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Rajasthan: राजस्थान में राशन डीलरों के सामने बढ़ा आर्थिक संकट, गेहूं का आवंटन आधा हुआ तो घट गई आमदनी

Rajasthan: राजस्थान में कोरोना काल में चालू किए गिए राशन के 5 किलो गेहूं को अब बंद करने के बाद राशन डीलरों को मिलने वाला कमीशन भी आधा ही रह गया है. इससे उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.   

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Rajasthan: राजस्थान में राशन डीलरों के सामने बढ़ा आर्थिक संकट, गेहूं का आवंटन आधा हुआ तो घट गई आमदनी
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Deepak Goyal|Updated: Feb 06, 2023, 07:45 PM IST

Rajasthan: राजस्थान के 27 हजार 33 राशनडीलरों के दुकान का किराया, इन्टरनेट खर्चा, पल्लेदारी व मशीन मेंटिनेंस चुकाने के लिए राशि कर्ज लेनी पड़ रही है. इस माह से गेहूं बंद करने से राशन डीलरों को आधा ही गेहूं आवंटित किया जा रहा तो कमीशन की राशि भी आधी रह गई है.

इससे जयपुर में 2 हजार राशनडीलरों को अब स्वयं के परिवारों का खर्चा चलाना तो दूर दुकान किराया, इंटरनेट खर्च, बिजली का बिल व पल्लेदारी का भुगतान करना भी मुश्किल हो गया है. अब राशनडीलरों में आक्रोश है. 

राशन डीलर कमीशन व अन्य सुविधाओं की मांग को लेकर आक्रोशित है. जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में 27 हजार 33 राशन डीलर है. जिनको अप्रैल 2020 से 4लाख 56 हजार मीट्रिक टन प्रति माह आवंटित किया जाता था.

लेकिन 5 किलो प्रति व्यक्ति गेहूं बंद करने के बाद अब 2 लाख 30 हजार मीट्रिक टन ही गेहूं आंवटित होने लग गया है. इसका कमीशन भी 54 करोड़ रुपए महीना बनता था. सरकार राशन डीलरों को 125 रुपए प्रति क्विंटल कमीशन तय है. 

कमीशन की राशि तो नहीं घटाई लेकिन जब गेहूं की आधा आवंटित हो रहा तो कमीशन की राशि भी स्वत: ही कम हो गई. प्रति क्विंटल 125 रुपए के कमीशन में से 10 रुपए तो मशीन और 5 रुपए 21 पैसे मेंटिनेंस के काट लिए जाते है.

जो कमीशन तय है वह भी अक्टूबर-2022 से उनको नहीं मिल रहा है. राशनडीलरों के सामने परिवार पालने का संकट खड़ा हो गया है. राज्य सरकार का गेहूं बंद होने से उनका कमीशन भी कम हो गया है. राशनडीलरों को सम्मान मानदेय दिया जाए. अन्यथा उग्र आंदोलन करेंगे.

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