Electricity Crisis in Rajasthan: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने पलटवार किया है.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज का कहना है कि बिजली आपूर्ति पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बयानबाजी कर रहे हैं,लेकिन तथ्य नहीं बता रहे हैं. उनकी सरकार ने दूसरे राज्यों से बैंकिंग समझौता कर बिजली ली. समझौते के तहत आज इस भीषण गर्मी में 147 लाख यूनिट बिजली दूसरे राज्यों को चुकानी पड़ रही है.
भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस सरकार में बिजली उत्पादन करने वाले हाइड्रो और थर्मल पावर प्लांट की दुर्दशा हुई है. पिछले साल सितंबर में बिजली की मांग पर कांग्रेस के मंत्री अशोक चांदना को धरने पर बैठना पड़ा था.बिजली संकट को दूर करने के लिए भजनलाल शर्मा की सरकार में 2 लाख 24 हजजार करोड़ के एमओयू किए गए हैं. सरकार बिजली संकट का समाधान करने की पूरी कोशिश कर रही है. जिसका असर जल्द दिखाई देगा.
अशोक गहलोत ने किया था ट्वीट
बता दें कि हाल ही में अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ट्वीट करते हुए लिखा,''राजस्थान के सभी जिलों से अघोषित बिजली कटौती की शिकायतें आ रही हैं. इस गर्मी के मौसम में बिजली कटौती से जनता त्रस्त है. भाजपा के घोषणा पत्र में पेज संख्या 15 पर राजस्थान में 24 घंटे घरेलू बिजली का वादा किया गया था.CM श्री @BhajanlalBJP दावा करते हैं कि उन्होंने घोषणा पत्र के 45% वादे पूरे कर दिए परन्तु ये दावा पूरी तरह हवा हवाई साबित हो रहा है.मुख्यमंत्री जी को 6 महीने से जारी भारत भ्रमण छोड़कर प्रदेश की जनता की ओर देखना चाहिए जो इस गर्मी में बिजली कटौती से त्रस्त है.''
राजस्थान में बिजली संकट
गौरतलब है कि राजस्थान में भीषण गर्मी के बीच कुछ जिलों में अघोषित बिजली कटौती ने लोगों की परेशानियां बढ़ा दी है. सोलर, विंड, थर्मल के साथ ही खरीद से भी बिजली की डिमांड के अनुसार बिजली की उपलब्धता नहीं हो पा रही है. जिसके चलते अघोषित बिजली कटौती की जा रही है. पीक आवर्स में तो ज्यादा दाम देने के बावजूद भी बिजली नहीं मिल पा रही है. जिसके चलते गांवों में 2 से ज्यादा घंटों की बिजली कटौती की जा रही है. वहीं शहरी क्षेत्रों में डेढ़ घंटे तक बिजली काटी जा रही है. भीषण गर्मी से बिजली संकट गहरा गया है.