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किस्सा फाइल्स का!आखिर नगर पालिका से कहां गायब हो गई पट्टों की फाइलें?

नगर पालिका में आवेदन करने के बाद पट्टे की फाइल ही गायब हो गई. नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी देवेंद्र जिंदल से जब बातचीत की गई तो कहा कि एंपावर्ड कमेटी के माध्यम से स्वीकृत हुई 5 फाइलें चेयरमैन विष्णु सैनी को भिजवाई गई लेकिन चेयरमैन साहब ने वापस नहीं लौटाई. 

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किस्सा फाइल्स का!आखिर नगर पालिका से कहां गायब हो गई पट्टों की फाइलें?
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Pradeep Soni|Updated: Oct 18, 2022, 07:07 PM IST

Chomu: राजधानी जयपुर की चौमूं नगरपालिका में इन दिनों किस्सा फाइल्स का चल रहा है. सरकार ने आमजन के हितों को ध्यान में रखकर प्रशासन शहर और गांव के शहर अभियान चलाया ताकि हर व्यक्ति को आसानी से अपनी भूखंड का पट्टा मिल सके लेकिन यहां तो सरकार की प्रशासन शहरों के संग अभियान को पलीता लगाया जा रहा है.

नगर पालिका में आवेदन करने के बाद पट्टे की फाइल ही गायब हो गई. नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी देवेंद्र जिंदल से जब बातचीत की गई तो कहा कि एंपावर्ड कमेटी के माध्यम से स्वीकृत हुई 5 फाइलें चेयरमैन विष्णु सैनी को भिजवाई गई लेकिन चेयरमैन साहब ने वापस नहीं लौटाई. चेयरमैन ने कहा कि मेरे पास एक भी फाइल नहीं है. ऐसे में आप कई सवाल खड़े होते हैं क्या इन फाइलों को जमीन खा गई आसमान निकल गया?

इधर चेयरमैन की पत्रावली रिसीव करने वाली महिला कार्मिक सुधा ने अधिशासी अधिकारी के नाम पत्र लिखकर बताया कि 34 पट्टा पत्रावली मेरे द्वारा चेयरमैन विष्णु सैनी को सुपुर्द की गई लेकिन चेयरमैन ने 29 पट्टा पत्रावली ही मुझे वापस दी. 5 फाइलें आज तक भी मुझे नहीं दी गई लेकिन अब पांच फाइलों के लिए चेयरमैन विष्णु सैनी लगातार मना कर रहे हैं. इन फाइलों को लेने के लिए अधिशासी अधिकारी देवेंद्र जिंदल ने चेयरमैन को भी कई बार पत्र लिख दिए. इतना ही नहीं उन्होंने स्वायत शासन विभाग को भी पत्र लिखे हैं लेकिन अभी तक भी फाइलें EO को नहीं लौटाई गई हैं. चेयरमैन की कार्यशैली को लेकर कांग्रेस के पार्षद भी मोर्चा खोल चुके हैं. कांग्रेस के पार्षदों ने चेयरमैन पर गम्भीर के आरोप जड़े हैं.

इधर पट्टे के लिए आवेदन करने वाले लोग नगरपालिका के चक्कर काटकर थक गए हैं. सवाल यह उठता है कि झूठ कौन बोल रहा है ?क्या चेयरमैन झूठ बोल रहे हैं कि मेरे पास फाइल नहीं है या फिर अधिशासी अधिकारी झूठ बोल रहे हैं लेकिन अधिशासी अधिकारी और सुधा शर्मा के पत्रों को पढ़कर लगता है कि फाइलें चेयरमैन के पास हैं और चेयरमैन यह फाइलें देना नहीं चाहते हैं. इसके पीछे क्या राज है यह तो चेयरमैन खुद जाने.

शहर में चर्चा इस बात की है कि अधिशासी अधिकारी देवेंद्र जिंदल और चेयरमैन के बीच लंबे समय से अनबन चल रही है. EO देवेंद्र जिंदल किसी भी सूरत में चेयरमैन की कठपुतली बनकर काम नहीं करना चाहते हैं इसीलिए यह फाइलें रोकी जा रही है लेकिन चेयरमैन और अधिशासी की आपसी लड़ाई में शहर की जनता का अहित हो रहा है. एक तरफ सरकार गुड गवर्नेंस देने का दावा कर रही है. लेकिन यहां इस तरह से सरकार की योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है.

बीजेपी ने भी इन फाइलों को लेकर सवाल खड़े किए हैं. भाजपा पार्षद बाबूलाल यादव ने कहा कि चेयरमैन की कार्यशैली से शहर की जनता परेशान है. चेयरमैन इन फाइलों को दबाकर वसूली करने की फिराक में है. अधिशासी अधिकारी के सामने अब चेयरमैन की दाल गलती नजर नहीं आ रही है इसलिए ये फाइलें दबा रखी हैं. इतना ही नहीं कांग्रेस के पार्षद भी अब तो चेयरमैन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं.

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