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Rajasthan- पेपर लीक मामले पर बड़ा अपडेट, RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को गवर्नर ने किया निलंबित

RPSC Paper Leak Case : पेपर लीक को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. कटारा राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य थे. राज्यपाल  कलराज मिश्र ने संविधान के अनुच्छेद 317 के तहत यह कार्रवाई की है.  

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Governor suspended RPSC member Babulal Katara
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Anamika Mishra |Updated: Jan 26, 2024, 07:57 PM IST

RPSC Paper Leak Case : पेपर लीक को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. राज्यपाल ने RPSC के सदस्य बाबूलाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.  कटारा राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य थे. राज्यपाल  कलराज मिश्र ने संविधान के अनुच्छेद 317 के तहत यह कार्रवाई की है.  संविधान के अनुच्छेद 317 में आयोग के सदस्य को पद मुक्त करने की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है.  आयोग के सदस्यों को कथित दुराचार के लिए राष्ट्रपति के आदेश के जरिए पद मुक्त किया जा सकता है .

 संविधान विशेषज्ञों से ली मदद

बता दें कि बाबूलाल कटारा की गिरफ्तारी होने के बाद से ही उसे RPSC के सदस्य से हटाने की कवायदें तेज थी. इस संबंध में राज्य सरकार के जरिए संविधान विशेषज्ञों की मदद ली जा रही थी. जिसके बाद शुक्रवार को राज्यपाल ने इसे अमलीजामा पहनाते हुए  बाबूलाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. 

 

गौरतलब है कि पेपर लीक मामले की जांच के लिए गठित SoG  ने 18 अप्रैल को RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार किया था. मामले में आयोग के चेयरमैन ने कटारा पर कार्रवाई के लिए सीएम और मुख्य सचिव उषा शर्मा को पत्र लिखा था. जिसके बाद से इस विषय में लगातार विचार विमर्श हो रहा था, क्योंकि आयोग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था की कोई सदस्य गिरफ्तार हुआ है. साथ ही वर्तमान की भजनलाल सरकार ने शपथ लेने के साथ ही यह कड़े निर्देश दिए थे कि वह युवाओं के भविष्य से खेलने वालों को माफ नहीं करेगी. 

यह है हटाने की प्रक्रिया
राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों को गंभीर मामलों से संबंधित रिपोर्ट राज्यपाल को भेजनी होती . राजभवन अपने स्तर संविधान सम्मत कार्रवाई करते हुए संबंधित सदस्य को निलंबित करने की फाइल राष्ट्रपति को भेजनी पड़ती है। राष्ट्रपति की अनुशंसा के बाद संबंधित सदस्य को राज्यपाल उसके पद से बर्खास्त कर देता है.

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