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जयपुर: मास्टर प्लान लगने के बाद कोटपूतली के लोगों की बढ़ी परेशानी, व्यापारियों ने लगाये मनमर्जी का आरोप

कोटपूतली में जिस प्रकार मास्टर प्लान लगा है उससे व्यापारियों के काम धंधे पूरी तरह से चौपट हो गये है. व्यापारियों का कहना है पहले कोरोना की मारी अब मास्टर प्लान लगाकर तोड़फोड़ कर दी जिससे सभी व्यापारी सड़क पर आ गये. व्यापारियों का कहना है मास्टर प्लान लगाना अच्छी बात है लेकिन इसमें व्यापारियों को मुआवजा राशि देने चाहिये थी.

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जयपुर: मास्टर प्लान लगने के बाद कोटपूतली के लोगों की बढ़ी परेशानी, व्यापारियों ने लगाये मनमर्जी का आरोप
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: May 14, 2023, 07:14 PM IST

Master plan Jaipur News: कोटपूतली शहर में पिछले साल 2022 में मास्टरप्लान लगाकर तोड़फोड़ की कार्रवाई की गई थी जो पुतली मोड़ से बानसूर रोड पूर्वा सिनेमा तक 60 फुट रोड चौड़ा करना था. वहीं पुरानी नगरपालिका से मुख्य चौराहे तक भी 80 फुट रोड़ चौड़ा करना था, लेकिन नगरपरिषद ने पहले व दूसरे फेज में शहर की लाल कोठी से शनि मंदिर व पुरानी नगरपालिका से मुख्य चौराहे तक तोड़फोड़ की कार्रवाई की.

नरक की जिंदगी जीने को मजूबर कोटपूतलीवासी

नगरपरिषद व स्थानीय प्रसाशन के द्वारा कोटपूतली के मुख्य मार्गों को चौड़ा कर सुगम रास्ते बनाने को लेकर कार्रवाई की गई थी. तोड़फोड़ की कार्रवाई में अधिकतर व्यापारियों को बहुत बड़ा नुकसान हुआ, लेकिन फिर भी व्यापारी व आमजन ने भविष्य में होने वाले चौड़े रास्ते सुगम व्यवस्थाओं को देखते हुये नुकसान की बिना प्रवाह किये हुये अपनी जमीन व दुकानों की जगह दे दी. जबकि की किसी भी व्यापारी व जमीन मालिक को कोई मुआवजा नहीं दिया गया. लेकिन अब साल भर बीत जाने के बाद आज कोटपूतली शहर के हालात बत से बदतर हो रहे हैं. इस शहर की और देखने वाला कोई नहीं है. यहां के लोग मौजूदा स्थिति में नरक की जिंदगी जीने को मजूबर है.

व्यापारियों के काम धंधे पूरी तरह से चौपट

कोटपूतली में जिस प्रकार मास्टर प्लान लगा है उससे व्यापारियों के काम धंधे पूरी तरह से चौपट हो गये है. व्यापारियों का कहना है पहले कोरोना की मारी अब मास्टर प्लान लगाकर तोड़फोड़ कर दी जिससे सभी व्यापारी सड़क पर आ गये. व्यापारियों का कहना है मास्टर प्लान लगाना अच्छी बात है लेकिन इसमें व्यापारियों को मुआवजा राशि देने चाहिये थी. कहा गया मास्टर प्लान में मुवावजे का प्रावधान नहीं होता लेकिन फिर भी व्यापारियों ने नुकसान को झेला जिसके बाद आज स्थिति ऐसी हो गई कोटपूतली में व्यापार नाम की कोई चीज नहीं बची है.

अब जब तक समय से सड़कों व रास्तों के निर्माण नही होगा तब तक व्यापार की गति नहीं लौटेगी इसके लिये प्रसाशन व नगरपरिषद को ठोस कदम उठाने पड़ेंगे. साथ ही रास्तों की बीच बिना सड़के बनाये बीच रास्तों में बड़े बड़े डिवाडर बना दिये गये। जिनका कोई औचित्य नहीं है. अब आये दिन इस कारण जाम की स्थिति बनी रहती है. अब कोटपूतली में ग्राहक आता ही नहीं है. सारा व्यापार पावटा बहरोड़ शाहपूरा में डिवाइड हो गया है.

कोटपूतली में मास्टर प्लान लगा तो लोगों को लगा विकास होगा

जिस दिन कोटपूतली में मास्टर प्लान लगा था तो लोगो को लगा था शहर में व्यस्थायें ठीक होंगी चौड़े रास्ते चमचमाती सड़के सड़को पर रोशनी की व्यवस्था सहित ड्रेनेज सिस्टम सही होगा लेकिन अब कोटपूतली दशा और भी खराब हो गई है. बाजार टूटने के बाद विकास के दावे फैल हो रहे है. केवल धूल मिट्टी व गंदगी से परेशान होने के अलावा कुछ भी नहीं बचा है. तोड़फोड़ की कार्रवाई के दौरान कुछ व्यापारियों के द्वारा न्यालय में स्टे लेने से पूरा  बाजार अव्यस्थित हो गया है. अब केवल धूल मिट्टी फांकने के अलावा कुछ काम ही नहीं बचा है.

