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Jaipur: तेंदुओं के कुनबे के साथ बढ़ रहीं चुनौतियां, मां से दूर नहीं हो रहे शावक

लेपर्ड रिजर्व में तेंदुओं के कुनबे के साथ-साथ चुनौतियां भी बढ़ रही हैं. झालाना की बात करें तो तेंदुए शावक मां के आसपास अपनी टेरेटरी बना रहे हैं. झालाना लेपर्ड सफारी में लगातार ऐसा देखने को मिल रहा है. 

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Jaipur: तेंदुओं के कुनबे के साथ बढ़ रहीं चुनौतियां, मां से दूर नहीं हो रहे शावक
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Oct 19, 2022, 07:00 PM IST

Jaipur: झालाना लेपर्ड रिजर्व में तेंदुओं के कुनबे के साथ-साथ चुनौतियां भी बढ़ रही हैं. झालाना की बात करें तो तेंदुए शावक मां के आसपास अपनी टेरेटरी बना रहे हैं. झालाना लेपर्ड सफारी में लगातार ऐसा देखने को मिल रहा है. 

तेंदुओं की बढती संख्या, टेरेटरी बनाना चुनौती

झालाना जंगल में तेंदुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. आंकड़े की बात करें तो, चार साल में 35 से ज्यादा शावक यहां जन्मे हैं. महज 20 वर्ग किमी के जंगल में इनके लिए टेरेटरी बनाना चुनौती से कम नहीं है. यही वजह है कि ये शावक मां से दूर नहीं हो रहे हैं, जबकि 9 से 10 माह में मां खुद बच्चे को खुद से अलग कर देती है, लेकिन यहां ये शावक मां के पास ही अपनी टेरेटरी बना रहे हैं. मां के पास रहकर वह खुद को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं.

जैसा कि, मादा तेंदुए शर्मिली ने शावकों ने टोडी रमजानी के आसपास, मादा तेंदुए मिसेज खान के शावकों ने माइंस एरिया में, मादा पैंथर तेंदुए के शावकों ने आर्बोरेटम के पीछे जंगल में और मादा तेंदुए जलेबी के शावकों ने चीतलबाड़ा में अपनी टेरेटरी बना ली है. हालांकि मादा तेंदुए जलेबी, बसंती, शर्मिली और मिसेज खान ने इस साल भी शावक जन्मे हैं. वर्तमान में पांच शावकों के साथ मादा तेंदुओं के साथ ही घूमते नजर आ रहे हैं. अधिकारियों की माने तो झालाना जंगल के तेंदुए आमागढ़, गलता में भी टेरेटरी बना रहे हैं. इनके अचरोल तक जाने के भी सबूत मिल चुके हैं. 

बहादुर की बादशाहत बरकरार

झालाना जंगल में करीब 50 से ज्यादा तेंदुए प्रवास कर रहे हैं, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा ताकतवर नर पैंथर बहादुर माना जा रहा है. कारण कि ये सबसे ज्यादा ताकतवर है. इसने जंगल में चीतलवाड़ा, कनेक्टिंग ट्रेक, जोन एक, पानी की तलाई संख्या 4 के आसपास तक सबसे ज्यादा क्षेत्र पर वर्चस्व कायम कर रखा है.  इसके क्षेत्र में दूसरे पैंथर आने से कतराते हैं.

इन तेंदुओं की सबसे ज्यादा साइटिंग

जंगल में इन दिनों सैलानियों को तेंदुओं की अच्छी साइटिंग हो रही है. मादा तेंदुआ फ्लोरा पानी की तलाई, नर पैंथर राणा जोन 2, मादा तेंदुए जलेबी चीलतवाड़ा, नर पैंथर रैम्बो जोन 1, मादा तेंदुआ शर्मिली-आरती पानी की तलाई, मादा तेंदुआ बसंती टेरेक एक के आसपास नजर आ रही है. झालाना फोरेस्टर जोगेंदर सिंह ने बताया कि नए तेंदुए मां के आसपास ही अपना ठीकाना बना रखे हैं. इससे वह खुद को सुरक्षित समझ रहे हैं. हालांकि जंगल छोटा होने से टेरेटरी की भी दिक्कत है लेकिन संर्घष जैसी स्थिति नहीं दिखी. क्योंकि वे आमागढ़ और आसपास जंगल में टेरेटरी बना रहे हैं. जिससे टेरेटरी को लेकर आपस में टकराव वाली स्थिति खत्म हो जाती है, वहीं, वन विभाग हाल ही में आमागढ लेपर्ड सफारी तैयारी की गई तो वहीं आने वाले दिनों में नाहरगढ लेपर्ड सफारी भी तैयार हो की जा रही है.

Reporter- Damodar Raigar

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