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Green Crackers: जयपुर में केवल ग्रीन पटाखे से दिवाली मनाने की अपील, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड की ओर से अभियान

Jaipur: राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अगले सप्ताह सोमवार को दीपावली के मद्देनजर बारूद एवं पटाखे चलाने को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी किये हैं. 

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हरित दीवाली मनाने की अपील.
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Damodar Prasad|Updated: Oct 20, 2022, 11:29 PM IST

Jaipur: राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अगले सप्ताह सोमवार को दीपावली के मद्देनजर बारूद एवं पटाखे चलाने को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी किये हैं. राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रक बोर्ड की ओर से अभियान चलाया है. बोर्ड की ओर से बताया गया कि स्वच्छ वातावरण और स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखने के लिए बारूद वाले पटाखें उपयोग नहीं करने के लिए एक दूसरे को जागरूक करे.  इसके तहत लोगों से कहा गया है कि वे निर्धारित मानक की आवाज वाले पटाखे ही चलायें. अधिक आवाज वाले पटाखों का प्रयोग न करें. प्रदूषण मानकों के मुताबिक प्रदेश में ग्रीन पटाखें को ही दीवाली में चलाने की अपील की है.

गौरतलब है कि भारत के मुख्य पर्व दीपावली का उत्सव धनतेरस से ही शुरु हो जाता है. इस वर्ष शनिवार को धनतेरस के मद्देनजर बारुद का प्रयोग शुरु होने से पहले बोर्ड ने ये दिशानिर्देश जारी किये हैं. बोर्ड ने इसके तहत शांत क्षेत्रों में विस्फोट की आवाज वाली बारूद चलाने से बचने के लिये लोगों से कहा है. बोर्ड ने शांत क्षेत्र से आशय स्पष्ट करते हुए कहा कि इसके दायरे में शिक्षण संस्थान, न्यायालय, धार्मिक स्थल और अस्पताल के अलावा सक्षम प्राधिकारी द्वारा घोषित स्थल से 100 मीटर के घेरे वाले स्थान को शांत क्षेत्र घोषित किया गया है.

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अभिभावकों से भी अपील की गयी है कि वे अपने बच्चों को प्रदूषण रहित दीवाली मनाने के लिए प्रेरित करें. साथ ही बोर्ड ने शिक्षण संस्थानों से छात्रों को वायु एवं ध्वनि प्रदूषण के प्रभावों के बारे में जागरुक करने को कहा है, जिससे वे हरित दीवाली मनाने के लिये प्रेरित हों.

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बोर्ड ने बाजार में केवल हरित पटाखों की बिक्री किये जाने और लोगों द्वारा हरित पटाखों का ही प्रयोग करने को कहा है. बोरियम साल्ट रहित पटाखों को हरित बारूद की श्रेणी में रखा गया है. बोर्ड ने हरित पटाखों को निर्धारित समय सीमा के भीतर ही चलाने की अनुमति दी है.बारूद वाले पटाखों के उपयोग से अस्थमा, स्कीन बीमारी से पीड़ित मरीजों सहित अन्य के लिए हानिकारक होते है.

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