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पौने 2 साल में नहीं बढ़े 1 कदम ! महज 23 हजार वर्गमीटर की बिल्डिंग में चल रहा जयपुर एयरपोर्ट

Jaipur Airport : पौने 2 साल में नहीं बढ़े 1 कदम ! जयपुर एयरपोर्ट पर जरूरत सवा लाख वर्गमीटर की, महज 23 हजार वर्गमीटर की बिल्डिंग से चला रहे काम, जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन नहीं कर रहा एक्सपेंशन, एयर साइड में इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ, लेकिन बिल्डिंग एक्सपेंशन की कोई योजना नहीं

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पौने 2 साल में नहीं बढ़े 1 कदम ! महज 23 हजार वर्गमीटर की बिल्डिंग में चल रहा जयपुर एयरपोर्ट
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Zee Rajasthan Web Team|Updated: Jul 09, 2023, 10:44 AM IST

Jaipur Airport : अडानी समूह को जयपुर एयरपोर्ट का संचालन संभाले हुए पौने 2 साल का समय बीत चुका है. लेकिन एयरपोर्ट के विकास और विस्तार की दिशा में अभी तक एक भी कदम आगे नहीं बढ़ाया गया है. एयरपोर्ट पर सबसे ज्यादा जरूरत बिल्डिंग एक्सपेंशन की है, लेकिन एयरपोर्ट प्रशासन ने अभी तक इस दिशा में कोई कवायद शुरू नहीं की है.

जयपुर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से वर्तमान में रोजाना औसतन 15 हजार यात्रियों का आवागमन हो रहा है. हर महीने यात्रियों की संख्या साढ़े 4 लाख से अधिक है. एयरपोर्ट पर इन दिनों सुबह और दोपहर के समय यात्रियों को वेटिंग हॉल में बैठने को सीट नहीं मिलती, तो कई बार वॉशरूम जाने के लिए भी कतार में खड़ा होना पड़ता है. सीमित सिटिंग स्पेस और बोर्डिंग गेट कम होने की वजह से यात्रियों को ये परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. अब जबकि गर्मियों में एयरपोर्ट पर ये हाल हैं, तो इस बार सर्दियों में पर्यटन सीजन में क्या हालत होगी, इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है. माना जा रहा है कि अक्टूबर की शुरुआत में जयपुर एयरपोर्ट पर फ्लाइट्स की संख्या रोजाना 65 से अधिक और दैनिक औसत यात्रीभार 17 हजार तक पहुंच सकता है. वहीं दिसंबर और जनवरी में रोज औसतन यात्रीभार 20 हजार से भी अधिक होने की संभावना मानी जा रही है. ऐसे में जयपुर एयरपोर्ट के छोटे से टर्मिनल से इतनी बड़ी संख्या में यात्रियों का मूवमेंट मुश्किल भरा रहने वाला है. दूसरी तरफ एयरोब्रिज और सुरक्षा संबंधी कमियों के नाम पर एयरपोर्ट प्रशासन टर्मिनल-1 को भी शुरू नहीं कर रहा है.

सबसे जरूरी बिल्डिंग एक्सपेंशन, वही नहीं हो रहा !

- अभी करीब 23 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में फैला है एयरपोर्ट का टर्मिनल- 2

- एयरपोर्ट प्रशासन ने वर्ष 2016 में माना था, बिल्डिंग एक्सपेंशन किया जाना है जरूरी
- तब 1.25 लाख वर्गमीटर क्षेत्रफल में 2 नई बिल्डिंग निर्माण का हुआ था फैसला

- जर्मनी की डॉर्श कन्सल्टिंग कंपनी को बिल्डिंग डिजाइनिंग का दिया गया था टेंडर
- मौजूदा बिल्डिंग के लेफ्ट में डोमेस्टिक डिपार्चर के लिए तैयार होनी थी बिल्डिंग

- मौजूदा बिल्डिंग के राइट में डोमेस्टिक अराइवल के लिए बननी थी नई बिल्डिंग
- मौजूदा बिल्डिंग से इंटरनेशनल फ्लाइट्स चलाए जाने की थी योजना