एक फिल्मी डायलॉग है जो काफी चर्चित हुआ था. जिसमे एक किरदार में अधिवक्ता के द्वारा कहा गया था "तारीख पर तारीख" तारीख पर तारीख जज साहब आखिर फैसला कब आयेगा. अब ऐसा ही माहौल कोटपूतली में देखने को मिल रहा है स्टे की कार्रवाई के बाद न्यालय से नगरपरिषद को पिछले एक साल से स्टे की कार्रवाई को हटाने को लेकर जयपुर हाईकोर्ट में तारीख पर तारीख मिल रही है. जिस कारण अब आगे काम नहीं चल पा रहा .

व्यापारियों का आरोप है नगरपरिषद अपनी तरफ से ठोस पैरवी नहीं कर पा रहा जिसके कारण से समस्या का सामना करना पड़ रहा है। व्यापारियों का साथ ही आरोप है। नगरपरिषद की पहले से कोई मजबूत प्लांनिग नही थी तोड़फोड़ की कार्रवाई केवल आनन फानन में की गई है जिसका खामियाजा आज इस शहर के वासियों को भुगतना पड़ रहा है. अगर मास्टर प्लान की कार्रवाई ठीक होती तो न्यालय कभी स्टे की कार्रवाई नहीं करता.

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कोटपूतली में जिस प्रकार तोड़फोड़ की कार्रवाई की है वो भी भेदभाव पूर्ण की गई. क्योंकि कोटपूतली मास्टर प्लान पुतली मोड़ से पूर्वा सिनेमा बानसूर रोड तक प्रस्तावित था. वहीं पुरानी नगरपालिका से मुख्य चौराहे तक लेकिन एक तरफ केवल लाल कोठी से शनि मंदिर तक कार्रवाई की गई जो कतई ही गलत है. अगर बीच की कार्रवाई पर कई संरचनाओं पर स्टे कर दिया गया तो शनि मंदिर से आगे कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही. वहीं लाल कोठी से पुतली मोड़ की कार्रवाई को रोक दिया गया. ये अपने आप मे सवालिया निशान है इसको लेकर भी व्यापार वर्ग में काफी रोष है. 

अब तो व्यापारियों की आस भी टूट गई अब कही कोटपूतली के सीधे दिन आएंगे व्यापारियों व आमजन के कहना हमारा कोटपूतली पहले जैसा ही हो जाये तो हम तो अब भगवान से येही पार्थना करते है। क्योकी हम जैसों की कौन सुनेगा जब खुद सभापति की दुकान का कचरा उनकी दुकान के सामने पड़ा रहता है. सामने गंदे नाले की बदबू आती रहती वो ही जब अपना खुद का काम नहीं करवा सकते तो इस शहर का भला अब कौन करवा सकता है. सभी राम भरोसे चल रहा है.

मास्टर प्लान की कार्रवाई को लेकर नगरपरिषद आयुक्त से बात की गई तो उनका कहना है कि माननीय न्यालय के द्वारा कुछ सरंचनाओं पर स्टे लगा रखा जिस कारण काम करने में बाधा आ रही है. साथ हमारी तरफ से मजबूती से पैरवी की जा रही है. आने वाली एक दो तारीखों में स्टे हटा दिया जायेगा जिसके बाद सड़को नालियों के काम चालू कर दिये जायेंगे. साथ ही जब शनि मंदिर व लाल कोठी से आगे की कार्रवाई के लिये कहा गया. अभी बोर्ड की मीटिंग में निर्णय लिया जायेगा साथ ही इन्फॉर्म कमेटी ने भी निर्णय नहीं लिया गया जिस कारण दोनो और कार्रवाई रोकी गई है.
 

मास्टर प्लान से आस लगाई थी अब पानी फिरता नजर आ रहा

जिस प्रकार कोटपूतली के वासियों ने मास्टर प्लान लगाने को लेकर आस लगाई थी उन सब पर पानी फिरता नजर आ रहा है. क्योंकि मौजूदा हालात ही ऐसे है. साथ ही अगर नगरपरिषद व प्रसाशन की कार्य करने की झमता होती तो शनि मंदिर या लाल कोठी से आगे कार्रवाई करनी चाहिए थी लेकिन दोनों और कार्रवाई को रोक दिया गया. जबकी दोनों और किसी प्रकार की स्टे की रोक भी नहीं है.

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इससे साफ प्रतीत होता है कहीं ना कही नगरपरिषद प्रसाशन ने अब तक की कार्रवाई दवाब में रहते की है. क्योंकि बोर्ड की मीटिंग कर निर्णय लेना नगरपरिषद के हाथ में ही फिर आखिर मीटिंग क्यों नहीं की जा रही अब कोटपूतली के व्यापारियों व आमजन को केवल न्यालय पर ही भरोसा, लेकिन अब देखना होगा आखिर अब फैसला क्या आता है ये समय की बात होगी.

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