा की दलगत राजनीति से व्यक्ति को उपर उठना चाहिए. मैंने ईमानदारी से काम किया हैं. सही भाव से काम किया हैं. मैं जब तक इस कुर्सी पर बैठी हूं सेवा के भाव से बैठी हूं.

ठाकुरजी जब तक सेवा का मौका देंगे तब तक काम करूंगी. ठाकुरजी ने जब सोच लिया की काम में कमी है तो विदाई हो जाएगी. गौरतलब हैं की नगर निगम हैरिटेज में भाजपा और कांग्रेस दोनों में से किसी के पास पूर्ण बहुमत नही हैं. हेरिटेज निगम में बोर्ड के लिए 51 पार्षदों का होना जरूरी है. बहुमत की संख्या भाजपा और कांग्रेस दोनों के पास नहीं है.

बहरहाल, साधारण सभा की बैठक बुलाने के लिए पार्षद कई बार धरना प्रदर्शन करते दिखे तो इस मामले में कुछ पार्षद कोर्ट भी पहुंचे. महापौर और पार्षदों की सहमति होने के बाद भी राजनैतिक कारणों की वजह से साधारण सभा की बैठक नहीं बुलाई जा सकी. हाल ही में साधारण सभा के लिए जब हाईकोर्ट ने ही निगम प्रशासन को तत्काल बैठक बुलाने के लिए कहा गया तो अब निगम प्रशासन ने बैठक बुलाई हैं. बोर्ड बैठक होगी तो चर्चा होगी शहर के मुद्दे आएंगे जिनका समाधान भी होगा.

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