- वर्ष 2016 में तब इस योजना पर 1400 करोड़ रुपए की लागत बताई गई थी
- प्रत्येक बिल्डिंग में अत्याधुनिक सुविधाएं और 4-4 एयरोब्रिज बनाए जाने थे

- लेकिन एयरपोर्ट निजीकरण के चलते प्रोजेक्ट डंप हुआ, अब नई योजना बनी नहीं

दूसरी तरफ यदि हम देश के अन्य एयरपोर्ट्स पर विकास कार्यों से तुलना करें तो पाएंगे कि अन्य एयरपोर्ट्स पर लगातार बिल्डिंग विस्तार को लेकर कवायद की जा रही है. जयपुर के समकक्ष लखनऊ, गुवाहाटी, अहमदाबाद और अन्य एयरपोर्ट्स पर लगातार बिल्डिंग विस्तार पर फोकस किया जा रहा है. लखनऊ एयरपोर्ट का संचालन संभालने के बाद 3 साल में अडानी समूह ने वहां पर टर्मिनल-3 का निर्माण कार्य तेज किया है. यहां टर्मिनल-3 के पहले फेज का कार्य इसी साल पूरा होने की संभावना है. इसी तरह गुवाहाटी एयरपोर्ट पर भी नई टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा है.

जानिए, दूसरे एयरपोर्ट्स की तुलना में कहां है जयपुर एयरपोर्ट

- जयपुर एयरपोर्ट के दोनों टर्मिनल भवन का एरिया 34500 वर्गमीटर

- त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट यात्रीभार व फ्लाइट संचालन में जयपुर से पीछे
- लेकिन त्रिवेन्द्रम के दोनों टर्मिनल का क्षेत्रफल 44 हजार वर्गमीटर

- गुवाहाटी एयरपोर्ट पर नया टर्मिनल भवन बनाया जा रहा
- 1.02 लाख वर्गमीटर का नया टर्मिनल एक करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त होगा

- लखनऊ एयरपोर्ट पर 84 हजार वर्गमीटर क्षेत्रफल का टर्मिनल बन रहा
- लखनऊ एयरपोर्ट से सालाना 1 करोड़ 30 लाख यात्रीभार आ-जा सकेगा

- अहमदाबाद एयरपोर्ट फ्लाइट संचालन के लिहाज से जयपुर से दोगुना बड़ा
- लेकिन टर्मिनल बिल्डिंग 86 हजार वर्गमीटर की, जो जयपुर से ढाई गुना ज्यादा

- कोचीन एयरपोर्ट पर यात्रीभार जयपुर से करीब डेढ़ गुना
- लेकिन यहां 3 टर्मिनल बिल्डिंग फैली 2.15 लाख वर्गमीटर क्षेत्र में, जयपुर से 6 गुना बड़ा

बड़ी बात यह है कि जयपुर एयरपोर्ट पर एयर साइड में काफी विकास कार्य किए गए हैं. यहां 19 नए पार्किंग वे बनाने के साथ ही टैक्सी ट्रैक का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. 2 नए राडार लगाने का कार्य भी पूरा हो चुका है, लेकिन टर्मिनल बिल्डिंग विस्तार के अभाव में यह सभी सुविधाएं यूटिलाइज नहीं हो पा रहीं. इस बारे में जब एयरपोर्ट प्रशासन का पक्ष जानने का प्रयास किया गया तो प्रवक्ता ने कहा कि एक विदेशी कंपनी के जरिए मास्टर प्लान तैयार करवाया जा रहा है. एयरपोर्ट का विस्तार 3 फेज में किया जाएगा. इसके लिए एयरपोर्ट इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी और अन्य एजेंसियों से परमिशन लेने की कवायद की जा रही है. हालांकि वे यह नहीं बता सके कि बिल्डिंग एक्सपेंशन का कार्य कब शुरू होगा और जयपुर वासियों को नए टर्मिनल भवन कब मिल सकेंगे.

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