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बारिश में क्या होता है रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट का मतलब, पढ़िए अपडेट के साथ

 भारत में  बढ़ते तापमान ,  मानसून  और चक्रवात के समय मौसम विभाग काफी अलर्ट मोड में आ जाता है. वह हर साल मानसून के मौसम में बारिश की गति के अनुसार चेतावनी जारी करता है, ये अलर्ट अलग-अलग रंगों के नाम से होते हैं. जैसे - रेड अलर्ट, ऑरेंज अलर्ट, ग्रीन अलर्ट या येलो अलर्ट

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बारिश में क्या होता है रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट का मतलब, पढ़िए अपडेट के साथ
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Anamika Mishra |Updated: Jul 16, 2022, 01:47 PM IST

Weather News: भारत में  बढ़ते तापमान ,  मानसून  और चक्रवात के समय मौसम विभाग काफी अलर्ट मोड में आ जाता है. वह हर साल मानसून के मौसम में बारिश की गति के अनुसार चेतावनी जारी करता है, ये अलर्ट अलग-अलग रंगों के नाम से होते हैं. जैसे - रेड अलर्ट, ऑरेंज अलर्ट, ग्रीन अलर्ट या येलो अलर्ट. अक्सर मानसूनी खबरों में आप इन अलर्ट्स का जिक्र कई बार सुनते होंगे. पर क्या आप जानते है आखिर ये अलर्ट  क्या है और आखिर इन्हें मौसम विभाग क्यों जारी करता है. आईये जानते है कि कौन कौन से है ये अलर्ट और क्या है इनकी अहमियता?

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रेल अलर्ट


ये अलर्ट,  मौसम विभाग  काफी भारी बारिश की चेतावनी आने पर  देता है.  जैसे 24 घंटे में 200 मिमी तक बारिश . या कहे जब भी देश के किसी भी हिस्से में तेज बारिश के साथ 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा की गति वाला चक्रवात आता है, तो मौसम विभाग के जरिए तूफान की सीमा के भीतर आने वाले क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है, और प्रशासन को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा जाता है. जिन राज्यों के लिए यह अलर्ट होता है, वहां के प्रशासन को फायर ब्रिगेड, नेशनल डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (NDRF), रेलवे जैसे अन्य  जरूरी कदम उठाने होते है, जिससे आपातस्थिति में कम जनहानि  से बचा जा सके.  

ऑरेंज अलर्ट


 मौसम विभाग किसी भी चक्रवात या मानसून की तेज बारिश में जैसे-जैसे मौसम खराब  होने लगता है, वैसे ही विभाग येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज अलर्ट जारी  करता है. अक्सर हमने देखा है कि मौसम विभाग ऑरेंज अलर्ट के अंतर्गत इस प्रकार की वार्निंग जारी करता है " इस चक्रवात के कारण मौसम के बहुत अधिक खराब होने की संभावना है जितना हो सके घर में रहे. इसलिए लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है. इस प्रकार की वार्निंग जारी किए जाने वाले चक्रवात में हवा की स्पीड लगभग 65 से 75 किमी. प्रति घंटा होती है और 15 से 33 मिमी. की तेज बारिश होने की संभावना रहती है. इस अलर्ट में प्रभावित क्षेत्र में खतरनाक बाढ़ आने की प्रबल संभावना होती है. इस प्रकार के अलर्ट की सूचना में लोगों को प्रभावित एरिया से बाहर निकालने का प्लान तैयार रखना पड़ता है.

येलो अलर्ट


इस अलर्ट के अंतर्गत मौसम विभाग ज्यादातर तेज बारिश या चक्रवात में होने वाले खतरों से लोगों को जागरूक करता है. या यूं कहे कि यह केवल जानकारी के लिए होता है जिससे वह कसी भी मुसीबत से  बच सके.   इस तरह के अलर्ट के अंतर्गत ज्यादातर बारिश 7.5 से 15 मिमी तक रहने की संभावना होती है, जिसके अगले 1 या 2 घंटे तक जारी रहने की संभावना है, जिससे  कई बार बाढ़ की संभावना भी बनी रहती है. इसकी के चलते मौसम विभाग इस अलर्ट पर काफी निगरानी रखता है क्योंकि इसके बाद ही ऑरेंज अलर्ट किया जाता है.

ग्रीन अलर्ट


हरा रंग हमेशा से सुरक्षित रहने का प्रतीक होता है. इसलिए जब भी कई बार मौसम विभाग के जरिए ग्रीन अलर्ट जारी किया जाता है.  तो इसका मतलब होता है कि संबंधित जगह पर कोई खतरा नहीं है. क्योंकि इस अलर्ट के बाद बारिश के पूर्वानुमान के तहत ग्रीन अलर्ट हल्की या मध्यम बारिश के लिए जारी किया जाता है

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