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Jaipur: लंपी के बढ़ते संक्रमण से पशुपालन मंत्री ने जताई चिंता, कहा- हालात हो सकते है और भी ज्यादा भयावह

Jaipur: लंपी स्किन संक्रमण की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है. प्रदेश में लंपी संक्रमण का दायरा दस लाख से ज्यादा गायों तक पहुंच चुका है और चिंता की बात यह कि अब हरियाणा में कुछ जगह भैंसों में भी लंपी संक्रमण के मामले दिखे है. ऐसे मामलों पर पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने भी चिंता जताई है और इसके समाधान के लिए सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश जारी किए गए है. 

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पशुपालन मंत्री ने जताई चिंता
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Shashi Mohan|Updated: Sep 09, 2022, 04:44 PM IST

Jaipur: लंपी स्किन संक्रमण की बीमारी लगातार बढ़ती जा रही है. प्रदेश में लंपी संक्रमण का दायरा दस लाख से ज्यादा गायों तक पहुंच चुका है और चिंता की बात यह कि अब हरियाणा में कुछ जगह भैंसों में भी लंपी संक्रमण के मामले दिखे है. ऐसे मामलों पर पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने भी चिंता जताई है और इसके समाधान के लिए सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश जारी किए गए है. ऐसे में पशुपालकों को चिंता इस बात की है कि अगर भैंसों में संक्रमण फैल गया तो पशुपालकों का बड़ा नुकसान हो सकता है. 

बहरहाल गायों के निस्तारण से लेकर मृत पशुओं के आंकड़ों को लेकर गतिरोध की बातें सामने आ रही है और इन मुद्दों ने पशुपालकों के साथ ही विभाग के अधिकारियों और मन्त्रियों को भी चिंता में डाल दिया है. सबसे बड़ी चिंता का विषय मृत पशुओं की संख्या को लेकर भी आ रहा है. सवाल यह है कि क्या विभाग आंकड़े छिपा रहा है? और सवाल यह भी कि अगर विभाग आंकड़े नहीं छिपा रहा तो फिर मृत पशुओं के निस्तारण के आंकड़ों और लंपी से मरने वाले पशुओं की संख्या में अंतर क्यों आ रहा है?

बीकानेर से मृत पशुओं के खुले में शव निस्तारण की तस्वीरें, बाड़मेर-जोधपुर और दूसरे जिलों से लंपी स्किन से परेशान होते गौधन की तस्वीरें, सरकार वैक्सीन लगाने में जुटी है, सुधार की बातें और दावे भी हो रहे हैं, लेकिन किसी न किसी स्तर पर व्यवस्थाओं में झोल भी दिख रहा है. दरअसल मृत पशुओं के आंकड़ों में कुछ गतिरोध दिख रहा है. बीकानेर समेत प्रदेश के कुछ अन्य जिलों से भी इस तरह की खबरें आई है. ऐसे मामलों पर पशुपालन मंत्री लालचन्द कटारिया ने भी चिंता जताई है और इसके समाधान के लिए सभी जिला कलेक्टर्स को निर्देश जारी किए गए है. 

कटारिया कहते हैं कि कलेक्टर्स को कहा गया है कि पशुओं की बॉडी का सही तरीके से निस्तारण किया जाए. इसके लिए सही तरीके से गड्डा खुदवाकर उसमें नमक और चूना डलावाया जाए और उसके बाद बॉडी को मिट्टी से पूरी तरह ढंका जाए. इसके साथ ही पशुपालन विभाग की एक चिंता पोस्ट लंपी असर और इसके चलते पशुओं की मौत को लेकर भी है. पशुपालन मंत्री कहते हैं कि विभाग को कुछ जगहों से पशुपालकों की इस तरह की शिकायत आई है कि लम्पी संक्रमण से पूरी तरह ठीक होने के दस-पन्द्रह दिन पाद पशु की मौत हुई है.

यह भी पढ़ें - राजस्थान में लंपी स्किन से 45 हजार से ज्यादा गायों की मौत, 10 लाख से ज्यादा संक्रमित, बीजेपी का गहलोत सरकार पर हमला

दरअसल कटारिया एक और बात को लेकर चिन्तित हैं और वह है लम्पी संक्रमण का भैंसों तक पहुंचना. पशुपालन मंत्री कहते हैं कि हरियाणा में कुछ जगह भैंसों में लम्पी स्किन डिजीज की बात आई है और अगर यह राजस्थान पहुंचा तो हालात और ज्यादा भयावह हो सकते है.

बहरहाल पशुओं में मौत के आंकड़ों को लेकर पशुपालन विभाग खुद कारण जानने में जुटा है कि अगर स्थानीय निकाय की तरफ से पशुओं के शव निस्तारित करने और विभाग में लम्पी संक्रमण से मृत पशुओं की संख्या में अन्तर आया है तो उसका कारण क्या है? सवाल यह है कि यह वाकई संक्रमण के कारण बढ़ा हुआ आंकड़ा है या किसी स्तर पर नीयत की खराबी के चलते आंकड़े में बढ़ोत्तरी हुई है?

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